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शराब घोटाला: आरोपी एएसआई जयपाल ने लगाई याचिका, HC ने सरकार को भेजा नोटिस

हरियाणा के बहुचर्चित खरखौदा शराब घोटाले मामले में जेल में बंद खरखौदा थाने के एएसआई रहे जयपाल ने हाईकोर्ट में जमानत और डिपार्टमेंट इंक्वायरी पर रोक के लिए याचिका दायर की है. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 27 अगस्त के लिए जवाब तलब किया है.

sonipat liquor scam accused bail petition
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Published : Aug 19, 2020, 9:14 PM IST

चंडीगढ़: सोनीपत के खरखौदा में हुए शराब घोटाले को लेकर लगातार हरियाणा की राजनीति गरमा रही है और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में भी इससे संबंधित कई मामले चल रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में खरखौदा थाने के एएसआई रहे जयपाल जो कि फिलहाल जेल में बंद हैं उनके द्वारा जमानत की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई.

याचिका में भी कहा गया कि उन पर चल रही डिपार्टमेंट की इंक्वायरी पर रोक लगाई जाए. इस मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 27 अगस्त के लिए जवाब तलब किया है और साथ ही जयपाल पर चल रही डिपार्टमेंटल जांच पर भी तब तक के लिए रोक लगा दी.

शराब घोटाले में आरोपी एएसआई जयपाल ने लगाई याचिका, HC ने सरकार को भेजा नोटिस.

याचिकाकर्ता जयपाल ने कहा कि वह हरियाणा पुलिस डिपार्टमेंट में 23-11-1987 में भर्ती हुआ था और सोनीपत में एएसआई के रैंक पर काम कर रहा है और उसे उसके काम और व्यवहार को देखते हुए 15 कमेंडेशन सर्टिफिकेट भी और कई कैश अवार्ड भी मिल चुके हैं.

ये भी पढ़ें- नूंह में महिलाओं और छात्राओं को मुफ्त मिलेंगी सैनिटरी पैड

याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि उससे डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में फंसाया जा रहा है और जो उस पर आरोप लगाए गए हैं कि वह ड्यूटी के दौरान लापरवाही दिखाते थे वह बिल्कुल गलत है और उसमें यह भी कहा गया है कि वह गैर कानूनी वारदातों में शामिल थे जिसमें शराब माफिया के साथ वह मिले हुए थे और अपने से सीनियर हायर अथॉरिटीज की बातों को नहीं मानते थे.

उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट की ओर से की जा रही जांच में कहीं ना कहीं उनको ही गलत दिखाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें गलत तरीके से दो क्रिमिनल केस में फसाया जा रहा है इसलिए उनके ऊपर डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर रोक लगाई जाए. हाईकोर्ट ने डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. बाद में ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

ये भी पढ़ें: 'SYL को लेकर अगले हफ्ते बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी रिपोर्ट'

पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

चंडीगढ़: सोनीपत के खरखौदा में हुए शराब घोटाले को लेकर लगातार हरियाणा की राजनीति गरमा रही है और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में भी इससे संबंधित कई मामले चल रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में खरखौदा थाने के एएसआई रहे जयपाल जो कि फिलहाल जेल में बंद हैं उनके द्वारा जमानत की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई.

याचिका में भी कहा गया कि उन पर चल रही डिपार्टमेंट की इंक्वायरी पर रोक लगाई जाए. इस मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को 27 अगस्त के लिए जवाब तलब किया है और साथ ही जयपाल पर चल रही डिपार्टमेंटल जांच पर भी तब तक के लिए रोक लगा दी.

शराब घोटाले में आरोपी एएसआई जयपाल ने लगाई याचिका, HC ने सरकार को भेजा नोटिस.

याचिकाकर्ता जयपाल ने कहा कि वह हरियाणा पुलिस डिपार्टमेंट में 23-11-1987 में भर्ती हुआ था और सोनीपत में एएसआई के रैंक पर काम कर रहा है और उसे उसके काम और व्यवहार को देखते हुए 15 कमेंडेशन सर्टिफिकेट भी और कई कैश अवार्ड भी मिल चुके हैं.

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याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि उससे डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में फंसाया जा रहा है और जो उस पर आरोप लगाए गए हैं कि वह ड्यूटी के दौरान लापरवाही दिखाते थे वह बिल्कुल गलत है और उसमें यह भी कहा गया है कि वह गैर कानूनी वारदातों में शामिल थे जिसमें शराब माफिया के साथ वह मिले हुए थे और अपने से सीनियर हायर अथॉरिटीज की बातों को नहीं मानते थे.

उन्होंने कहा कि डिपार्टमेंट की ओर से की जा रही जांच में कहीं ना कहीं उनको ही गलत दिखाने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें गलत तरीके से दो क्रिमिनल केस में फसाया जा रहा है इसलिए उनके ऊपर डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर रोक लगाई जाए. हाईकोर्ट ने डिपार्टमेंटल इंक्वायरी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. बाद में ठेकेदार भूपेंद्र ने खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

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पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.

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