गुरुग्राम: देश के नामी अस्पताल में शुमार मेदांता कई बार विवादों में रह चुका है. एक बार फिर मरीज के परिवार वालों ने अस्पताल पर ज्यादा पैसे वसूलने (Gurugram Medanta Hospital Fake bill) और जान से खिलवाड़ का आरोप लगाया है. हरियाणा के कैथल जिले के रहने वाले जतिन कालरा ने बताया कि उनके नौ वर्षीय बेटे हितेन कालरा को बुखार हुआ था. उन्होंने अपने बच्चे को पहले कुरुक्षेत्र में दिखाया. वहां से राहत न मिलने पर वो 18 जून को अपने बेटे को गुरुग्राम के सेक्टर-38 स्थित मेदांता अस्पताल लेकर आए.
जतिन कालरा ने कहा कि मेदांता में डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे के लीवर में दिक्कत बताई और लीवर प्रत्यारोपण की बात कही. बच्चे की मां ने अपने लीवर दिया. परिजनों के अनुसार 18 जून से बच्चा अस्पताल में भर्ती है. ऑपरेशन के दो दिन बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्चे को ब्लैक फंगस हो गया है. बच्चे के मां-बाप के मुताबिक जब उन्होंने अस्पताल में दिखाया था उन्हें इलाज का खर्च 17 लाख रुपये बताया गया था. आरोप है कि अस्पताल ने अब उनका बिल 70 लाख रुपये बना दिया है.
इसके अलावा अस्पताल के स्टाफ बच्चे की सही हालत नहीं बता रहे हैं. कभी कहते हैं कि वो मर गया. कभी कहते हैं कि सांसें चल रही हैं. अस्पताल प्रबंधन अब परिजनों पर दबाव डाल रहा है कि लिखित रूप से देकर वो अपनी जिम्मेदारी पर बच्चे को डिस्चार्ज करके ले जाएं. इन सबसे परेशान बच्चे के परिजनों ने गुरुवार को अस्पताल के गेट पर जमकर हंगामा किया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर तो आई, लेकिन हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराकर वापस लौट गई. परिजनों का आरोप है कि अब वह बच्चे कि अस्पताल ने उनसे लगातार पैसे वसूलता रहा. जितने पैसे की बात हुई थी उससे कहीं ज्यादा लेने के बावजूद अब 70 लाख का बिल बना रहे हैं. उसके बावजूद बच्चे की हालत ठीक नहीं है. कंडीशन के बारे में पूछते हैं तो डॉक्टर उन्हें कहते हैं कि उसकी हालत सीरियस है.