चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यस बैंक संकट पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर दावा किया है कि सीएम खट्टर की हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (HVPN) ने डूबते बैंक में 1,000 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं. बता दें कि यस बैंक वित्तीय संकट से जूझ रहा है. बैंक के ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय की है.
सुरजेवाला ने सीएम खट्टर को घेरा
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला शनिवार को ट्वीट किया कि , 'RBI ने यस बैंक को “वीक गवर्नन्स व पूंजी क्वॉलिटी के गलत आंकलन” बारे 22 सितंबर, 2019 को पत्र लिखा. यस बैंक 12 फरवरी, 2020 को स्टॉक एक्स्चेंज से पूंजी तलाशता रहा पर नहीं मिली. फिर महीना भर पहले खट्टर जी की HVPN (हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम) ने ₹1,000 CR डूबते बैंक में क्यों जमा कराए?' साथ में उन्होंने तंज कसते हुए लिखा है कि 'ये संयोग है या प्रयोग?'
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RBI ने येस बैंक को “वीक गवर्नन्स व पूँजी क्वॉलिटी के ग़लत आँकलन” बारे 22 सितंबर, 2019 को पत्र लिखा।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
येस बैंक 12 फ़रवरी, 2020 को स्टॉक एक्स्चेंज से पूँजी तलाशता रहा पर नही मिली।
फिर महीना भर पहले खट्टर जी की HVPN ने ₹1,000 CR डूबते बैंक में क्यों जमा कराए?
संयोग है या प्रयोग?
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 7, 2020
येस बैंक 12 फ़रवरी, 2020 को स्टॉक एक्स्चेंज से पूँजी तलाशता रहा पर नही मिली।
फिर महीना भर पहले खट्टर जी की HVPN ने ₹1,000 CR डूबते बैंक में क्यों जमा कराए?
संयोग है या प्रयोग?RBI ने येस बैंक को “वीक गवर्नन्स व पूँजी क्वॉलिटी के ग़लत आँकलन” बारे 22 सितंबर, 2019 को पत्र लिखा।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 7, 2020
येस बैंक 12 फ़रवरी, 2020 को स्टॉक एक्स्चेंज से पूँजी तलाशता रहा पर नही मिली।
फिर महीना भर पहले खट्टर जी की HVPN ने ₹1,000 CR डूबते बैंक में क्यों जमा कराए?
संयोग है या प्रयोग?
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बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक को लेकर गुरुवार को बड़ा फैसला लिया. बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये की निकासी सीमा तय की है. ये व्यवस्था 30 दिन के लिए की गई है.
यस बैंक ने सहे कई झटके, अब ये हुआ हाल
यस बैंक के इतिहास को देखें तो इस बैंक ने भारत में ज्यादातर ऐसे कंपनियों को पैसे दिए जिनका वित्तीय रिकॉर्ड साफ नहीं रहा है. यस बैंक को पिछले कुछ सालों में लगातार एक के बाद एक कई झटके लगे और वित्तीय हालत खराब होती चली गई. गुरुवार को एक और झटका लगा जब आरबीआई ने यस बैंक से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी.
अब इस बैंक के ग्राहक एक महीने में सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं. इस खबर के बाद ग्राहकों में हड़कंप मच गई. इससे पहले यस बैंक को सबसे बड़ा झटका तब लगा था जब 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से जबरन हटा दिया.
लोगों को पैसा डूबने का सता रहा है डर
वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक को लेकर आरबीआई द्वारा दिए गए 50000 रुपये तक के निकालने के निर्देश के बाद अब यस बैंक के सामने ग्राहकों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं. ग्राहकों को अब अपना पैसा डूबने की का डर सताने लगा है.
क्या हैं नियम और आरबीआई ने इस एक महीने के लिए क्या छूट दी है-
- जमाकर्ता बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से 50,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकता है.
- किसी जमाकर्ता के पास एक से अधिक खाते हैं तो भी आप 50 हजार रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे.
- ऐसे जमाकर्ता जिसने बैंक से लोन लिया हो या उसे बैंक को पैसे देने हो तो ऐसे में जमाकर्ता को पहले उधार देना होगा. उसके बाद उसे बैंक से पैसे निकालने मिलेंगे. यानी मान लीजिए अगर आपके खाते में एक लाख है और आपका लोन भी एक लाख है तो आप बैंक से पैसे नहीं निकाल पाएंगे.
इन शर्तों पर 50 हजार रुपये से ज्यादा निकाल पाएंगे जमाकर्ता-
- जमाकर्ता या किसी भी व्यक्ति के मेडिकल इमरजेंसी के संबंध में.
- जमाकर्ता या किसी भी व्यक्ति की उच्च शिक्षा की लागत भारत में या भारत के बाहर शिक्षा के लिए उस पर निर्भर हैं.
- जमाकर्ता या उसके बच्चों या किसी अन्य व्यक्ति के विवाह या अन्य समारोहों के संबंध में अनिवार्य खर्चों का भुगतान करना हो.
- किसी भी अन्य आपातकाल समय के दौरान.