गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम को ऑटो मोबाइल सेक्टर का हब कहा जाता है. गुरुग्राम में सेकंड हैंड गाड़ियों की भी बड़ी मार्केट है. जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों की सेल लॉकडाउन में जीरो प्रतिशत दर्ज हुई है. वैसे ही सेकंड हैंड गाड़ियों की सेल भी जीरो ही रही है. जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है.
दुकानदारों को उम्मीद थी कि इस महामारी के कारण लोग नई गाड़ी खरीद कर अपने पैसे बर्बाद करने की बजाय सेकंड हैंड कार खरीद कर अपना काम चलाएंगे. लेकिन गुरुग्राम के कार डीलर इस वक्त संकट की घड़ी से गुजर रहे हैं. क्योंकि सेकंड हैंड कार की बिक्री भी 0% ही दर्ज की गई है.
कार डीलरों को हो रहा है भारी नुकसान
लॉकडाउन से पुरानी कारों के डीलरों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि जो गाड़ियां इन्होंने खरीदी हैं. उन गाड़ियों की कीमत गिरती जा रही है. जो कार इन्होंने 5 लाख की खरीदी थी तो अब उसकी कीमत 4 से 4:30 लाख हो गई है. क्योंकि खड़ी गाड़ियों पर डेप्रिसिएशन लगता है.
इसके साथ ही दुकान में काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी भी दी जा रही है और गुरुग्राम में आधे डीलरों की दुकान किराए पर हैं. जिसका भारी भरकम किराया भी ये दे रहे हैं. ऐसे में कार की बिक्री तो जीरो फीसदी हैं लेकिन फिक्स चार्ज के चलते भारी नुकसान का सामना जरूर करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मार्केट में छाई सुस्ती के चलते अब लोग सेकंड हैंड कार की खरीद करेंगे लेकिन गुरुग्राम के कार डीलरों का कहना है कि उनका अनुमान है. अगले लगभग 6 महीने तक मार्केट में ये सुस्ती छाई रहेगी और उनको बाहरी नुकसान का सामना करना पड़ेगा.
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