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महिला असिस्टेंट मैनेजर ने की आत्महत्या, परिजनों ने अधिकारियों पर लगाया प्रताड़ना का आरोप - महिला असिस्टेंट मैनेजर आत्महत्या चंडीगढ़

चंडीगढ़ में यूनियन बैंक की अपनी ब्रांच में लोन देने के लिए रिश्वतखोरी के चलने की शिकायत करने वाली असिस्टेंट मैनेजर नीलिमा ठाकुर (32) ने शनिवार को अपने घर में फंदा लगा सुसाइड कर लिया. नीलिमा इन दिनों यूनियन बैंक के सेक्टर-17 रीजनल ऑफिस में तैनात थीं.

union bank Female employee suicide chandigarh
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Published : Mar 9, 2020, 11:13 PM IST

चंडीगढ़: नीलिमा की मौत के बाद उनकी पर्सनल डायरी जांची गई, तो निकला कि मात्र रिश्वतखोरी की शिकायत उन्हें इस कदर भारी पड़ी कि सीनियर्स द्वारा परेशान किया जाने लगा. इतना ही नहीं नीलिमा की बार-बार ट्रांसफर की जाती रही.

उस पर बेवजह आरोप लगने शुरू हुए, बदनाम किया जाने लगा. इन सबसे तंग आकर नीलिमा ने जान तो दे दी. साथ ही डायरी में अपने पति को सीनियर्स और साथी कर्मियों के नाम लिखकर कहा कि मैं सच्ची थी, पर इन्होंने इतना हैरास किया कि मैं मरने को मजबूर हो गई. प्लीज, आप इन कर्मियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट जरूर करवाना. पता चल जाएगा कितनी करप्शन की है. इनको सजा जरूर दिलवाना, बख्शना नहीं, सच सामने आना ही चाहिए.

महिला असिस्टेंट मैनेजर ने की आत्महत्या, परिजनों ने बैंक अधिकारियों पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप.

नीलिमा के पति प्रकाश ने सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है. थाना पुलिस ने डीडीआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. नीलिमा सेक्टर-49 के साईं एन्क्लेव में रहती थीं. जब उसने फंदा लगाया तो उस समय घर में नीलिमा के पिता, छोटी बेटी और बेटा थे.

ये भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: तीनों सीटों के लिए उम्मीदवार उतार सकती है बीजेपी

मृतका के पति ने बताया कि उनकी पत्नी नीलिमा ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री की योजनाओं के तहत दिए जाने वाले 6 से 10 लाख के लोन को पास करने के लिए लोन लेने वालों से पहले ही 40 से 50 हजार की रिश्वत ली जाती है. एक और महिला का नाम लिखकर कहा कि उसने भी शिकायत दी लेकिन बैंक की इंटरनल विजिलेंस अपने आप मामला दबा देती है. जांच शुरू करती है, कर्मी का तबादला करती है और मसला दब जाता है.

मेरी पत्नी ने सिर्फ रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई थी. उसे बैंक अधिकारियों ने प्रताड़ित किया, बदनाम तक करना चाहा. मरने से पहले नीलिमा ने डायरी के अलावा मुझे वॉटसएप मैसेज भी भेजे. एक ही मांग है कि इन कर्मियों के खिलाफ एक्शन हो और इनका लाई डिटेक्टर टेस्ट हो.

पुलिस में दी शिकायत में प्रकाश ने बताया कि डायरी में नीलिमा ने साथ काम करने वाले बैंक अधिकारी रामानंद, नरेश गुप्ता, पंकज, विवेक, अशोक शर्मा, रावत साहित और तीन महिला कर्मियों के नाम लिखे हैं. सभी यूनियन बैंक के रीजनल ऑफिस के सरल विभाग में तैनात हैं. प्रकाश ने इन पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज करने के लिए शिकायत दी है.

ये भी पढ़ें- गैंगरेप के फर्जी मामले में महिला गिरफ्तार, साथी एसआई फरार

चंडीगढ़: नीलिमा की मौत के बाद उनकी पर्सनल डायरी जांची गई, तो निकला कि मात्र रिश्वतखोरी की शिकायत उन्हें इस कदर भारी पड़ी कि सीनियर्स द्वारा परेशान किया जाने लगा. इतना ही नहीं नीलिमा की बार-बार ट्रांसफर की जाती रही.

उस पर बेवजह आरोप लगने शुरू हुए, बदनाम किया जाने लगा. इन सबसे तंग आकर नीलिमा ने जान तो दे दी. साथ ही डायरी में अपने पति को सीनियर्स और साथी कर्मियों के नाम लिखकर कहा कि मैं सच्ची थी, पर इन्होंने इतना हैरास किया कि मैं मरने को मजबूर हो गई. प्लीज, आप इन कर्मियों का लाई डिटेक्टर टेस्ट जरूर करवाना. पता चल जाएगा कितनी करप्शन की है. इनको सजा जरूर दिलवाना, बख्शना नहीं, सच सामने आना ही चाहिए.

महिला असिस्टेंट मैनेजर ने की आत्महत्या, परिजनों ने बैंक अधिकारियों पर लगाया प्रताड़ित करने का आरोप.

नीलिमा के पति प्रकाश ने सेक्टर-49 पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है. थाना पुलिस ने डीडीआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. नीलिमा सेक्टर-49 के साईं एन्क्लेव में रहती थीं. जब उसने फंदा लगाया तो उस समय घर में नीलिमा के पिता, छोटी बेटी और बेटा थे.

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मृतका के पति ने बताया कि उनकी पत्नी नीलिमा ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री की योजनाओं के तहत दिए जाने वाले 6 से 10 लाख के लोन को पास करने के लिए लोन लेने वालों से पहले ही 40 से 50 हजार की रिश्वत ली जाती है. एक और महिला का नाम लिखकर कहा कि उसने भी शिकायत दी लेकिन बैंक की इंटरनल विजिलेंस अपने आप मामला दबा देती है. जांच शुरू करती है, कर्मी का तबादला करती है और मसला दब जाता है.

मेरी पत्नी ने सिर्फ रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई थी. उसे बैंक अधिकारियों ने प्रताड़ित किया, बदनाम तक करना चाहा. मरने से पहले नीलिमा ने डायरी के अलावा मुझे वॉटसएप मैसेज भी भेजे. एक ही मांग है कि इन कर्मियों के खिलाफ एक्शन हो और इनका लाई डिटेक्टर टेस्ट हो.

पुलिस में दी शिकायत में प्रकाश ने बताया कि डायरी में नीलिमा ने साथ काम करने वाले बैंक अधिकारी रामानंद, नरेश गुप्ता, पंकज, विवेक, अशोक शर्मा, रावत साहित और तीन महिला कर्मियों के नाम लिखे हैं. सभी यूनियन बैंक के रीजनल ऑफिस के सरल विभाग में तैनात हैं. प्रकाश ने इन पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज करने के लिए शिकायत दी है.

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