चंडीगढ़: सतलुज यमुना लिंक नहर (Sutlej Yamuna Link Canal ) के मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा करीब चार दशक से आमने-सामने हैं. इन चार दशकों में इस मामले को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव भी बना रहा. इसके साथ ही यह मामला कानून के दरवाजे तक भी पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल मामले में हरियाणा का पक्ष लिया और पंजाब को इस नहर को बनाने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके एसवाईएल नहर मामले का कोई हल नहीं निकल पाया.
दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद (SYL Issue in haryana) को हल करने के लिए सितंबर माह में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री बैठकर इस मुद्दे का समाधान निकालें. दरअसल, एसवाईएल नहर मामले में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया था कि पंजाब की ओर से इस मामले में सहयोग नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री की इस मुद्दे को लेकर बैठक करने के निर्देश दिए थे.
चार दशकों से दोनों राज्यों के बीच एसवाईएल का मुद्दा राजनीतिक बयानबाजियों का विषय रहा है. इस मामले में पंजाब और हरियाणा की सभी पार्टियों के नेता अपने-अपने प्रदेश के हक में हमेशा बोलते रहे हैं. ऐसे में अब इसी मामले को लेकर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मुलाकात करने जा रहे हैं. यह मुलाकात शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा निवास में साढ़े ग्यारह बजे होगी. जिसमें पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री इस मुद्दे को लेकर बैठकर चर्चा करेंगे.
एसवाईएल नहर मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री की बैठक में इस मुद्दे का कोई ना कोई समाधान जरूर निकलेगा और हरियाणा को हक का पानी उसे जरूर मिलेगा. हालांकि सतलुज यमुना लिंक नहर मुद्दे को लेकर पंजाब के वित्त मंत्री कह चुके हैं कि पंजाब प्रदेश के पानी की एक भी बूंद बाहर नहीं जाने देगा. साथ ही इस बैठक में पंजाब मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगा.
सतलुज यमुना लिंक नहर मुद्दे को लेकर अभी भी जिस तरीके से दोनों से राजनीतिक बयानबाजी हो रही है, फिर चाहे पंजाब सरकार हो या हरियाणा सरकार या दोनों राज्यों के विपक्षी दल, जिस तरीके से रुख अपनाए हुए हैं उसे देखते हुए इस बात की उम्मीद कम ही दिखाई देती (SYL Issue between haryana and punjab) है कि दोनों राज्यों के मुख्यमत्रियों की मुलाकात में इस मुद्दे को लेकर कोई समाधान जल्द निकल पाएगा. हालांकि इस मुलाकात के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भविष्य में इसको लेकर चर्चा जारी रखेंगे या नहीं, इसकी तस्वीर जरूर शुक्रवार की बैठक के बाद साफ हो जाएगी.
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