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रकबर मॉब लिंचिंग मामले के आरोपी नरेश को राजस्थान HC से मिली जमानत - राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के रकबर उर्फ अकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में आरोपी नरेश कुमार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश सबीना की एकलपीठ ने यह आदेश नरेश कुमार की ओर से चौथी बार दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

rakbar mob lynching
rajasthan high court
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Published : May 27, 2020, 10:35 AM IST

चंडीगढ़/जयपुर: रकबर उर्फ अकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में आरोपी नरेश कुमार को राजस्थान हाई कोर्ट से बेल मिल गई है. न्यायाधीश सबीना की एकलपीठ ने नरेश कुमार की ओर से चौथी बार दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जमानत के आदेश दिए हैं.

याचिका में अधिवक्ता सुदेश सैनी ने अदालत को बताया कि लिंचिंग प्रकरण में मौके से गिरफ्तार किए गए आरोपी परमजीत सिंह को हाईकोर्ट जमानत दे चुका है. अभियोजन पक्ष के पास न तो प्रकरण का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह है और ना ही याचिकाकर्ता को लेकर कोई ठोस साक्ष्य मौजूद हैं. अधिवक्ता सुदेश सैनी ने कहा कि इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में बंद है इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

नूंह का रहने वाला था अकबर

अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जुलाई 2018 की देर रात अलवर की रामगढ़ थाना पुलिस को गौ तस्करी की सूचना मिली थी. मौके पर जाने पर पुलिस को देखकर कुछ लोग भागने लगे. जबकि धर्मेंद्र और परमजीत दो गायों को लेकर वहां खड़े मिले. वहीं पास ही घायल अवस्था में रकबर उर्फ अकबर पड़ा मिला था जिसने बताया था कि वह लाडपुर से गाय खरीद कर हरियाणा स्थित अपने गांव में नूंह ले जा रहा था.

रास्ते में कुछ लोगों ने आकर उसके साथ मारपीट है. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची जहां से पुलिस अकबर को लेकर अस्पताल पहुंची थी जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

ये भी पढ़ें- धान पर सियासी जंग, किसान बोले- सरकार के साथ लठ उठाकर भी लड़ना पड़े तो हम लड़ेंगे

चंडीगढ़/जयपुर: रकबर उर्फ अकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में आरोपी नरेश कुमार को राजस्थान हाई कोर्ट से बेल मिल गई है. न्यायाधीश सबीना की एकलपीठ ने नरेश कुमार की ओर से चौथी बार दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जमानत के आदेश दिए हैं.

याचिका में अधिवक्ता सुदेश सैनी ने अदालत को बताया कि लिंचिंग प्रकरण में मौके से गिरफ्तार किए गए आरोपी परमजीत सिंह को हाईकोर्ट जमानत दे चुका है. अभियोजन पक्ष के पास न तो प्रकरण का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह है और ना ही याचिकाकर्ता को लेकर कोई ठोस साक्ष्य मौजूद हैं. अधिवक्ता सुदेश सैनी ने कहा कि इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में बंद है इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

नूंह का रहने वाला था अकबर

अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जुलाई 2018 की देर रात अलवर की रामगढ़ थाना पुलिस को गौ तस्करी की सूचना मिली थी. मौके पर जाने पर पुलिस को देखकर कुछ लोग भागने लगे. जबकि धर्मेंद्र और परमजीत दो गायों को लेकर वहां खड़े मिले. वहीं पास ही घायल अवस्था में रकबर उर्फ अकबर पड़ा मिला था जिसने बताया था कि वह लाडपुर से गाय खरीद कर हरियाणा स्थित अपने गांव में नूंह ले जा रहा था.

रास्ते में कुछ लोगों ने आकर उसके साथ मारपीट है. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची जहां से पुलिस अकबर को लेकर अस्पताल पहुंची थी जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

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