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मोदी मंत्रिमंडल से क्यों कटा कटारिया का पत्ता? ये हैं बड़े कारण - Why Ratan Lal Kataria resign

मोदी मंत्रिंडल विस्तार से पहले रतन लाल कटारिया को हटा दिया गया, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि 2 साल में ही नरेंद्र मोदी को रत्न लाल कटारिया के ऊपर भरोसा नहीं रहा और उनसे इस्तीफा ले लिया गया.

ratan lal
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Published : Jul 7, 2021, 6:10 PM IST

चंडीगढ़ः रतन लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है. वो मोदी मंत्रिमंडल की उस लंबी लिस्ट में शामिल हैं जिनसे इस्तीफा लिया गया है. लेकिन ऐसी नौबत क्यों आई कि खांटी भाजपाई और संस्थापक सदस्य रतन लाल कटारिया को इस्तीफा देना पड़ा. इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. एक तो बहुत सारे नए मंत्रियों को टीम मोदी में जगह देनी थी, दूसरा हरियाणा से तीन मंत्री बने थे. जबकि इतने छोटे बाकी राज्यों को मंत्रिमंडल में इतनी जगह नहीं मिली थी.

इसके अलावा रतन लाल कटारिया की उम्र भी मंत्री पद से उन्हें दूर ले गई. इसके अलावा रतन लाल कटारिया की परफॉर्मेंस से भी नरेंद्र मोदी संतुष्ट नहीं थे. माना ये भी जा रहा है कि किसान आंदोलन और किसानों को लेकर दिये उनके बयानों से दिल्ली खुश नहीं थी. एक बार तो रतन लाल कटारिया ने यहां तक कह दिया था कि किसानों को प्रदर्शन करना था तो कहीं और जाकर मर लेते. तो ये भी एक बड़ा कारण बना कि उनकी मंत्री की कुर्सी जाती रही.

resign list
ये है इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की लिस्ट

अब रतन लाल कटारिया का क्या होगा ?

भारतीय जनता पार्टी अपने बाकी उम्र दराज नेताओं की तरह हो सकता है आने वाले वक्त में रतन लाल कटारिया को किसी संवैधानिक पद पर बैठा दे. ये भी हो सकता है कि इस बारे में बाकायदा उन्हें कोई आश्वासन मिला हो, क्योंकि रतन लाल कटारिया पुराने नेता हैं और संघ से उनका नाता रहा है.

रतन लाल कटारिया का राजनीतिक सफर

रतन लाल कटारिया हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बहुत पुराने नेता हैं. 1980 में वो भजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. उसके बाद प्रदेश प्रवक्ता, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री से होते हुए 2001 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने, और 2003 तक इस पद पर रहे. इसके अलावा भी वो संगठन में कई पदों पर काम करते रहे, और वो उन नेताओं में से हैं जब बीजेपी का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं था तब भी वो भारतीय जनता पार्टी के साथ थे.

modi ratan lal
पीएम मोदी के साथ रतन लाल कटारिया(फाइल फोटो)

ये भी पढ़ेंः मोदी के साथ मीटिंग के बाद भी आखिरी समय में मंत्री पद रेस से बाहर हुईं सुनीता दुग्गल, ये हैं बड़े कारण

1999 में पहली बार बने सांसद

1999 में पहली बार रतन लाल कटारिया अंबाला लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, और 2004 तक सांसद रहे. लेकिन इसके बाद लगातार 2 बार वो कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा से हारे. फिर 2014 में उन्होंने फिर से अंबाला सीट जीती. और 2019 में भी वो अंबाला से जीतकर आये, जिसके बाद रत्न लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल में जल शक्ति और सामाजिक न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया.

ईटीवी भारत हरियाणा की खबर पर मुहर

ईटीवी भारत हरियाणा ने बुधवार सुबह होते ही ये बता दिया था कि रतन लाल कटारिया की छुट्टी होना तय है. और हुआ भी वैसा ही मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में रतन लाल कटारिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

ये भी पढ़ेंः मोदी कैबिनेट विस्तार : 43 मंत्री होंगे शामिल, पीएम ने की बैठक

चंडीगढ़ः रतन लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है. वो मोदी मंत्रिमंडल की उस लंबी लिस्ट में शामिल हैं जिनसे इस्तीफा लिया गया है. लेकिन ऐसी नौबत क्यों आई कि खांटी भाजपाई और संस्थापक सदस्य रतन लाल कटारिया को इस्तीफा देना पड़ा. इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं. एक तो बहुत सारे नए मंत्रियों को टीम मोदी में जगह देनी थी, दूसरा हरियाणा से तीन मंत्री बने थे. जबकि इतने छोटे बाकी राज्यों को मंत्रिमंडल में इतनी जगह नहीं मिली थी.

इसके अलावा रतन लाल कटारिया की उम्र भी मंत्री पद से उन्हें दूर ले गई. इसके अलावा रतन लाल कटारिया की परफॉर्मेंस से भी नरेंद्र मोदी संतुष्ट नहीं थे. माना ये भी जा रहा है कि किसान आंदोलन और किसानों को लेकर दिये उनके बयानों से दिल्ली खुश नहीं थी. एक बार तो रतन लाल कटारिया ने यहां तक कह दिया था कि किसानों को प्रदर्शन करना था तो कहीं और जाकर मर लेते. तो ये भी एक बड़ा कारण बना कि उनकी मंत्री की कुर्सी जाती रही.

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ये है इस्तीफा देने वाले मंत्रियों की लिस्ट

अब रतन लाल कटारिया का क्या होगा ?

भारतीय जनता पार्टी अपने बाकी उम्र दराज नेताओं की तरह हो सकता है आने वाले वक्त में रतन लाल कटारिया को किसी संवैधानिक पद पर बैठा दे. ये भी हो सकता है कि इस बारे में बाकायदा उन्हें कोई आश्वासन मिला हो, क्योंकि रतन लाल कटारिया पुराने नेता हैं और संघ से उनका नाता रहा है.

रतन लाल कटारिया का राजनीतिक सफर

रतन लाल कटारिया हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के संगठन में बहुत पुराने नेता हैं. 1980 में वो भजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. उसके बाद प्रदेश प्रवक्ता, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री से होते हुए 2001 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने, और 2003 तक इस पद पर रहे. इसके अलावा भी वो संगठन में कई पदों पर काम करते रहे, और वो उन नेताओं में से हैं जब बीजेपी का हरियाणा में कोई जनाधार नहीं था तब भी वो भारतीय जनता पार्टी के साथ थे.

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पीएम मोदी के साथ रतन लाल कटारिया(फाइल फोटो)

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1999 में पहली बार बने सांसद

1999 में पहली बार रतन लाल कटारिया अंबाला लोकसभा सीट से सांसद चुने गए, और 2004 तक सांसद रहे. लेकिन इसके बाद लगातार 2 बार वो कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा से हारे. फिर 2014 में उन्होंने फिर से अंबाला सीट जीती. और 2019 में भी वो अंबाला से जीतकर आये, जिसके बाद रत्न लाल कटारिया को मोदी मंत्रिमंडल में जल शक्ति और सामाजिक न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया.

ईटीवी भारत हरियाणा की खबर पर मुहर

ईटीवी भारत हरियाणा ने बुधवार सुबह होते ही ये बता दिया था कि रतन लाल कटारिया की छुट्टी होना तय है. और हुआ भी वैसा ही मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में रतन लाल कटारिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

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