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हिसार में है कांटे की टक्कर! दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी के बीच है मुकाबला - ताजा समाचार

हिसार लोकसभा की खास बात ये है कि 17वीं लोकसभा में सांसद 18वां बनेगा. इसका कारण ये है कि भजनलाल का निधन होने के कारण यहां एक बार उपचुनाव भी हुआ है. जिसमें उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई सांसद बने थे.

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Published : May 3, 2019, 4:42 AM IST

Updated : May 3, 2019, 7:30 AM IST

हिसार: हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से एक हिसार लोकसभा पर पूरे हरियाणा की नजर रहती है. इस्पात नगर के नाम से विख्यात हिसार लोकसभा में 9 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में बवानीखेड़ा, उचाना, भिवानी और जींद जिले का क्षेत्र है.

जातीय समीकरण
हिसार लोकसभा में लगभग 15 लाख 76 हजार मतदाता है. हिसार लोकसभा में जाट निर्णायक मतदाता है. एक अनुमान के आधार पर लगभग 33 प्रतिशत जाट, ब्राह्मण 5 प्रतिशत, पंजाबी 4 प्रतिशत, बिश्नोई 2.2 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता हैं.

18वां सांसद बनेगा
हिसार लोकसभा की खास बात ये है कि 17वीं लोकसभा में सांसद 18वां बनेगा. इसका कारण ये है कि भजनलाल का निधन होने के कारण यहां एक बार उपचुनाव भी हुआ है जिसमें उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई सांसद बने. हिसार लोकसभा राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है क्योंकि हिसार को जहां इनेलो का गढ़ माना जाता है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल और जिंदल परिवार का भी ये ग्रह क्षेत्र है.

दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी के बीच मुकाबला
मौजूदा समीकरणों पर नजर डाली जाए तो इस बार का चुनाव सभी दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी के बीच मुकाबले का होगा. एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैदान में हैं तो वहीं अजय चौटाला के बेटे और ओम प्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला जननायक जनता पार्टी से हिसार लोकसभा के उम्मीदवार हैं.

वहीं भजन लाल के पोते और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई हजकां के कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. तीनों उम्मीदवारों में दुष्यंत चौटाला को छोड़कर सभी दोनों उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं दुष्यंत चौटाला का ये दूसरा चुनाव है. इससे पहले भी दुष्यंत चौटाला हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं और यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं.

मौजूदा समीकरण
लोकसभा चुनाव में हार जीत का फैसला हिसार लोकसभा की जनता को करना है, लेकिन यदि मौजूदा समीकरणों को देखा जाए तो दुष्यंत चौटाला एक बार फिर हिसार लोकसभा से जीत दर्ज कर सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह दुष्यंत चौटाला के वोटों में सेंध लगाएंगे क्योंकि दोनों ही जाट समुदाय से संबंध रखते हैं और जाट वोट दोनों के बीच बटेंगे.

वहीं हिसार का व्यापारी वर्ग अशोक गोयल मंगालीवाला को टिकट न दिए जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी से नाराज नजर आ रहा है, इसलिए वे आम आदमी पार्टी समर्थित दुष्यंत चौटाला की तरफ रुझान कर सकते हैं यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर दुष्यंत चौटाला का पलड़ा भारी होगा. वहीं इनेलो से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए रणवीर गंगवा का पिछड़ी जाति के वोटरों में खासा प्रभाव है, इसलिए ये वोट बृजेंद्र सिंह के खाते में अधिक से अधिक जाने की संभावना है.

इनेलो पार्टी ने किसान वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए किसान नेता सुरेश कौथ पर दांव खेला है. सुरेश कोथ भी बीजेपी और जेजेपी के वोटों में सेंध लगाएंगे. इसलिए बीजेपी और जेजेपी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला रहेगा.

हिसार: हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से एक हिसार लोकसभा पर पूरे हरियाणा की नजर रहती है. इस्पात नगर के नाम से विख्यात हिसार लोकसभा में 9 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में बवानीखेड़ा, उचाना, भिवानी और जींद जिले का क्षेत्र है.

जातीय समीकरण
हिसार लोकसभा में लगभग 15 लाख 76 हजार मतदाता है. हिसार लोकसभा में जाट निर्णायक मतदाता है. एक अनुमान के आधार पर लगभग 33 प्रतिशत जाट, ब्राह्मण 5 प्रतिशत, पंजाबी 4 प्रतिशत, बिश्नोई 2.2 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता हैं.

18वां सांसद बनेगा
हिसार लोकसभा की खास बात ये है कि 17वीं लोकसभा में सांसद 18वां बनेगा. इसका कारण ये है कि भजनलाल का निधन होने के कारण यहां एक बार उपचुनाव भी हुआ है जिसमें उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई सांसद बने. हिसार लोकसभा राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है क्योंकि हिसार को जहां इनेलो का गढ़ माना जाता है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल और जिंदल परिवार का भी ये ग्रह क्षेत्र है.

दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी के बीच मुकाबला
मौजूदा समीकरणों पर नजर डाली जाए तो इस बार का चुनाव सभी दिग्गज नेताओं की अगली पीढ़ी के बीच मुकाबले का होगा. एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मैदान में हैं तो वहीं अजय चौटाला के बेटे और ओम प्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला जननायक जनता पार्टी से हिसार लोकसभा के उम्मीदवार हैं.

वहीं भजन लाल के पोते और कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई हजकां के कांग्रेस में विलय होने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. तीनों उम्मीदवारों में दुष्यंत चौटाला को छोड़कर सभी दोनों उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं दुष्यंत चौटाला का ये दूसरा चुनाव है. इससे पहले भी दुष्यंत चौटाला हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ चुके हैं और यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं.

मौजूदा समीकरण
लोकसभा चुनाव में हार जीत का फैसला हिसार लोकसभा की जनता को करना है, लेकिन यदि मौजूदा समीकरणों को देखा जाए तो दुष्यंत चौटाला एक बार फिर हिसार लोकसभा से जीत दर्ज कर सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह दुष्यंत चौटाला के वोटों में सेंध लगाएंगे क्योंकि दोनों ही जाट समुदाय से संबंध रखते हैं और जाट वोट दोनों के बीच बटेंगे.

वहीं हिसार का व्यापारी वर्ग अशोक गोयल मंगालीवाला को टिकट न दिए जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी से नाराज नजर आ रहा है, इसलिए वे आम आदमी पार्टी समर्थित दुष्यंत चौटाला की तरफ रुझान कर सकते हैं यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर दुष्यंत चौटाला का पलड़ा भारी होगा. वहीं इनेलो से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए रणवीर गंगवा का पिछड़ी जाति के वोटरों में खासा प्रभाव है, इसलिए ये वोट बृजेंद्र सिंह के खाते में अधिक से अधिक जाने की संभावना है.

इनेलो पार्टी ने किसान वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए किसान नेता सुरेश कौथ पर दांव खेला है. सुरेश कोथ भी बीजेपी और जेजेपी के वोटों में सेंध लगाएंगे. इसलिए बीजेपी और जेजेपी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला रहेगा.

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Last Updated : May 3, 2019, 7:30 AM IST
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