चंडीगढ़: डम्पिंग ग्राउंड पर करीब 50 लाख टन कचरा पड़ा हुआ है. इस काम को करने के लिए स्मार्ट सिटी के तहत 34 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तय किया गया है जबकि अब एनजीटी ने नगर निगम को जेपी प्लांट के अंदर जो हजारों टन कचरा पड़ हुआ है, उसे भी 30 मार्च 2020 तक प्रोसेस करने के लिए कहा है.
इससे नगर निगम का डेढ़ करोड़ रुपये का खर्चा और बढ़ गया है. ये वह कचरा है जो प्लांट प्रोसेस नहीं कर पा रहा है. कहा जा रहा है कि शहरवासियों को साल 2021 मार्च तक पूरी तरह से डंपिग ग्राउंड से राहत मिल जाएगी.
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चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल वी.पी सिंह बदनौर ने कहा कि 16 एकड़ में पड़े कचरे को जल्द प्रोसेस किया जाएगा. इस काम के लिए कंपनी को डेढ़ साल का समय दिया गया है. नगर निगम के अनुसार इसके बाद यहां पर कचरा भी नहीं फेंका जाएगा. डड्डूमाजरा के डंपिग ग्राउंड में पड़ा कचरा इस एरिया के लिए ही नहीं, लेकिन पूरे शहर के लिए दिक्कत बनी हुई है.
इस काम के तहत डंपिग ग्राउंड में दफन हो चुकी प्लॉस्टिक को अलग किया जाएगा जबकि बाकी बची मिट्टी और मलबे को लैंड फिलिग में यूज किया जाएगा. इसके लिए नगर निगम की ओर से डंपिग ग्राउंड में प्रोजेक्ट लगाया जाएगा. कचरे के पहाड़ों की खुदाई भी बड़ी मशीनों से होगी. कचरे को मिट्टी और प्लॉस्टिक से अलग करने वाली टेक्नोलॉजी की मशीनरी लगाकर किया जा सकेगा.
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