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हिसार:गौ अभ्यारण में ठंड से एक साथ 14 गायों की मौत, एक गाय की पेट से निकला 20 किलोग्राम पॉलीथिन - ताजा समाचार हिसार

हिसार के ढंढूर में बने गौ अभ्यारण में ठंड से एक साथ 14 गायों की मौत हो गई है. वहीं डॉक्टरों ने पेट में पॉलीथिन को भी गायों की मौत का बड़ा कारण बताया है.

14 cows died from cold in cow sanctuary in hisar
गयों की मौत
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Published : Jan 12, 2020, 7:03 PM IST

हिसार: ढंढूर में बने गौ अभ्यारण्य में शनिवार को एकबार फिर एकसाथ लगभग 14 गायों की मौत हो गई. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू ने विभाग की टीम के साथ गौ अभ्यारण्य का दौरा किया.

इस दौरान उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने प्रशासन द्वारा शहर के अलग-अलग स्थानों से पकड़कर गौ-अभ्यारण्य में रखे गए गौ वंश के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली. टीम ने बीमार पशुओं के लिए अलग से बनाए गए आईसीयू शेड का मुआयना किया और बीमार गौवंश के लिए किए गए प्रबंध और इलाज आदि की जानकारी ली. टीम में विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. शीला सिंह, वेटरनरी सर्जन डॉ. संजय अरोड़ा, डॉ. मुनीश यादव और अमित शर्मा आदि शामिल थे.

इस दौरान टीम ने मौके पर एक मृत गाय का पोस्टमार्टम किया तो उसके पेट में लगभग 20 किलोग्राम पॉलीथिन भरा हुआ था. उस गाय में लीवर और फेफड़ों पर बीमारी के लक्षण थे, जो अक्सर खून और आवश्यक तत्वों की कमी के कारण हो जाते हैं.

गौ अभ्यारण में ठंड से एक साथ 14 गायों की मौत

डॉ. सिंधु के अनुसार अत्याधिक सर्दी के कारण अधिक आयु के कमजोर पशु और छोटे बछड़े और बछड़ियां तापमान नियंत्रण सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव होने से अक्सर स्ट्रेस में आ जाते हैं और पशु की मृत्यु हो जाती है, जोकि एक प्राकृतिक और संभावित प्रक्रिया है. शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण पशु खड़ा नहीं हो पाता, जिससे शरीर की सामान्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो जाती हैं.

सुस्त और कमजोर पशुओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश

डॉ. डीएस सिंधू ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा वेटरनरी सर्जन, पशुधन सहायक और पशु परिचर की ड्यूटी पशुओं की स्वास्थ्य जांच कर बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लगाई हुई हैं.

सभी पशुओं को गलाघोटू और मुंह-खुर नामक संक्रामक बीमारी से बचाव के लिए टीके पहले ही लगाए जा चुके हैं. विभाग की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पशु सुस्त, लाचार और कमजोर दिखाई दे, उसे तुरंत यथासंभव उचित प्रबंध और चिकित्सा आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.

ठंड के कारण पाचन शक्ति होती है प्रभावित

उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने बताया कि अत्याधिक ठंड के कारण पशुओं की पाचन शक्ति प्रभावित होती है, जिसके कारण पशु स्ट्रेस में आ जाता है. इसके अलावा जिन गोवंश को सड़क से उठाकर गौ अभ्यारण्य में रखा गया है, उन्होंने पहले से बहुत ज्यादा कचरा और पॉलीथिन खाया हुआ होता है. खुले में घूमने की आदत के कारण अचानक बंद जगह में रहने से और पेटभर चारा मिलने पर जुगाली के साथ ये पॉलीथिन बॉल बनकर चोकिंग कर देता है, जिसके कारण गैस न निकलने से पशु की आंते रुक जाती है और आफरा होने से पशु की मृत्यु का कारण बनता है.

पॉलीथिन बनता है मौत का कारण

उपनिदेशक ने शहरवासियों से अपील की कि वे घरों में इकठ्ठा कचरा और अन्य खाद्य साम्रगी पॉलीथिन में बांधकर खुले में न फेंके, क्योंकि पॉलीथिन के साथ ये खाद्य साम्रगी पशु खा जाता है, जो पेट में जमा होकर इन पशुओं की मौत का कारण बनता है.

ये भी पढ़ें- आंखें और शरीर दान कर सुरेशो देवी ने कायम की मिसाल

हिसार: ढंढूर में बने गौ अभ्यारण्य में शनिवार को एकबार फिर एकसाथ लगभग 14 गायों की मौत हो गई. पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू ने विभाग की टीम के साथ गौ अभ्यारण्य का दौरा किया.

इस दौरान उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने प्रशासन द्वारा शहर के अलग-अलग स्थानों से पकड़कर गौ-अभ्यारण्य में रखे गए गौ वंश के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली. टीम ने बीमार पशुओं के लिए अलग से बनाए गए आईसीयू शेड का मुआयना किया और बीमार गौवंश के लिए किए गए प्रबंध और इलाज आदि की जानकारी ली. टीम में विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. शीला सिंह, वेटरनरी सर्जन डॉ. संजय अरोड़ा, डॉ. मुनीश यादव और अमित शर्मा आदि शामिल थे.

इस दौरान टीम ने मौके पर एक मृत गाय का पोस्टमार्टम किया तो उसके पेट में लगभग 20 किलोग्राम पॉलीथिन भरा हुआ था. उस गाय में लीवर और फेफड़ों पर बीमारी के लक्षण थे, जो अक्सर खून और आवश्यक तत्वों की कमी के कारण हो जाते हैं.

गौ अभ्यारण में ठंड से एक साथ 14 गायों की मौत

डॉ. सिंधु के अनुसार अत्याधिक सर्दी के कारण अधिक आयु के कमजोर पशु और छोटे बछड़े और बछड़ियां तापमान नियंत्रण सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव होने से अक्सर स्ट्रेस में आ जाते हैं और पशु की मृत्यु हो जाती है, जोकि एक प्राकृतिक और संभावित प्रक्रिया है. शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण पशु खड़ा नहीं हो पाता, जिससे शरीर की सामान्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो जाती हैं.

सुस्त और कमजोर पशुओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश

डॉ. डीएस सिंधू ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा वेटरनरी सर्जन, पशुधन सहायक और पशु परिचर की ड्यूटी पशुओं की स्वास्थ्य जांच कर बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लगाई हुई हैं.

सभी पशुओं को गलाघोटू और मुंह-खुर नामक संक्रामक बीमारी से बचाव के लिए टीके पहले ही लगाए जा चुके हैं. विभाग की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पशु सुस्त, लाचार और कमजोर दिखाई दे, उसे तुरंत यथासंभव उचित प्रबंध और चिकित्सा आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.

ठंड के कारण पाचन शक्ति होती है प्रभावित

उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने बताया कि अत्याधिक ठंड के कारण पशुओं की पाचन शक्ति प्रभावित होती है, जिसके कारण पशु स्ट्रेस में आ जाता है. इसके अलावा जिन गोवंश को सड़क से उठाकर गौ अभ्यारण्य में रखा गया है, उन्होंने पहले से बहुत ज्यादा कचरा और पॉलीथिन खाया हुआ होता है. खुले में घूमने की आदत के कारण अचानक बंद जगह में रहने से और पेटभर चारा मिलने पर जुगाली के साथ ये पॉलीथिन बॉल बनकर चोकिंग कर देता है, जिसके कारण गैस न निकलने से पशु की आंते रुक जाती है और आफरा होने से पशु की मृत्यु का कारण बनता है.

पॉलीथिन बनता है मौत का कारण

उपनिदेशक ने शहरवासियों से अपील की कि वे घरों में इकठ्ठा कचरा और अन्य खाद्य साम्रगी पॉलीथिन में बांधकर खुले में न फेंके, क्योंकि पॉलीथिन के साथ ये खाद्य साम्रगी पशु खा जाता है, जो पेट में जमा होकर इन पशुओं की मौत का कारण बनता है.

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Intro:पशुपालन विभाग के उपनिदेशक ने किया गो-अभ्यारण का दौरा

मृत गाय के पोस्टमार्टम में पेट से मिला 20 किलोग्राम पॉलीथिन

अत्याधिक ठंड में अधिक उम्र के व कमजोर पशुओं की मौत प्राकृतिक : डॉ. सिंधू

ढंढूर में बने गौ अभ्यरण में शनिवार को एकबार फिर एकसाथ लगभग 14 गायों की मौत हो गई। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपनिदेशक डॉ. डीएस सिंधू ने विभाग की टीम के साथ गौ-अभ्यारण्य का दौरा किया। इस दौरान उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने प्रशासन द्वारा शहर के अलग-अलग स्थानों से पकडक़र गौ-अभ्यारण्य में रखे गए गौवंश के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। टीम ने बीमार पशुओं के लिए अलग से बनाए गए आईसीयू शैड का मुआयना किया और बीमार गौवंश के लिए किए गए प्रबंध तथा इलाज आदि की जानकारी ली। टीम में विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. शीला सिंह, वेटरनरी सर्जन डॉ. संजय अरोड़ा, डॉ. मुनीश यादव व अमित शर्मा आदि शामिल थे।

इस दौरान टीम ने मौके पर एक मृत गाय का पोस्टमार्टम किया तो उसके पेट में लगभग 20 किलोग्राम पॉलीथिन भरा हुआ था। उस गाय में लीवर व फेफड़ों पर बीमारी के लक्षण थे, जो अक्सर खून व आवश्यक तत्वों की कमी के कारण हो जाते हैं। डॉ. सिंधु के अनुसार अत्याधिक सर्दी के कारण अधिक आयु के कमजोर पशु व छोटे बछड़ेे व बछडिय़ां तापमान नियंत्रण सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव होने से अक्सर स्ट्रेस में आ जाते हैं तथा पशु की मृत्यु हो जाती है, जोकि एक प्राकृतिक व संभावित प्रक्रिया है। शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति कम होने के कारण पशु खड़ा नहीं हो पाता, जिससे शरीर की सामान्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो जाती हैं।

सुस्त व कमजोर पशुओं का विशेष ध्यान रखने के निर्देश :

डॉ. डीएस सिंधू ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा वेटरनरी सर्जन, पशुधन सहायक व पशु परिचर की ड्यूटी पशुओं की स्वास्थ्य जांच कर बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लगाई हुई है। सभी पशुओं को गलघोटू व मुंह-खुर नामक संक्रामक बीमारी से बचाव के लिए टीके पहले ही लगाए जा चुके हैं। विभाग की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पशु सुस्त, लाचार व कमजोर दिखाई दे, उसे तुरंत सुरक्षित जगह पर सफाई करवाकर यथासंभव उचित प्रबंध व चिकित्सा आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।

Body:ठंड के कारण पाचन शक्ति होती है प्रभावित :

उपनिदेशक डॉ. सिंधू ने बताया कि अत्याधिक ठंड के कारण पशुओं की पाचन शक्ति प्रभावित होती है, जिसके कारण पशु स्ट्रेस में आ जाता है। इसके अलावा जिन गोवंश को सडक़ से उठाकर गौ-अभ्यारण्य में रखा गया है, उन्होंने पहले से बहुत ज्यादा कचरा व पॉलीथिन खाया हुआ होता है। खुले में घूमने की आदत के कारण अचानक बंद जगह में रहने से व पेट भर चारा मिलने पर जुगाली के साथ यह पॉलीथिन बॉल बनकर चोकिंग कर देता है, जिसके कारण गैस न निकलने से पशु की आंते रुक जाती है और आफरा होने से पशु की मृत्यु का कारण बनता है।

पॉलीथिन बनता है मौत का कारण :

उपनिदेशक ने शहरवासियों से अपील की कि वे घरों में इकठ्ठा कचरा व अन्य खाद्य साम्रगी पॉलीथिन में बांधकर खुले में न फैंकें, क्योंकि पॉलीथिन के साथ यह खाद्य साम्रगी पशु खा जाता है, जो पेट में जमा होकर इन पशुओं की मौत का कारण बनता है। Conclusion:
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