हिसार: हरियाणा में आदमपुर उपचुनाव को राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने अपने समर्थकों के साथ बैठक (BJP leader Birendra Singh in Adampur) की. बैठक के दौरान उन्होंने आदमपुर उपचुनाव को लेकर चर्चा की. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वो राजनीति से सन्यास ले चुके हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह राजनीति छोड़ देंगे. अटल बिहारी वाजपेई का उदाहरण देते हुए वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह हमेशा कहते थे कि मैं रिटायर्ड हुआ हूं टायर्ड नहींं. वहीं भाजपा नेता के बैठक से पहले लगाई गई होर्डिंग्स चर्चा का विषय बनी हुई है.
हरियाणा आदमपुर उपचुनाव (Haryana Adampur election) को लेकर कुलदीप बिश्नोई का समर्थन करने के बारे में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अभी टिकट का फैसला होना है. जब होगा तब देखा जाएगा. बीजेपी के उम्मीदवार को समर्थन देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह किसी से दबकर राजनीति नहीं करते हैं, बीजेपी किसको टिकट देगी यह फैसला होना बाकी है. हरियाणा के आदमपुर में उपचुनाव को लेकर आदमपुर में ही बैठक करने पर उन्होंने कहा कि 23 मार्च 2023 को उनके साथी बड़ी संख्या में जींद में इकट्ठा होंगे. उन्होंने बताया कि उसी कार्यक्रम की तैयारी को लेकर यह बैठक की गई है. लेकिन आदमपुर में हुई यह बैठक और उसमें आई भीड़ बीजेपी पार्टी को सोचने पर मजबूर कर सकती है.
आदमपुर में BJP नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बैठक बुलाई थी. बैठक करने से पहले उन्होंने आदमपुर शहर में होर्डिंग भी लगवाए थे. लेकिन इन होर्डिंग्स में बीजेपी के किसी नेता का फोटो नहीं था. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि कहीं बीरेंद्र सिंह एक नई राह की ओर तो नहीं चल पड़े हैं. अब खुलकर वह इस बारे में कब ऐलान करेंगे यह राजनीतिक गलियारों में बड़ी चर्चा है. बांगड़ की धरती के नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह हमेशा अपने अलग बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं. वह अपनी पार्टी बीजेपी के खिलाफ भी कई बार खुलकर बोलते हैं. बीरेंद्र सिंह पार्टी हाईकमान की अनदेखी को लेकर कई बार इशारे दे चुके हैं और हाल ही में उन्होंने राजनीति के 50 साल पूरा होने पर अपने हल्के उचाना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें खुलकर उन्होंने नई पार्टी बनाने या फिर नया कदम उठाने के संकेत भी दिए थे.
हरियाणा में बीरेंद्र सिंह मौजूदा दौर में भी सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं. वे लगभग 50 साल से राजनीति में हैं. आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक मजबूत प्रभाव रखने वाले परिवार से बीरेंद्र सिंह ताल्लुक रखते हैं. वो हरियाणा के प्रख्यात किसान नेता सर छोटू राम के पोते हैं और उनके पिता नेकी राम भी हरियाणा की राजनीति में लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं. साल 1977 में पहली बार उचाना कलां विधानसभा सीट बनी. चौधरी बीरेंद्र सिंह यहां के पहले विधायक बने. बीरेंद्र सिंह पांच बार 1977, 1982, 1994, 1996 और 2005 में उचाना से विधायक बन चुके हैं और तीन बार हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बीरेंद्र सिंह साल 1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से पहली दफे सांसद बने. इनेलो के ओमप्रकाश चौटाला को हराकर वो पहली बार सांसद बने थे.