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NRC के मुद्दे पर मनोहर लाल के समर्थन में कृष्णपाल गुर्जर, कहा - 'ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं' - मनोहर लाल के समर्थन में कृष्णपाल गुर्जर

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने NRC के मुद्दे पर सीएम मनोहर लाल खट्टर का समर्थन करते हुए इसे एक सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं कि कोई भी कहीं से भी आकर यहां बस जाएगा.

NRC पर कृष्णलाल गुर्जर की प्रतिक्रिया
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Published : Sep 16, 2019, 10:27 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा में NRC को लेकर चुनाव से पहले राजनीति गर्मा गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एनआरसी को लेकर दिए गए बयान के बाद अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रयाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने NRC को लेकर बयान दिया.

एनआरसी पर कृष्णपाल गुर्जर की प्रतिक्रिया
कृष्णपाल गुर्जर ने सीएम मनोहर लाल खट्टर का समर्थन करते हुए इसे एक सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि एनआरसी से देश में घुसपैठ कम होगा. उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं कि कोई भी कहीं से भी आकर यहां बस जाएगा.

देखें एनआरसी पर क्या बोले केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर

क्या है एनआरसी?

  • एनआरसी से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है. इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.असम पहला राज्य है जहां भारतीय नागरिकों के नाम शामिल करने के लिए 1951 के बाद एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है. एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे.

ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में NRC पर सियासी जंग, हुड्डा ने किया समर्थन तो दुष्यंत के विरोधी सुर

  • असम में बांग्लादेश से आए घुसपैठियों पर बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी अपडेट करने को कहा था. पहला रजिस्टर 1951 में जारी हुआ था. ये रजिस्टर असम का निवासी होने का सर्टिफिकेट है. इस मुद्दे पर असम में कई बड़े और हिंसक आंदोलन हुए हैं. 1947 में बंटवारे के बाद असम के लोगों का पूर्वी पाकिस्तान में आना-जाना जारी रहा. 1979 में असम में घुसपैठियों के खिलाफ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने आंदोलन किया. इसके बाद 1985 को तब की केंद्र में राजीव गांधी सरकार ने असम गण परिषद से समझौता किया. इसके तहत 1971 से पहले जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: NRC पर बोले दुष्यंत चौटाला, 'हिन्दू-मुस्लिम में टकराव पैदा करना चाह रहे मुख्यमंत्री'

  • हालांकि तब इस पर काम शुरू नहीं हो सका. 2005 में जाकर कांग्रेस सरकार ने इस पर काम शुरू किया. 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इसमें तेजी आई. इसके बाद असम में नागरिकों के सत्यापन का काम शुरू हुआ. राज्यभर में एनआरसी केंद्र खोले गए. असम का नागरिक होने के लिए वहां के लोगों को दस्तावेज सौंपने थे.

फरीदाबाद: हरियाणा में NRC को लेकर चुनाव से पहले राजनीति गर्मा गई है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एनआरसी को लेकर दिए गए बयान के बाद अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रयाएं सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने NRC को लेकर बयान दिया.

एनआरसी पर कृष्णपाल गुर्जर की प्रतिक्रिया
कृष्णपाल गुर्जर ने सीएम मनोहर लाल खट्टर का समर्थन करते हुए इसे एक सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि एनआरसी से देश में घुसपैठ कम होगा. उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं कि कोई भी कहीं से भी आकर यहां बस जाएगा.

देखें एनआरसी पर क्या बोले केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर

क्या है एनआरसी?

  • एनआरसी से पता चलता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं. जिनके नाम इसमें शामिल नहीं होते हैं, उन्हें अवैध नागरिक माना जाता है. इसके हिसाब से 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है.असम पहला राज्य है जहां भारतीय नागरिकों के नाम शामिल करने के लिए 1951 के बाद एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है. एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे.

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  • असम में बांग्लादेश से आए घुसपैठियों पर बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी अपडेट करने को कहा था. पहला रजिस्टर 1951 में जारी हुआ था. ये रजिस्टर असम का निवासी होने का सर्टिफिकेट है. इस मुद्दे पर असम में कई बड़े और हिंसक आंदोलन हुए हैं. 1947 में बंटवारे के बाद असम के लोगों का पूर्वी पाकिस्तान में आना-जाना जारी रहा. 1979 में असम में घुसपैठियों के खिलाफ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने आंदोलन किया. इसके बाद 1985 को तब की केंद्र में राजीव गांधी सरकार ने असम गण परिषद से समझौता किया. इसके तहत 1971 से पहले जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे हैं, उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी.

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  • हालांकि तब इस पर काम शुरू नहीं हो सका. 2005 में जाकर कांग्रेस सरकार ने इस पर काम शुरू किया. 2015 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इसमें तेजी आई. इसके बाद असम में नागरिकों के सत्यापन का काम शुरू हुआ. राज्यभर में एनआरसी केंद्र खोले गए. असम का नागरिक होने के लिए वहां के लोगों को दस्तावेज सौंपने थे.
Intro:स्लग- पैकेज- कृष्णपाल गुर्जर

एंकर- भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस को लेकर सेवा दिवस की शुरुआत की गई है, इसके तहत केंद्रीय राज्यमंत्री और फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद के नेहरू कॉलेज मे प्लांटेशन किया और ब्लड डोनेशन कैंप का उद्घाटन किया। इस मौके पर कृष्णपाल गुर्जर ने हरियाणा में लागू होने वाली एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

Body:Vo1- 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है जिसके तहत पूरे देश में सेवा दिवस मनाया जा रहा है।केंद्रीय राज्य मंत्री और फ़रीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर ने फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में प्लांटेशन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया और खुद भी पेड़ लगाया। इसके अलावा कॉलेज में ही छात्राओं द्वारा किए जा रहे ब्लड डोनेट कैंप का रिबन काट कर उद्घाटन किया।
बाइट- कृष्णपाल गुर्जर, केंद्रीय राज्य मंत्री,

Vo2- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा में एनआरसी के लागू करने की बात को लेकर कृष्णपाल गुर्जर इसे सराहनीय कदम बताया। कृष्णपाल गुर्जर के मुताबिक एनआरसी से देश में घुसपैठ कम होगा। कृष्णपाल के मुताबिक ये हिंदुस्तान है कोई धर्मशाला नहीं जहां पर कोई भी आकर रहने लग जाए।
बाइट- कृष्णपाल गुर्जरConclusion:फरीदाबाद। हरियाणा में कोई धर्मशाला नहीं बनी है जो देश से बाहर का आकर कोई भी हरियाणा में रहने लग जाए
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