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हिसार में आशा वर्कर्स ने किया प्रदर्शन, राज्य मंत्री का फूंका पुतला

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Published : Aug 25, 2020, 9:09 PM IST

हिसार में मंगलवार को आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर राज्य श्रम मंत्री अनूप धानक का पुतला फूंका. वहीं 26 अगस्त से आशा वर्कर्स ने विधानसभा का घेराव करने का एलान भी किया.

asha workers protest hisar
asha workers protest hisar

हिसार: मंगलवार को हिसार में आशा वर्कर यूनियन सम्बंधित सीटू का धरना 18वें दिन में प्रवेश कर गया. आज धरने को सर्व कर्मचारी संघ, पीटीआई संर्घष समिति, बिजली विभाग, नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन, अध्यापक संघ सहित अनेकों कर्मचारी संगठनों ने मिलकर जिंदल पार्क से जूलूस के रूप में इकट्ठा होकर नागरिक अस्पताल पहुंचकर आशा वर्कर्स के धरने का समर्थन किया.

बुधवार को फिर आशा वर्कर करेंगी प्रदर्शन

आशा वर्कर्स ने हिसार बस स्टैंड पर जमकर नारेबाजी के बाद श्रम मंत्री अनूप धानक का पुतला भी फूंका. साथ ही घोषणा की है कि कल क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होकर जूलूस निकालकर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका जाएगा. वहीं आशा वर्कर्स का एक जत्था विधानसभा के घेराव के लिए भी जाएगा.

सरकार कर रही अनदेखी

आशा वर्कर्स का कहना है कि 2018 में सरकार ने हमारी मांगें मानी थी, लेकिन पूर्णता से लागू नहीं किया. जिसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं और अब विधानसभा का घेराव करेंगे. हम इतने दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं ताकि सरकार हमारी मांगों की तरफ ध्यान दें, लेकिन सरकार हमसे मिलने का समय नहीं दे रही. ये प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री आशा वर्कर से मिलने का समय नहीं देते और बात का हल नहीं करते.

ये हैं आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें-

  • जो मासिक वेतन से आधे पैसे काटे गए हैं सरकार उनको आशाओं के खाते में डाले.
  • जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए और एनएचएम को स्थाई किया जाए.
  • आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% तुरंत वापस किया जाए.
  • कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रु दिए जाएं.
  • गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के द्वारा पैनल हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा दी जाए.
  • ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए.
  • आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए.
  • 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए.
  • आशाओं को समुदायिक स्तरीय अस्थाई कर्मचारी बनाया जाए, वहीं जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.

ये भी पढ़ें- कौन से बिल होंगे पेश, किन मुद्दों पर होगी चर्चा? डिप्टी स्पीकर ने खास बातचीत में बताया

हिसार: मंगलवार को हिसार में आशा वर्कर यूनियन सम्बंधित सीटू का धरना 18वें दिन में प्रवेश कर गया. आज धरने को सर्व कर्मचारी संघ, पीटीआई संर्घष समिति, बिजली विभाग, नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन, अध्यापक संघ सहित अनेकों कर्मचारी संगठनों ने मिलकर जिंदल पार्क से जूलूस के रूप में इकट्ठा होकर नागरिक अस्पताल पहुंचकर आशा वर्कर्स के धरने का समर्थन किया.

बुधवार को फिर आशा वर्कर करेंगी प्रदर्शन

आशा वर्कर्स ने हिसार बस स्टैंड पर जमकर नारेबाजी के बाद श्रम मंत्री अनूप धानक का पुतला भी फूंका. साथ ही घोषणा की है कि कल क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होकर जूलूस निकालकर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका जाएगा. वहीं आशा वर्कर्स का एक जत्था विधानसभा के घेराव के लिए भी जाएगा.

सरकार कर रही अनदेखी

आशा वर्कर्स का कहना है कि 2018 में सरकार ने हमारी मांगें मानी थी, लेकिन पूर्णता से लागू नहीं किया. जिसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं और अब विधानसभा का घेराव करेंगे. हम इतने दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं ताकि सरकार हमारी मांगों की तरफ ध्यान दें, लेकिन सरकार हमसे मिलने का समय नहीं दे रही. ये प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश के मुख्यमंत्री आशा वर्कर से मिलने का समय नहीं देते और बात का हल नहीं करते.

ये हैं आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें-

  • जो मासिक वेतन से आधे पैसे काटे गए हैं सरकार उनको आशाओं के खाते में डाले.
  • जनता को गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकारी स्वास्थ्य के ढांचे को मजबूत किया जाए और एनएचएम को स्थाई किया जाए.
  • आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% तुरंत वापस किया जाए.
  • कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रु दिए जाएं.
  • गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के द्वारा पैनल हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा दी जाए.
  • ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा दी जाए.
  • आशा वर्कर को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए.
  • 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए.
  • आशाओं को समुदायिक स्तरीय अस्थाई कर्मचारी बनाया जाए, वहीं जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए.

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