गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने कोरोना के कारण संकट का सामना कर रहे एमएसएमई का निदेशालय बना दिया है. गुरुग्राम के उद्योग संगठनों ने निदेशालय का कार्यालय गुरुग्राम में बनाए जाने की मांग की है.
गुरुग्राम के उद्योग संगठनों ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है. उनका मानना है कि अब सरकार तक अपनी बात रखने और सरकार की योजनाएं उद्योगों तक पहुंचना आसान होगा. उद्योगपतियों के मुताबिक निदेशालय बनने से सरकार के फैसलों के बारे में उद्योगों को जल्द पता लग सकेगा.
साथ ही निदेशालय बनाए जाने का लाभ गुरुग्राम की हजारों इंडस्ट्री को मिलेगा. बता दें कि गुरुग्राम हरियाणा का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल हब है. गुरुग्राम में करीब 8000 एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां) हैं.
उद्योगपतियों का मानना है कि कोरोना संकट में उद्योग तेजी से रफ्तार पकड़ सके. इसके लिए निदेशालय एक बेहतर माध्यम है. इसलिए सरकार एमएसएमई निदेशालय गुरुग्राम में स्थापित करे. निदेशालय गुरुग्राम में खुलने ये यहां के उद्योगों का फायदा होगा.
उद्योगपति केके गांधी ने बताया कि लॉकडाउन से गुरुग्राम में 1100 कारोड़ रुपये प्रतिदिन का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि ये नुकसान बहुत बड़ा है. इसकी भरपाई में काफी समय लगेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में सबसे ज्याद रेवेन्यू गुरुग्राम देता है. इसलिए एमएसएमई का निदेशालय गुरुग्राम में ही होना चाहिए, इससे छोटे उद्योगों को लाभ होगा. सरकार की घोषणा जनता तक पहुंच पाएंगी.
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने उद्यमियों की सुविधा तथा उन्हें अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने की के लिए एमएसएमई निदेशालय बना दिया है. इस निदेशालय के पहले डायरेक्टर सीनियर आइएएस अधिकारी विजयेंद्र गुप्ता होंगे. इस निदेशालय के अधीन ही एमएसएमई औद्योगिक इकाइयों को सरकारी लाभ दिलाना आदि शामिल है.
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