गुरुग्राम: जिले में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा तथा बेहतर बेड प्रबंधन करने को लेकर उपायुक्त डॉ. यश गर्ग की अध्यक्षता में जिला परामर्श समिति की बैठक ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई.
डीसी डॉ. यश गर्ग ने कहा कि जिले के 50 बेड से ज्यादा क्षमता वाले अस्पतालों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपनी ऑक्सीजन की जरूरत का प्रबंध स्वयं करें. इसके लिए चाहे वे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाएं या पीएसए की व्यवस्था करें.
उपायुक्त डॉ. गर्ग की तरफ से इन बड़े अस्पतालों को पत्र भी भेजा गया है. डॉक्टर गर्ग ने बताया कि फिलहाल गुरुग्राम में 6 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है. इनके अलावा जिला प्रशासन सीएसआर के तहत भी ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए प्रयासरत है. जब तक ये प्लांट चालू हों, तब तक जिला प्रशासन ऑक्सीजन आपूर्ति की मात्रा बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटरो का प्रबंध कर रहा है.
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गुरुग्राम प्रशासन को लगभग 50 कंसंट्रेटर मिल भी चुके हैं और कोशिश है कि अगले 7 से 8 दिन में 250 से 300 कंसंट्रेटर की व्यवस्था कर ली जाए. वहीं सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में पीएसए आधारित 1000 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा और इसके अलावा उपमंडल अस्पताल सोहना तथा पटौदी में भी पीएसए आधारित 200 - 200 एलपीएम क्षमता के प्लांट लगाए जाएंगे.
इनमें से सोहना में तो काम शुरू भी हो चुका है. ये ऑक्सीजन प्लांट एचएलएल इंफ्रा टेक द्वारा लगाए जाएंगे. डॉ. यादव ने कहा कि ये तीनों ऑक्सीजन प्लांट इस महीने के आखिर तक फंक्शनल होने की उम्मीद है.
इंजेक्शन रेमडेसीविर और टॉसिलिजूमैब की आपूर्ति के संबंध में उपायुक्त डॉ. गर्ग ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सरकार हर जिला का रेमडेसीविर इंजेक्शन का कोटा जारी करेगी. जिसका मरीजों की संख्या के हिसाब से सिविल सर्जन द्वारा अस्पतालों को वितरण किया जाएगा.
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