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Mangla Gauri Vrat: आज है तीसरा मंगला गौरी व्रत, इस व्रत से अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्ति

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Published : Aug 10, 2021, 6:45 AM IST

सावन का पवित्र महीना चल रहा है. शिव भक्तों के लिए ये पूरा महीना बेहद खास होता है. सावन के तीसरे सोमवार के बाद आज मां गौरी की पूजा की जाती है. इसे मंगला गौरी व्रत (mangla gauri vrat) भी कहा जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है. सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज यानि 10 अगस्त को है.

Mangala Gauri Vrat today sawan somvar
Mangla Gauri Vrat: आज है तीसरा मंगला गौरी व्रत, इस व्रत से अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्ति

चंडीगढ़: सावन का पवित्र महीना (sawan month) चल रहा है. शिव भक्तों के लिए ये पूरा महीना बेहद खास होता है. सावन के तीसरे सोमवार (sawan monday) के बाद आज मां गौरी की पूजा की जाती है. इसे मंगला गौरी व्रत (mangla gauri vrat) भी कहा जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है. सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज यानि 10 अगस्त को है.

मुख्य रूप से मंगला गौरी व्रत (mangla gauri vrat) अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है. इसलिए विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं. मां के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें और धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी का पूजन किया जाता है. पूजा के अंत में मां गौरी की आरती कर प्रसाद बांटा जाता है. मान्यता है कि मंगला गौरी की आरती गाने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मां गौरा आशीर्वाद सदैव बना रहता है.

मंगला गौरी व्रत श्रावण माह के सभी मंगलवार को किया जाता है. इस दिन मां गौरी की उपासना की जाती है. सावन माह में मंगलवार के दिन यह व्रत किया जाता है, इसलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. इस व्रत में ब्रह्म मुहूर्त में उठें. नित्य कर्मों से निवृत्त होकर व्रती को नए वस्त्र धारण करना चाहिए. इस व्रत में एक ही समय शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है. इस व्रत में पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है. इस व्रत में मंगला गौरी के साथ हनुमानजी की उपासना करें.

हनुमान जी के चरण से सिंदूर लेकर माथे पर टीका लगाएं. ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है. इस व्रत में गौरी पूजन के साथ सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. व्रती को अधिक से अधिक समय ऊं गौरी शंकराय नमः का जाप करना चाहिए. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं रखती हैं और इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. रात्रि के समय कभी भी मंगला गौरी अनुष्ठान नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये 6 चीजें, माना जाता है अशुभ

चंडीगढ़: सावन का पवित्र महीना (sawan month) चल रहा है. शिव भक्तों के लिए ये पूरा महीना बेहद खास होता है. सावन के तीसरे सोमवार (sawan monday) के बाद आज मां गौरी की पूजा की जाती है. इसे मंगला गौरी व्रत (mangla gauri vrat) भी कहा जाता है. सावन के महीने में भगवान शिव के साथ-साथ मां गौरा पार्वती की भी आराधना की जाती है. सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत आज यानि 10 अगस्त को है.

मुख्य रूप से मंगला गौरी व्रत (mangla gauri vrat) अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है. इसलिए विवाहित महिलाएं सावन में इस व्रत को विधि-विधान के साथ रखती हैं. मां के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें और धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी का पूजन किया जाता है. पूजा के अंत में मां गौरी की आरती कर प्रसाद बांटा जाता है. मान्यता है कि मंगला गौरी की आरती गाने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मां गौरा आशीर्वाद सदैव बना रहता है.

मंगला गौरी व्रत श्रावण माह के सभी मंगलवार को किया जाता है. इस दिन मां गौरी की उपासना की जाती है. सावन माह में मंगलवार के दिन यह व्रत किया जाता है, इसलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है. इस व्रत में ब्रह्म मुहूर्त में उठें. नित्य कर्मों से निवृत्त होकर व्रती को नए वस्त्र धारण करना चाहिए. इस व्रत में एक ही समय शुद्ध एवं शाकाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है. इस व्रत में पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है. इस व्रत में मंगला गौरी के साथ हनुमानजी की उपासना करें.

हनुमान जी के चरण से सिंदूर लेकर माथे पर टीका लगाएं. ऐसा करने से भाग्य में वृद्धि होती है. इस व्रत में गौरी पूजन के साथ सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. व्रती को अधिक से अधिक समय ऊं गौरी शंकराय नमः का जाप करना चाहिए. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं रखती हैं और इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. रात्रि के समय कभी भी मंगला गौरी अनुष्ठान नहीं करना चाहिए.

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