गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में घर का सपना देख रहे सैकड़ों लोगों को तगड़ा झटका लगा है. सेक्टर 68 स्तिथ माहिरा होम्स सोसायटी (साई आईना फार्मस) का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. जिसके चलते अपने फ्लैट और पैसों की मांग को लेकर खरीददारों ने शुक्रवार को गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (डीटीपी) दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
साल 2017 में गुरुग्राम के सेक्टर 68 में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम में माहिरा होम्स (mahira homes affordable flats) ने एक प्रोजेक्ट लांच किया था. इस प्रोजेक्ट के तहत 1480 फ्लैट बनाए जाने थे. लेकिन फर्जी कागजात, बैंक गारंटी के साथ छेड़छाड़ सहित अन्य कई आरोप पर डिस्ट्रिक्ट टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने माहिरा होम्स का लाइसेंस रद्द कर दिया. यही नहीं डीटीपी ने गुरुग्राम के बादशाहपुर थाने में बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत भी दी है. लाइसेंस रद्द होने के बाद से ग्राहक परेशान हैं.
प्रदर्शन कर रहे खरीददारों की मानें तो बिल्डर ने कोरोना काल में भी उनसे फ्लैट के पैसे वसूले. कई बार डीटीपी विभाग को धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर भी शिकायत की गई. उसके बावजूद पहले कोई कार्रवाई नहीं की गई. लोग अपनी जीवन भर की पूंजी इस प्रोजेक्ट में लगा चुके हैं. 4 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी बिल्डर ने किसी भी ग्राहक को फ्लैट का पजेशन नहीं दिया. माहिरा होम्स में एक फ्लैट करीब 25 लाख रुपए का है.
इस मामले में डीटीपी एनफोर्समेंट आर.एस. भाठ ने लोगो को आश्वासन दिया है कि विभाग जल्द ही एक ऐक्शन प्लान बनाएगा. सरकार ग्राहकों के हित में काम कर रही है और किसी भी खरीददार का पैसा डूबने नहीं दिया जाएगा.
यह कोई पहली बार नहीं है जब गुरुग्राम में किसी बिल्डर ने ग्राहकों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की हो. लेकिन सवाल ये उठता है की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के साथ-साथ माहिरा होम्स HRERA में भी रजिस्टर्ड है. तमाम सरकारी विभाग होने के बावजूद कैसे सरकार की नाक के नीचे लोगों के साथ इतनी बड़ी धोखाधड़ी हो गई. सरकार नींद से तब जागी है जब बिल्डर लोगों की पूरी पूंजी ले लेता है. अगर विभाग पहले ही तमाम दस्तावेजों की ठीक से जांच कर बिल्डर को लाइसेंस देते तो शायद आज इन लोगों को प्रदर्शन ना करना पड़ता.