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शहीद मनोज भाटी का फरीदाबाद में हुआ अंतिम संस्कार, हजारों लोगों ने नम आंखों से दी विदाई - शाहजहांपुर में मनोज भाटी का अंतिम संस्कार

कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए फरीदाबाद के जवान मनोज भाटी का शनिवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में मनोज भाटी की अंतिम यात्रा निकाली गई. उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा. नम आंखों और भारत माता की जयकारों के साथ लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.

Martyr Manot Bhati funeral in faridabad
Martyr Manot Bhati funeral in faridabad
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Published : Aug 13, 2022, 8:18 PM IST

Updated : Aug 13, 2022, 9:46 PM IST

फरीदाबाद: जम्मू के राजौरी में हुए सेना के बेस कैंप पर आतंकी हमले में शहीद हुए फरीदाबाद के मनोज भाटी का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. शहीद जवान की अंतिम यात्रा में फरीदाबाद और आसपास के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान सभी ने अपने हाथों में देश का राष्ट्रीय ध्वज लेकर देश भक्ति के नारे लगाए. बल्लभगढ़ के अंबेडकर चौक से मनोज भाटी की अंतिम यात्रा निकली गई जो उनके पैतृक गांव शाहजहांपुर (shahjahanpur village faridabad) पहुंची. उनके गांव के पार्क में ही उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, विधायक नैनपाल रावत समेत कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.

शहीद मनोज भाटी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई (Manoj Bhati cremated in Shahjahanpur) दी गई. कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मां भारती की आन बान शान और अपने साथियों की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मनोज भाटी ने अपने प्राणों की आहुति दी है जिस पर उन्हें गर्व है. लेकिन उन्हें उनके जाने का दुःख भी है. उन्होंने कहा कि उनके इस शहादत के लिए हम उनको सदैव नमन करते रहेंगे. उनकी शहादत पर पूरे गांव, प्रदेश और देश को गर्व है.

शहीद हुए मनोज भाटी का फरीदाबाद में हुआ अंतिम संस्कार.

ईटीवी भारत से बातचीत में शहीद मनोज (martyred manoj bhati) के पिता बाबूलाल भाटी ने कहा कि, मेरे पास फोन आया और उधर से आवाज आई कि आप मनोज भाटी के पिता बोल रहे हैं. तो मैने कहा हां. उन्होंने कहा कि आपका बेटा शहीद हो गया है. शहीद मनोज अभी 22 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वापस गया था. मनोट भाटी के पिता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस घटना में हमारे चार सैनिक शहीद हुए हैं. इसका बदला 40 आतंकियों को मारकर लिया जाए.

Martyr Manot Bhati funeral in faridabad
शहीद के अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी.

मनोज की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी. मनोज की पत्नी कोमल 8 महीने की गर्भवती है. शहीद के परिवार में नये बच्चे के स्वागत की तैयारी चल रही थी. शहीद मनोज के बड़े भाई सुनील भी सेना में कार्यरत हैं. सुनील ने बताया कुछ दिन पहले ही मेरी उनसे फोन पर बात हुई थी, वो छुटियों का प्लान बना रहा था. उसने कहा था कि अक्टूबर में छुट्टी पर चलेंगे और सब लोग मिलकर बच्चे के पैदा होने की खुशी मनायेंगे. लेकिन पिता बनने से पहले ही मनोज शहीद हो गये. शहीद का परिवार बेटे की शहादत पर गर्व भी कर रहा है. और विधवा पत्नी और उसके आने वाले बच्चे को लेकर दुखी भी है.

Last journey of Martyr Manoj Bhati
राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

मनोज भाटी के भाई ने कहा ये हमारे लिए गर्व की बात है कि वो देश के लिए शहीद हुआ लेकिन दुख भी है कि परिवार सूना हो गया. शहीद मनोज भाटी का जन्म फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव में साल 1996 में हुआ था. मनोज कुमार भाटी ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. जिसके बाद 25 अप्रैल 2017 में मनोज सेना में भर्ती हुए थे. चार भाई-बहनों में वो सबसे छोटे थे. मनोज के बड़े भाई सुनील कुमार भी सेना में हैं. बीच वाले भाई हरेंद्र उर्फ योगेश खेतीबाड़ी करते हैं और बहन आशा शादीशुदा है. पिता बाबूलाल गांव में ही शटरिंग का कारोबार करते हैं. मनोज की पत्नी गर्भवती हैं. उनके घर में कुछ ही दिनों में खुशियों की किलकरियां गूंजने वाली थीं. ठीक रक्षाबंधन से पहले मनोज आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत को प्राप्त हो गए.

यह भी पढ़ें-शहीद मनोज के पिता ने कहा, हमारे 4 जवान शहीद हुए, दुश्मन के 40 को मारो, तब दिल को तसल्ली होगी

फरीदाबाद: जम्मू के राजौरी में हुए सेना के बेस कैंप पर आतंकी हमले में शहीद हुए फरीदाबाद के मनोज भाटी का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा. शहीद जवान की अंतिम यात्रा में फरीदाबाद और आसपास के हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान सभी ने अपने हाथों में देश का राष्ट्रीय ध्वज लेकर देश भक्ति के नारे लगाए. बल्लभगढ़ के अंबेडकर चौक से मनोज भाटी की अंतिम यात्रा निकली गई जो उनके पैतृक गांव शाहजहांपुर (shahjahanpur village faridabad) पहुंची. उनके गांव के पार्क में ही उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, विधायक नैनपाल रावत समेत कई गणमान्य लोग भी मौजूद रहे.

शहीद मनोज भाटी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई (Manoj Bhati cremated in Shahjahanpur) दी गई. कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मां भारती की आन बान शान और अपने साथियों की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए मनोज भाटी ने अपने प्राणों की आहुति दी है जिस पर उन्हें गर्व है. लेकिन उन्हें उनके जाने का दुःख भी है. उन्होंने कहा कि उनके इस शहादत के लिए हम उनको सदैव नमन करते रहेंगे. उनकी शहादत पर पूरे गांव, प्रदेश और देश को गर्व है.

शहीद हुए मनोज भाटी का फरीदाबाद में हुआ अंतिम संस्कार.

ईटीवी भारत से बातचीत में शहीद मनोज (martyred manoj bhati) के पिता बाबूलाल भाटी ने कहा कि, मेरे पास फोन आया और उधर से आवाज आई कि आप मनोज भाटी के पिता बोल रहे हैं. तो मैने कहा हां. उन्होंने कहा कि आपका बेटा शहीद हो गया है. शहीद मनोज अभी 22 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर वापस गया था. मनोट भाटी के पिता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस घटना में हमारे चार सैनिक शहीद हुए हैं. इसका बदला 40 आतंकियों को मारकर लिया जाए.

Martyr Manot Bhati funeral in faridabad
शहीद के अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी.

मनोज की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी. मनोज की पत्नी कोमल 8 महीने की गर्भवती है. शहीद के परिवार में नये बच्चे के स्वागत की तैयारी चल रही थी. शहीद मनोज के बड़े भाई सुनील भी सेना में कार्यरत हैं. सुनील ने बताया कुछ दिन पहले ही मेरी उनसे फोन पर बात हुई थी, वो छुटियों का प्लान बना रहा था. उसने कहा था कि अक्टूबर में छुट्टी पर चलेंगे और सब लोग मिलकर बच्चे के पैदा होने की खुशी मनायेंगे. लेकिन पिता बनने से पहले ही मनोज शहीद हो गये. शहीद का परिवार बेटे की शहादत पर गर्व भी कर रहा है. और विधवा पत्नी और उसके आने वाले बच्चे को लेकर दुखी भी है.

Last journey of Martyr Manoj Bhati
राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

मनोज भाटी के भाई ने कहा ये हमारे लिए गर्व की बात है कि वो देश के लिए शहीद हुआ लेकिन दुख भी है कि परिवार सूना हो गया. शहीद मनोज भाटी का जन्म फरीदाबाद के शाहजहांपुर गांव में साल 1996 में हुआ था. मनोज कुमार भाटी ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. जिसके बाद 25 अप्रैल 2017 में मनोज सेना में भर्ती हुए थे. चार भाई-बहनों में वो सबसे छोटे थे. मनोज के बड़े भाई सुनील कुमार भी सेना में हैं. बीच वाले भाई हरेंद्र उर्फ योगेश खेतीबाड़ी करते हैं और बहन आशा शादीशुदा है. पिता बाबूलाल गांव में ही शटरिंग का कारोबार करते हैं. मनोज की पत्नी गर्भवती हैं. उनके घर में कुछ ही दिनों में खुशियों की किलकरियां गूंजने वाली थीं. ठीक रक्षाबंधन से पहले मनोज आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत को प्राप्त हो गए.

यह भी पढ़ें-शहीद मनोज के पिता ने कहा, हमारे 4 जवान शहीद हुए, दुश्मन के 40 को मारो, तब दिल को तसल्ली होगी

Last Updated : Aug 13, 2022, 9:46 PM IST
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