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फरीदाबाद में दिव्यांग महिला को 10 साल से दी जा रही थी विधवा पेंशन, ऐसे हुआ खुलासा

फरीदाबाद में दिव्यांग पेंशन (Divyang Pension in Faridabad) दिए जाने के बजाय विधवा पेंशन दिए जाने का मामला सामने आया है. पेंशन उपभोगी ने बताया कि जब उनकी पेंशन रोक दी गई तो वह पेंशन दफ्तर गईं. जहां उन्हें पता चला कि उन्हें दिव्यांग पेंशन की जगह विधवा पेंशन दी जा रही थी, जोकि रोक दी गई है.

Widow pension case in Faridabad
फरीदाबाद के फरीदपुर गांव में विधवा पेंशन मामला
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Published : Oct 14, 2022, 3:03 PM IST

फरीदाबाद: फरीदाबाद प्रशासन के अजीबो गरीब कारनामे सामने आते रहते हैं. कुछ दिन पहले फरीदाबाद के फरीदपुर गांव में (Widow pension case in Faridpur village Faridabad) प्रशासन ने जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर उसका पेंशन रोक दिया था. अब जिले के पाली गांव में एक दिव्यांग महिला को बीते 10 साल से विधवा पेंशन दिया जा रहा है जबकि उसका पति सही सलामत जीवित है. यही वजह है कि गांव में महिला को शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ रही है. आपको बता दें फरीदाबाद के पाली गांव में रहने वाली मोनिका भड़ाना दिव्यांग हैं.

मोनिका नाम की महिला ने बताया कि पिछले 10 सालों से उसे दिव्यांग पेंशन की जगह पर विधवा पेंशन मिल रही है जबकि उसका पति जिंदा है. जब उसका पेंशन पिछले कई महीनों से रुक गया तब वह पेंशन दफ्तर गई. जहां पर पता चला कि उसे अभी तक जो पेंशन मिल रही थी वह दिव्यांग पेंशन नहीं बल्कि विधवा पेंशन थी. जिसके बाद मोनिका ने बताया कि मेरा पति सही सलामत तंदुरुस्त (Widow pension case in Faridabad) है. उन्होंने कहा कि मुझे विधवा पेंशन ना देकर विकलांग पेंशन दिया जाए लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन डिपार्टमेंट से किसी भी तरह से मोनिका को सहायता नहीं मिली और ना ही उसका विधवा पेंशन की जगह पर विकलांग पेंशन शुरू किया गया. यही वजह है कि मोनिका लगातार पेंशन दफ्तर के चक्कर काट रही है और प्रशासन से गुहार लगा रही है कि उसे विधवा पेंशन की जगह पर विकलांग पेंशन मिले.

Widow pension case in Faridabad
फरीदाबाद के फरीदपुर गांव में विधवा पेंशन मामला

पीड़ित महिला मोनिका के पति कनीराम भड़ाना ने बताया कि मुझे लगा मेरी पत्नी को दिव्यांग पेंशन मिल रहा है लेकिन जब मुझे पता चला कि पिछले 10 सालों से उसे दिव्यांग पेंशन की जगह पर विधवा पेंशन (Widow Pension in Faridabad) मिल रहा है तो मुझे काफी हैरानी हुई. सरकार ने मुझे जीते जी मार दिया है, जबकि मैं जिंदा हूं. प्रशासन और सरकार से गुहार लगाता हूं कि मेरी बीवी को दिव्यांग पेंशन मिले ना कि विधवा पेंशन. समाज में भी लोग अब मेरा मजाक बनाने लगे हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश में दिव्यांग पेंशन के तहत मिलने वाली राशि 1800 रुपये है जबकि विधवा पेंशन के तहत मिलने वाली राशि 1600 रुपये है. यदि मोनिका के पेंशन में सुधार हो जाता है तो मोनिका को सहायता राशि के तौर पर 1600 रुपये की जगह 1800 रुपये मिलेंगे. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि प्रशासन इतना लापरवाह कैसे हो सकता है.

यह भी पढ़ें-जिंदा बुजुर्गों को सरकारी फाइलों में मार रही सरकार, फरीदाबाद, रोहतक के बाद कैथल में जीवित को मृत दिखाकर रोकी पेंशन

फरीदाबाद: फरीदाबाद प्रशासन के अजीबो गरीब कारनामे सामने आते रहते हैं. कुछ दिन पहले फरीदाबाद के फरीदपुर गांव में (Widow pension case in Faridpur village Faridabad) प्रशासन ने जीवित व्यक्ति को मृत दिखाकर उसका पेंशन रोक दिया था. अब जिले के पाली गांव में एक दिव्यांग महिला को बीते 10 साल से विधवा पेंशन दिया जा रहा है जबकि उसका पति सही सलामत जीवित है. यही वजह है कि गांव में महिला को शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ रही है. आपको बता दें फरीदाबाद के पाली गांव में रहने वाली मोनिका भड़ाना दिव्यांग हैं.

मोनिका नाम की महिला ने बताया कि पिछले 10 सालों से उसे दिव्यांग पेंशन की जगह पर विधवा पेंशन मिल रही है जबकि उसका पति जिंदा है. जब उसका पेंशन पिछले कई महीनों से रुक गया तब वह पेंशन दफ्तर गई. जहां पर पता चला कि उसे अभी तक जो पेंशन मिल रही थी वह दिव्यांग पेंशन नहीं बल्कि विधवा पेंशन थी. जिसके बाद मोनिका ने बताया कि मेरा पति सही सलामत तंदुरुस्त (Widow pension case in Faridabad) है. उन्होंने कहा कि मुझे विधवा पेंशन ना देकर विकलांग पेंशन दिया जाए लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन डिपार्टमेंट से किसी भी तरह से मोनिका को सहायता नहीं मिली और ना ही उसका विधवा पेंशन की जगह पर विकलांग पेंशन शुरू किया गया. यही वजह है कि मोनिका लगातार पेंशन दफ्तर के चक्कर काट रही है और प्रशासन से गुहार लगा रही है कि उसे विधवा पेंशन की जगह पर विकलांग पेंशन मिले.

Widow pension case in Faridabad
फरीदाबाद के फरीदपुर गांव में विधवा पेंशन मामला

पीड़ित महिला मोनिका के पति कनीराम भड़ाना ने बताया कि मुझे लगा मेरी पत्नी को दिव्यांग पेंशन मिल रहा है लेकिन जब मुझे पता चला कि पिछले 10 सालों से उसे दिव्यांग पेंशन की जगह पर विधवा पेंशन (Widow Pension in Faridabad) मिल रहा है तो मुझे काफी हैरानी हुई. सरकार ने मुझे जीते जी मार दिया है, जबकि मैं जिंदा हूं. प्रशासन और सरकार से गुहार लगाता हूं कि मेरी बीवी को दिव्यांग पेंशन मिले ना कि विधवा पेंशन. समाज में भी लोग अब मेरा मजाक बनाने लगे हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश में दिव्यांग पेंशन के तहत मिलने वाली राशि 1800 रुपये है जबकि विधवा पेंशन के तहत मिलने वाली राशि 1600 रुपये है. यदि मोनिका के पेंशन में सुधार हो जाता है तो मोनिका को सहायता राशि के तौर पर 1600 रुपये की जगह 1800 रुपये मिलेंगे. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि प्रशासन इतना लापरवाह कैसे हो सकता है.

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