चंडीगढ़: दुनिया में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है जिसके कई कारण हैं, जैसे फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं, जंगलों में आग लगना, खेतों में फसलों को जलाना आदि. बढ़ते प्रदूषण का हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है.
ये हैं सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण
जहरीली गैस जितनी ज्यादा देर हवा में रहेगी हमारे स्वास्थ्य पर उसका उतना ही बुरा असर पड़ेगा. वहीं ये खतरा सर्दियों में ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि सर्दियों में वायु प्रदूषण ज्यादा होता है. सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने के क्या कारण हैं इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से बातचीत की. जिन्होंने सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण बताए.
उन्होंने बताया कि सर्दियों में तापमान कम होने की वजह से हवा ठंडी हो जाती है जिस वजह से हवा ऊपर नहीं जा पाती. उस वक्त हवा में मौजूद जहरीली कैसे भी निकल नहीं पाती और वो हवा में काफी समय तक रहती है. इस वजह से सर्दियों में प्रदूषण ज्यादा दर्ज किया जाता है.
चंडीगढ़ में अभी हालात हैं नियंत्रण में
चंडीगढ़ के बारे में पर्यावरण विभाग के निदेशक ने कहा कि यहां वायु प्रदूषण ज्यादा नहीं होता है क्योंकि यहां पर हरियाली अच्छी है, पुरानी कारें नहीं हैं और कंस्ट्रक्शन वर्क भी ज्यादा नहीं है, लेकिन चंडीगढ़ लैंड लॉक्ड एरिया है जिस वजह से यहां पर हवा का भाव खुले एरिया की तरह नहीं है इसलिए लोगों को भी प्रदूषण को नियंत्रण करने में हमेशा प्रशासन के साथ भागीदारी करनी होगी.
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उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ की हवा को और साफ करने के लिए यहां पर जल्द ही एयर प्यूरीफायर लगाए जायेंगे. एक प्यूरीफायर अपने आसपास 500 मीटर के इलाके की हवा को खींचकर उसे साफ करेगा, और इस तरह चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ेगा.
वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर
वहीं वायु प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर कितना बुरा असर पड़ सकता है. इसके बारे में हमने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ विभाग के डॉक्टर रविंद्र खैवाल से बात की. उन्होंने कहा कि हवा ठंडी होने की वजह से जहरीली गैस और प्रदूषण के कारण वायुमंडल से बाहर नहीं निकल पाते लोग उसी दूषित हवा में सांस लेते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित होती है.
दूषित हवा में सांस लेने से फेफड़े संबंधी कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं. प्रदूषण कैंसर होने की भावनाओं को भी बढ़ा देता है. वहीं प्रदूषण की वजह से कम उम्र में के लोगों की भी मौत हो रही है.
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ऐसे भी कई मामले सामने आते हैं जब लोग अंगीठी जलाकर बंद कमरे में सो जाते हैं जिससे कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसी हवा में सांस लेने पर कई बार लोगों की मौत भी हो जाती है. आजकल लोग मास्क पहन रहे हैं. जो कुछ हद तक प्रदूषण से बचाव कर सकता है. हवा में जो प्रदूषण कण होते हैं मास्क उन दोनों को रोक सकता है, लेकिन जहरीली गैसों से मास्क हमारा बचाव नहीं कर सकता.
बहरहाल चंडीगढ़ में फिलहाल दिल्ली-गुरुग्राम जैसे हालात नहीं है जहां प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा है. इसलिए सिटी ब्यूटीफुल के लोगों को शहर में प्रदूषण कम रहे इसके लिए अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास करना चाहिए.
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