चंडीगढ़ः खेलों के महाकुंभ(Tokyo Olympics 2021) में इस बार दुनिया की नजरें भारत पर होंगी और भारत की नजरें हरियाणा पर, क्योंकि हरियाणा देश को सबसे ज्यादा मेडल्स दिला सकता है. हरियाणा के कई खिलाड़ियों से देश को गोल्ड की भी आस है. क्योंकि भारत से टोक्यो ओलंपिक में 100 से ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 31 हरियाणा से हैं. हरियाणा के आसपास तो छोड़िये इसके आधे खिलाड़ी भी बाकी किसी एक प्रदेश से नहीं हैं.
हरियाणा के सभी खिलाड़ियों से वैसे तो मेडल्स की उम्मीद है, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनसे गोल्ड की उम्मीद है. इनमें पहला नाम है बजरंग पूनिया(Bajrang Punia), बजरंग पूनिया पहली बार किसी ओलंपिक खेलों में भाग लेने जा रहे हैं. बजरंग जानते हैं कि पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आस लगाकर बैठा है और झज्जर जिले का रहने वाला ये 26 वर्षीय पहलवान भी वादा करने में और पूरा करने में पीछे नहीं हटता. 65 किलोग्राम वर्ग में विश्व के नंबर वन पहलवान बजरंग पूनिया एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में देश को सोना दिलवा चुके हैं.
गोल्ड की रेस में दूसरा नाम है नीरज चौपड़ा, नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) से भी देश को गोल्ड मेडल की ही उम्मीद है. भालाफेंक खिलाड़ी (Javelin Throw) नीरज चोपड़ा इस वक्त दुनिया सबसे बेहतरीन भालाफेंक खिलाड़ियों में शुमार हैं. चोट से वापसी करने के बाद हाल ही में नीरज ने पटियाला में हुई प्रतियोगिता में 88.07 मीटर के थ्रो के साथ अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड को ध्वस्त कर नया रिकार्ड बनाया था.
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सोने की इस रेस में म्हारी छोरियां भी पीछे नहीं हैं, मनु भाकर से शूटिंग में गोल्ट की आस देश लगाए बैठा है. हाल ही में उन्होंने क्रोएशिया के ओसियेक में ISSF World Cup में शूटर सौरभ चौधरी (Saurabh Chaudhary) के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सड टीम इवेंट में रजत पदक जीता है.
हरियाणा का फोगाट परिवार एक बार फिर ओलंपिक में गूंजता दिखेगा. इस परिवार की एक और बेटी कुश्ती में देश का नेतृत्व करेगी, जिनका नाम है विनेश फोगाट. विनेश रियो में अपने पहले ओलंपिक के दौरान लगी गंभीर चोट को भुलाते हुए उस ओलंपिक की तुलना में इस बार टोक्यो में सुखद यादें बनाने की कोशिश करेंगी. उत्तर कोरिया की विश्व चैंपियन खिलाड़ी पाक योंग-मी की गैरमौजूदगी में फोगाट का काम इस बार और आसान होगा.
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ओलंपिक में हरियाणा का इतिहास स्वर्णिम रहा है. भारत ने ओलंपिक में अपना पहला मेडल आजादी से पहले 1928 में हॉकी से हासिल किया था, जीतने वाली उस टीम में हरियाणा के भी कई खिलाड़ी शामिल थे. महिला वेटलिफ्टिंग में देश को पहला पदक दिलाने वाली कर्णम मल्लेश्वरी का ताल्लुक भी हरियाणा से है, उन्होंने 2000 सिंडनी ओलंपिक में ब्रांज जीता था. 2008 बीजिंग ओलंपिक में हरियाणा के सुशील कुमार ने देश को कुश्ती में पदक दिलाया था. 2012 में हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले 3 खिलाड़ियों मे देश को ओलंपिक मेडल दिलाया. 2016 ओलंपिक में हरियाणा की साक्षी मलिक ने देश को मेडल दिलाया.
इस बार भी हरियाणा के खिलाड़ियों से देश को मेडल की आस है. हरियाणा के कई खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम में देश के लिए खेलेंगे, उनसे भी मेडल्स की उम्मीद है. नीचे दी गई लिस्ट में देखिए हरियाणा के किन खिलाड़ियों से किस खेल में मेडल की आस है.
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