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हिसार: स्टाफ की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग से मांगी मदद

हिसार का स्वास्थ्य विभाग के पास होम आइसोलेट मरीजों की मॉनिटरिंग करने से लेकर सैंपलिंग बढ़ाने तक फील्ड टीम की कमी है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना से अकेले जंग लड़ रहा है.

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Published : Apr 7, 2021, 11:34 AM IST

हिसार: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद जरूरत है. जिला स्वास्थ्य विभाग कोरोना से संघर्ष करने के साथ ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. इस समय जिले में एक तरफ टीकाकरण का काम चल रहा है और दूसरी तरफ कोरोना केस भी काफी बढ़ रहे हैं. मगर विभाग के पास कार्यबल उतनी ही है, जितना पहले था. यही स्टाफ टीकाकरण, अन्य बीमारियों का इलाज, सैंपलिंग आदि संभाल रहा है.

ये भी पढ़े- फसल खरीद के बीच 8 अप्रैल से हड़ताल पर जा सकते हैं आढती, मनोहर सरकार को मिला अल्टीमेटम

फिलहाल विभाग के पास होम आइसोलेट मरीजों की मॉनीटरिंग करने से लेकर सैंपलिंग बढ़ाने तक फील्ड टीम की कमी है. ऐसे में मरीजों को समय पर सहूलियत मिलना भी बेहद मुश्किल है. अबकी बार स्वास्थ्य विभाग को अन्य किसी विभाग का भी सहयोग नहीं है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना से अकेले जंग लड़ रहा है.

पिछले साल लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन और अन्य विभागों के कर्मियों का काफी सहयोग मिला था. इससे विभाग को मरीजों की मॉनिटरिंग करने, हिस्ट्री जुटाने और मरीजों की देखभाल करने तक काफी मदद मिली थी.

इसके बावजूद भी विभाग ने हिम्मत नहीं हारी है और स्वास्थ्य कर्मियों के भी हौसले बुलंद हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आयुष विभाग से मदद मांगी है और उनसे कुछ आयुष चिकित्सक देने की मांग की है. ताकि मरीजों की मॉनीटरिंग करने और होम आइसोलेट के दौरान उपचार पहुंचाया जा सके.

ये भी पढ़े- हिसार के मय्यड़ टोल पर आज महिला किसानों की महापंचायत

इस बारे में विभागीय अधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी. अब विभाग का कहना है कि मरीजों को सुविधाएं देने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा. अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना से निपटने के लिए प्रत्येक एमओ व एसएमओ की क्षेत्र के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी.

फिर जिस चिकित्सक के दायरे में क्षेत्र आता है, वही उस मरीज को होम आइसोलेट के दौरान उपचार देने एवं मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी संभालेगा. इससे मैनपावर की कमी काफी हद तक दूर होगी और बाकी स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित नहीं होगी.

हिसार: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद जरूरत है. जिला स्वास्थ्य विभाग कोरोना से संघर्ष करने के साथ ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. इस समय जिले में एक तरफ टीकाकरण का काम चल रहा है और दूसरी तरफ कोरोना केस भी काफी बढ़ रहे हैं. मगर विभाग के पास कार्यबल उतनी ही है, जितना पहले था. यही स्टाफ टीकाकरण, अन्य बीमारियों का इलाज, सैंपलिंग आदि संभाल रहा है.

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फिलहाल विभाग के पास होम आइसोलेट मरीजों की मॉनीटरिंग करने से लेकर सैंपलिंग बढ़ाने तक फील्ड टीम की कमी है. ऐसे में मरीजों को समय पर सहूलियत मिलना भी बेहद मुश्किल है. अबकी बार स्वास्थ्य विभाग को अन्य किसी विभाग का भी सहयोग नहीं है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग कोरोना से अकेले जंग लड़ रहा है.

पिछले साल लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन और अन्य विभागों के कर्मियों का काफी सहयोग मिला था. इससे विभाग को मरीजों की मॉनिटरिंग करने, हिस्ट्री जुटाने और मरीजों की देखभाल करने तक काफी मदद मिली थी.

इसके बावजूद भी विभाग ने हिम्मत नहीं हारी है और स्वास्थ्य कर्मियों के भी हौसले बुलंद हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आयुष विभाग से मदद मांगी है और उनसे कुछ आयुष चिकित्सक देने की मांग की है. ताकि मरीजों की मॉनीटरिंग करने और होम आइसोलेट के दौरान उपचार पहुंचाया जा सके.

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इस बारे में विभागीय अधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी. अब विभाग का कहना है कि मरीजों को सुविधाएं देने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा. अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना से निपटने के लिए प्रत्येक एमओ व एसएमओ की क्षेत्र के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी.

फिर जिस चिकित्सक के दायरे में क्षेत्र आता है, वही उस मरीज को होम आइसोलेट के दौरान उपचार देने एवं मॉनिटरिंग करने की जिम्मेदारी संभालेगा. इससे मैनपावर की कमी काफी हद तक दूर होगी और बाकी स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित नहीं होगी.

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