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फरीदाबाद नगर निगम घोटाला मामला: दौलतराम भास्कर को दफ्तर में लेकर पहुंची विजिलेंस की टीम - Vigilance team reached Faridabad Municipal Corporation office

फरीदाबाद नगर निगम घोटाला (Faridabad Municipal Corporation scam) मामले में अब बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है. इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है. पूर्व चीफ इंजीनियर डीआर भस्कर को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर चुकी है. आज विजिलेंस की टीम दौलतराम भास्कर को फरीदाबाद नगर निगम में लेकर पहुंची (Vigilance team reached Faridabad Municipal Corporation office) और डीआर भास्कर की मौजूदगी में फाइलों की जांच की.

Faridabad Municipal Corporation scam latest update
दौलतराम भास्कर को फरीदाबाद नगर निगम दफ्तर में लेकर पहुंची विजिलेंस की टीम
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Published : May 16, 2022, 3:55 PM IST

फरीदाबाद: नगर निगम घोटाला (Faridabad Municipal Corporation scam) मामले में विजिलेंस की टीम लगातार कार्रवाई में जुटी है. नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले के मामले में विजिलेंस की टीम ने पहले ही चीफ इंजीनियर दौलतराम भास्कर को गिरफ्तार कर लिया है. आज विजिलेंस की टीम दौलतराम भास्कर को फरीदाबाद नगर निगम में लेकर पहुंची (Vigilance team reached Faridabad Municipal Corporation office) और भास्कर की मौजूदगी में फाइलों की जांच की. इस घोटाले में डीआर भास्कर मुख्य आरोपी है.

इससे पहले फरीदाबाद नगर निगम घोटाला मामले में विजिलेंस टीम सतवीर ठेकेदार को भी गिरफ्तार कर चुकी है. जिसके बयान के आधार पर ही दौलतराम भास्कर को गिरफ्तार किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में अभी कई और बड़े लोग गिरफ्तार हो सकते हैं. फिलहाल विजिलेंस की टीम दस्तावेजों के खंगालने में जुटी है.

फरीदाबाद नगर निगम घोटाला क्या है- बता दें कि फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ रुपये घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले का आरोपी ठेकेदार विजिलेंस की गिरफ्त में है. ठेकेदार ने अधिकारियों के साथ मिलकर बिना काम के ही 50 करोड़ रुपये भुगतान भी करा लिया. इस पूरे मामले में कई बड़े अधिकारी भी आरोपी हैं जिनमें से एक पूर्व चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर ( chief engineer Daulatram Bhaskar) भी है.

पार्षदों ने की थी शिकायत- कोरोना काल में सात जुलाई-2020 को पांच पार्षदों ने नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त डॉ. यश गर्ग को एक शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया कि उनके वार्डों में विकास कार्य हुए नहीं हैं और करीब 50 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. इस पर निगम आयुक्त ने जांच कमेटी का गठन कर दिया. मामला राज्य सरकार तक पहुंचा तो सरकार ने मामले की जांच 05 फरवरी 2021 को विजिलेंस को सौंप दी. उसके बाद इस मामले में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं.

जांच में जुटी विजिलेंस की टीम: विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की. उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला. इसमें एक मुकदमा 28 मार्च को दर्ज किया गया था. छह अप्रैल को विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अभी तक केवल आरोपी ठेकेदार सतबीर और डीआर भास्कर की ही गिरफ्तारी हुई है. मामले में शामिल अन्य किसी भी आरोपी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. लेकिन डीआर भास्कर की गिरफ्तारी के बाद बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद नगर निगम घोटाला: पूर्व चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर गिरफ्तार, बाकी आरोपियों पर लटकी तलवार

फरीदाबाद: नगर निगम घोटाला (Faridabad Municipal Corporation scam) मामले में विजिलेंस की टीम लगातार कार्रवाई में जुटी है. नगर निगम में हुए 200 करोड़ के घोटाले के मामले में विजिलेंस की टीम ने पहले ही चीफ इंजीनियर दौलतराम भास्कर को गिरफ्तार कर लिया है. आज विजिलेंस की टीम दौलतराम भास्कर को फरीदाबाद नगर निगम में लेकर पहुंची (Vigilance team reached Faridabad Municipal Corporation office) और भास्कर की मौजूदगी में फाइलों की जांच की. इस घोटाले में डीआर भास्कर मुख्य आरोपी है.

इससे पहले फरीदाबाद नगर निगम घोटाला मामले में विजिलेंस टीम सतवीर ठेकेदार को भी गिरफ्तार कर चुकी है. जिसके बयान के आधार पर ही दौलतराम भास्कर को गिरफ्तार किया गया है. संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में अभी कई और बड़े लोग गिरफ्तार हो सकते हैं. फिलहाल विजिलेंस की टीम दस्तावेजों के खंगालने में जुटी है.

फरीदाबाद नगर निगम घोटाला क्या है- बता दें कि फरीदाबाद नगर निगम में करीब 200 करोड़ रुपये घोटाले का खुलासा हुआ है. इस घोटाले का आरोपी ठेकेदार विजिलेंस की गिरफ्त में है. ठेकेदार ने अधिकारियों के साथ मिलकर बिना काम के ही 50 करोड़ रुपये भुगतान भी करा लिया. इस पूरे मामले में कई बड़े अधिकारी भी आरोपी हैं जिनमें से एक पूर्व चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर ( chief engineer Daulatram Bhaskar) भी है.

पार्षदों ने की थी शिकायत- कोरोना काल में सात जुलाई-2020 को पांच पार्षदों ने नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त डॉ. यश गर्ग को एक शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया कि उनके वार्डों में विकास कार्य हुए नहीं हैं और करीब 50 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. इस पर निगम आयुक्त ने जांच कमेटी का गठन कर दिया. मामला राज्य सरकार तक पहुंचा तो सरकार ने मामले की जांच 05 फरवरी 2021 को विजिलेंस को सौंप दी. उसके बाद इस मामले में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं.

जांच में जुटी विजिलेंस की टीम: विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर की चार फर्मों के बैंक खातों की जांच की. उसके खातों में नगर निगम की तरफ से 190 करोड़ रुपये का भुगतान मिला. इसमें एक मुकदमा 28 मार्च को दर्ज किया गया था. छह अप्रैल को विजिलेंस ने ठेकेदार सतबीर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में अभी तक केवल आरोपी ठेकेदार सतबीर और डीआर भास्कर की ही गिरफ्तारी हुई है. मामले में शामिल अन्य किसी भी आरोपी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. लेकिन डीआर भास्कर की गिरफ्तारी के बाद बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है.

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