चंडीगढ़: भारतीय मुक्केबाज नीतू घणघस (Bhiwani boxer Neetu Ghanghas) ने बुधवार को महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर राष्ट्रमंडल खेलों में एक और पदक पक्का कर दिया. दो बार की युवा स्वर्ण पदक विजेता नीतू को क्वॉर्टर फाइनल के तीसरे और अंतिम राउंड में उत्तरी आयरलैंड की प्रतिंद्वद्वी निकोल क्लाइड के स्वेच्छा से रिटायर होने (एबीडी) के बाद विजेता घोषित किया गया.
नीतू घणघस भारत के मिनी क्यूबा कहे जाने वाले जिले भिवानी के धनाना गांव की रहने वाली हैं. 6 अगस्त को उनका सेमीफाइनल होगा. अगर नीतू सेमीफाइनल जीत लेती हैं तो रजत पदक पक्का को जाएगा. नीतू का अभी तक राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन रहा है. इसलिए प्रदेशवासियों को नीतू से स्वर्ण पदक की उम्मीद है. क्वार्टर फाइनल जीतने के बाद नीतू के हौसले बुलंद हैं और उनकी जीत पर घरवाले बेहद खुश हैं.
अमित पंघाल- बॉक्सिंग में भारत के लिए हरियाणा के बॉक्सर अमित पंघाल (Rohtak boxer Amit Panghal) ने एक और पदक पक्का कर लिया है. अमित पंघाल सेमीफाइनल में (amit panghal reached in semifinal) पहुंच गए हैं. उन्होंने स्कॉटलैंड के लेनन मूलिगन को 48 KG-51 KG (फ्लाई वेट) वर्ग के दूसरे क्वॉर्टर फाइनल में हरा दिया. अमित ने यह मैच 5-0 से अपने नाम किया. फाइनल में पंघाल का मुकाबला जाम्बिया के पैट्रिक चिन्याम्बा से 6 अगस्त को होगा.
बॉक्सर अमित पंघाल मूल रूप से रोहतक के मायना गांव (Amit Panghal Village Name) के रहने वाले हैं. उनका जन्म 16 अक्टूबर 1995 को हुआ था. गांव में कोच अनिल धनखड़ ने प्राइवेट बॉक्सिंग एकेडमी शुरू की थी. अमित के भाई अजय ने यहां प्रेक्टिस शुरू की. कुछ दिनों की प्रेक्टिस के बाद 2006 में अमित भी वहां जाने लग गया. दोनों भाइयों ने एक साथ प्रेक्टिस की और स्टेट बॉक्सिंग चैंपियन बन गए. बाद में भाई अजय ने बॉक्सिंग छोड़ दी थी. इसके बाद अमित पंघाल का सिलसिला लगातार जारी रहा.
सागर अहलावत- बॉक्सिंग में पुरुषों के 92 किलोग्राम भारवर्ग में सागर अहलावत (Jhajjar Boxer Sagar Ahlawat) ने भी सेमीफाइनल में जगह बना ली है और कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है. सागर ने सीशेल्स की केड्डी इवान्स को 5-0 से हराया. वो सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले हरियाणा के तीसरे मुक्केबाज हैं. सागर अहलावत हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले हैं. सागर के अलावा अमित पंघाल और और नीतू घणघस सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं. अब तक कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के 6 मुक्केबाज कम से कम अपना रजत पदक पक्का कर चुके हैं.