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फरीदाबाद: महंगाई पर नहीं लग रही लगाम, फिर बढ़े प्याज के दाम

एक बार फिर प्याज के दामों ने रफ्तार पकड़ ली है. जिसके तहत इस बार प्याज के दाम बढ़ोतरी के बाद अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए फुटकर बाजारों में 80 के पार पहुंच चुका है.

महंगाई पर नहीं लग रही लगाम
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Published : Nov 6, 2019, 10:30 PM IST

फरीदाबाद: बढ़ते प्याज के दामों ने न केवल सब्जी का स्वाद बिगाड़ा है बल्कि महिलाओं के रसोई का बजट भी गड़बड़ा दिया है. प्याज के दामों की अगर बात करें तो थोक के रेट में 50 से 60 रुपए किलो बताए जा रहे हैं. कहीं बारिश कम होने तो कहीं बारिश अधिक होने की वजह से अपेक्षित सब्जियां नहीं उग पाई, जिसका सीधा असर पर आमजन पर पड़ने लगा है. साफ तौर पर महंगाई की मार से अब लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. जिस प्याज को बहुतायत में सलाद के रूप में खाया जाता था, वही प्याज अब दाल के तड़के तक से भी गायब हो चला है. वजह है प्याज के दामों में हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी. आम तो क्या, खास लोग भी इसे खरीदने से पहले सोचने पर मजबूर हो गए हैं.

'दुकानदारों को भी उठाना पड़ रहा महंगाई का खामियाजा'

'दुकानदारों को भी उठाना पड़ रहा महंगाई का खामियाजा'
सब्जी खरीदने आई महिलाओं का कहना है कि अभी प्याज के रेट इतने ज्यादा हैं कि वो इसे खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकती है. मंडियों में सेब 40 से 50 रूपये प्रतिकिलो आसानी से मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्याज 80 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है. ना केवल खरीददार परेशान हैं, बल्कि मंडियों के आढ़ती एवं दुकानदार तक भी परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि जब सब्जी महंगी होती है तो लोग कम खरीदते हैं. जिसकी वजह से उनका भी प्रॉफिट कम हो जाता है. इसलिए उन्हें भी बढ़ते प्याज के दामों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: महंगाई में लगाया प्याज ने 'तड़का', हरियाणा में 80 पार हुआ दाम

फरीदाबाद: बढ़ते प्याज के दामों ने न केवल सब्जी का स्वाद बिगाड़ा है बल्कि महिलाओं के रसोई का बजट भी गड़बड़ा दिया है. प्याज के दामों की अगर बात करें तो थोक के रेट में 50 से 60 रुपए किलो बताए जा रहे हैं. कहीं बारिश कम होने तो कहीं बारिश अधिक होने की वजह से अपेक्षित सब्जियां नहीं उग पाई, जिसका सीधा असर पर आमजन पर पड़ने लगा है. साफ तौर पर महंगाई की मार से अब लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी हैं. जिस प्याज को बहुतायत में सलाद के रूप में खाया जाता था, वही प्याज अब दाल के तड़के तक से भी गायब हो चला है. वजह है प्याज के दामों में हुई बेतहाशा बढ़ोत्तरी. आम तो क्या, खास लोग भी इसे खरीदने से पहले सोचने पर मजबूर हो गए हैं.

'दुकानदारों को भी उठाना पड़ रहा महंगाई का खामियाजा'

'दुकानदारों को भी उठाना पड़ रहा महंगाई का खामियाजा'
सब्जी खरीदने आई महिलाओं का कहना है कि अभी प्याज के रेट इतने ज्यादा हैं कि वो इसे खरीदने के बारे में सोच भी नहीं सकती है. मंडियों में सेब 40 से 50 रूपये प्रतिकिलो आसानी से मिल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्याज 80 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है. ना केवल खरीददार परेशान हैं, बल्कि मंडियों के आढ़ती एवं दुकानदार तक भी परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि जब सब्जी महंगी होती है तो लोग कम खरीदते हैं. जिसकी वजह से उनका भी प्रॉफिट कम हो जाता है. इसलिए उन्हें भी बढ़ते प्याज के दामों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: महंगाई में लगाया प्याज ने 'तड़का', हरियाणा में 80 पार हुआ दाम

Intro:एंकर- बढ़ते प्याज के दामों ने ना केवल सब्जी का स्वाद बिगाड़ा है बल्कि महिलाओं के रसोई का बजट भी गड़बड़ा दिया है। प्याज के दामों की अगर बात करें तो थोक के रेट में 50 से ₹60 किलो के बताए जा रहे हैं। जिसकी वजह से लोग सब्जी खरीदने तो पहुंच रहे हैं लेकिन प्याज या तो बहुत कम खरीद कर ले जा रहे हैं या अभी भी सस्ता होने के इंतजार में खरीद ही नहीं पा रहे हैं। सब्जी खरीदने आई महिलाओं का कहना है कि अभी प्याज के रेट इतने ज्यादा हैं कि वह खरीद नहीं पा रहे हैं। इसलिए बिना प्याज की सब्जी बनानी पड़ रही है। वहीं कुछ महिलाओं का कहना है कि 50 से ₹60 किलो प्याज खरीदना काफी महंगा है इसलिए थोड़ी ही सब्जी खरीद कर ले जानी पड़ रही है। क्योंकि पहले 20 से ₹25 किलो प्याज मिल रही थी लेकिन अब 50 से ₹60 किलो हो चुकी है।


बाइट - सब्ज़ी खरीद रहीमहिलाएं।


वहीं प्याज पर बढ़े हुए दामों का ना केवल आम लोगों पर फर्क रहा है बल्कि दुकानदार भी इसका खामियाजा उठा रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि जब सब्जी महंगी होती है तो लोग कम खरीदते हैं। जिसकी वजह से उनका भी प्रॉफिट कम हो जाता है। इसलिए उन्हें भी बढ़ते प्याज के दामों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।


बाइट - दुकानदारBody:hr_far_02_onion_rate_high_vis_bite_7203403Conclusion:hr_far_02_onion_rate_high_vis_bite_7203403
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