हिसार: फिल्म पानीपत के विरोध में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति उतर चुकी है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने फिल्म के विरोध में जिला उपायुक्त और एसपी को ज्ञापन सौंपा है. संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि फिल्म चलाई गई तो इससे होने वाली हिंसा और नुकसान का जिम्मेदार सिनेमा मालिक खुद होगा.
जाट आरक्षण संघर्ष समिति का कहना है कि महाराजा सूरजमल के किरदार से छेड़छाड़ करते हुए जाट समुदाय की भावनाओं को आहत किया गया है. पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हिसार के कुछ चुनिंदा सिनेमाघरों के बाहर पुलिस के जवान भी तैनात किए हैं. वहीं कुछ सिनेमाघरों ने फिल्म प्रदर्शित ना करने की सूचना भी सिनेमाघरों ने लगाई है.
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जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता राम भगत मलिक ने कहा कि फिल्म पानीपत को लेकर विरोध जताते हुए उपायुक्त और एसपी को ज्ञापन दिया गया है. फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल का किरदार इतिहास से दूर है. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल के वंशजों से फिल्म को लेकर सलाह की जानी चाहिए थी. ज्ञापन में मांग की गई है कि डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाए.
राम भगत ने बताया कि 7 दिसंबर को बैठक कर जाट आरक्षण संघर्ष समिति और जाट सेवा संघ ने फैसला लिया कि अलग-अलग जिलों में अलग-अलग दिनों में फिल्म का विरोध कर ज्ञापन दिया जाएगा. राम भगत मलिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि फिल्म पर बैन नहीं लगाया गया तो जिस प्रकार फिल्म पद्मावत का विरोध राजपूतों ने किया और काफी नुकसान हुआ इसी तर्ज पर पानीपत फिल्म का भी विरोध किया जाएगा.
बता दें कि पानीपत के खिलाफ लोगों का गुस्सा इसलिए फूटा है क्योंकि ऐसा आरोप लग रहा है कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़खानी करने की कोशिश की गई है. फिल्म में महाराजा सूरजमल की छवि को गलत ढंग से दिखाया गया है.
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