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हिसार में डीसी ने ई-पैरोल सिस्टम लागू करने के दिए निर्देश

हिसार उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने ई-पैरोल प्रोसेसिंग सिस्टम लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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Published : Sep 14, 2020, 9:27 PM IST

हिसार: जिले में बंदियों को पैरोल देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए ई-पैरोल प्रोसेसिंग सिस्टम डेशबोर्ड आरंभ किया गया है. फिलहाल बंदियों को पेरोल देने की प्रक्रिया का ऑनलाइन ट्रायल किया जाएगा. इस डैशबोर्ड से बंदियों के परिजनों को पैरोल के आवेदन के स्टेट्स की पल-पल की जानकारी हासिल होगी और पैरोल देने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी निर्धारित समय सीमा में अनुमति देने के लिए बाध्य होंगे.

ई-पैरोल प्रोसेसिंग सिस्टम के माध्यम से प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की जानकारी संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ आवेदक को भी मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी. उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में सोमवार को हिसार व हांसी के पुलिस अधीक्षकों व जेल अधीक्षकों सहित संंबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर विस्तृत चर्चा की.

उपायुक्त ने कहा कि हिसार जिले से ये पायलट प्रोजेक्ट ट्रायल आधार पर शुरू किया जा रहा है. ऐसा प्रोजेक्ट उन्होंने जिला कैथल में उपायुक्त रहते हुए भी शुरू करवाया था जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत किसी भी कैदी की पैरोल के लिए आवेदन प्राप्त होने से लेकर पैरोल स्वीकृत या अस्वीकृत होने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी.

ये भी पढ़ें- देश में तेजी से ठीक हो रहे कोरोना मरीज, ब्राजील को छोड़ा पीछे

ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत सभी संबंधित अधिकारियों के डैशबोर्ड बनाए गए हैं. ऑनलाइन के अलावा ट्रायल के दौरान ऑफलाइन प्रक्रिया भी साथ जारी रहेगी. ये सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है. इस सॉफ्टवेयर में पैरोल से संबंधित कैदी की पूर्ण जानकारी होगी, जिसमें कैदी संख्या, नाम, पिता का नाम, पता, पूर्व में ली गई पैरोल, पैरोल के उपरांत सरेंडर आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दर्ज होगी.

हिसार: जिले में बंदियों को पैरोल देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के लिए ई-पैरोल प्रोसेसिंग सिस्टम डेशबोर्ड आरंभ किया गया है. फिलहाल बंदियों को पेरोल देने की प्रक्रिया का ऑनलाइन ट्रायल किया जाएगा. इस डैशबोर्ड से बंदियों के परिजनों को पैरोल के आवेदन के स्टेट्स की पल-पल की जानकारी हासिल होगी और पैरोल देने की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी निर्धारित समय सीमा में अनुमति देने के लिए बाध्य होंगे.

ई-पैरोल प्रोसेसिंग सिस्टम के माध्यम से प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की जानकारी संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ आवेदक को भी मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होगी. उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में सोमवार को हिसार व हांसी के पुलिस अधीक्षकों व जेल अधीक्षकों सहित संंबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ ई-पैरोल प्रोसेसिग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर विस्तृत चर्चा की.

उपायुक्त ने कहा कि हिसार जिले से ये पायलट प्रोजेक्ट ट्रायल आधार पर शुरू किया जा रहा है. ऐसा प्रोजेक्ट उन्होंने जिला कैथल में उपायुक्त रहते हुए भी शुरू करवाया था जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत किसी भी कैदी की पैरोल के लिए आवेदन प्राप्त होने से लेकर पैरोल स्वीकृत या अस्वीकृत होने तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी.

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ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत सभी संबंधित अधिकारियों के डैशबोर्ड बनाए गए हैं. ऑनलाइन के अलावा ट्रायल के दौरान ऑफलाइन प्रक्रिया भी साथ जारी रहेगी. ये सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है. इस सॉफ्टवेयर में पैरोल से संबंधित कैदी की पूर्ण जानकारी होगी, जिसमें कैदी संख्या, नाम, पिता का नाम, पता, पूर्व में ली गई पैरोल, पैरोल के उपरांत सरेंडर आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी दर्ज होगी.

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