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किसानों के दिल्ली कूच से पहले सख्त हरियाणा सरकार, कई नेता गिरफ्तार, बॉर्डर सील

हरियाणा सरकार किसानों के दिल्ली कूच पर सख्त नजर आ रही है. सरकार ने पंजाब और दिल्ली बॉर्डर सील करने के आदेश दिए हैं और जगह-जगह किसान नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई है.

punjab haryana and haryana delhi borders will be closed on 25 november to 27 november
punjab haryana and haryana delhi borders will be closed on 25 november to 27 november
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Published : Nov 24, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 12:27 PM IST

चंडीगढ़ः देशभर के किसान के किसान 26 नवंबर को दिल्ली कूच करेंगे. ये कूच नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहा है जिसको लेकर हरियाणा सरकार काफी सख्त नजर आ रही है. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ शब्दों में कहा कि 25ल और 26 नवंबर को पंजाब बॉर्डर पूरी तरह सील रहेगा. इसके अलावा 26 और 27 नवंबर को दिल्ली बॉर्डर भी पूरी तरह सील रहेगा ताकि हरियाणा के किसान इस प्रदर्शन में शामिल ना हो पाएं. इस प्रदर्शन पर सख्ती करते हुए सरकार ने ना सिर्फ बॉर्डर सील करने के आदेश दिए हैं बल्कि अलग-अलग जिलों से किसान नेताओं को हिरासत में भी ले लिया गया है जिसके खिलाफ कई जगह प्रदर्शन भी किसानों ने किया है. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर से सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया गया है या उन पर नजर रखी जा रही है.

ये किसान नेता हिरासत में

  • रोहतक से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल गिरफ्तार
  • अंबाला से भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह सुबह 4 बजे गिरफ्तार
  • सिरसा से किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा 2 किसानों के साथ रात 12 बजे गिरफ्तार
  • फतेहाबाद में किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप नथवान के घर पर दबिश
  • गोहाना से सुबह 4 बजे किसान नेता गिरफ्तार
  • जींद में मुख्य किसान नेता रामफल कंडेला पर प्रशासन की नजर

कई जगह किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन

प्रदर्शन से पहले हो रही किसानों की गिरफ्तारियों पर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुआ है. फतेहाबाद के रतिया में किसानों ने गिरफ्तारी के विरोध में सीएम और पीएम का पुतला फूंका. चरखी दादरी में किसानों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया है. इसके अलावा नारनौंद में भी किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन हुआ है. इतना ही नहीं टोहाना में भी किसानों ने गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

प्रशासन ऐसे कर रहा है तैयारी

25 नवंबर से 27 नवंबर तक पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर सील रहेंगे जिसको लेकर प्रशासन ने कमर कसी है. सोनीपत में अभी से चैकिंग शुरू कर दी गई है, अंबाला में पंजाब बॉर्डर को सील करने की तैयारी प्रशासन पूरी कर चुका है. इसके अलावा फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है.

गुरनाम सिंह चढूनी ने क्या कहा ?

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान हिंसा ना करें लेकिन पुलिस के रोकने पर बैरिकेडिंग तोड़कर सुनिश्चित स्थान तक पहुंचें. उन्होंने कहा कि जो किसान भी हरासत में लिए गए हैं उनके पड़ोसी उनके खेतों में काम करें ताकि उनका कम ना रुके. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अब शंभू बॉर्डर के बजाए रास्ता बदलकर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कितने ही किसानों को गिरफ्तार कर आंदोलन को कमजोर करना चाहे लेकिन हम इस आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे.

विपक्ष सरकार पर हमलावर

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सर छोटू राम की जयंती पर रातों रात छापेमारी कर किसान नेताओं की धरपकड़ से खट्टर और मोदी सरकार ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि किसानों ने आखिर क्या अपराध किया है, क्या फसल की कीमत मांगना अब इस देश में अपराध है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी किसानों की गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि किसान अपने आंदोलन को वापस ले लें, अगर ऐसा नहीं होता है तो सख्ती बरती जाएगी. इस अपील के साथ उन्होंने कहा कि 25 और 26 नवंबर को पंजाब बॉर्डर पूरी तरह सील रहगा साथ ही 26 और 27 नवंबर को दिल्ली बॉर्डर भी सील रहेगा.

पंजाब बॉर्डर कूच से एक दिन पहले सील क्यों किया ?

दरअसल हरियाणा पंजाब के शंभू बॉर्डर पर दोनों प्रदेशों के किसानों को 25 नवंबर को मिलना था फिर उसके बाद 26 नवंबर को दिल्ली कूच की तैयारी थी लेकिन सरकार ने आंदोलन को नाकाम करने के लिए पंजाब बॉर्डर 25 नवंबर से ही सील कर दिया है जबकि दिल्ली बॉर्डर 26 नवंबर को सील किया जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार कम से कम किसानों को आंदोलन में शिरकत करने देना चाहती है.

चंडीगढ़ः देशभर के किसान के किसान 26 नवंबर को दिल्ली कूच करेंगे. ये कूच नए कृषि कानून के खिलाफ हो रहा है जिसको लेकर हरियाणा सरकार काफी सख्त नजर आ रही है. आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ शब्दों में कहा कि 25ल और 26 नवंबर को पंजाब बॉर्डर पूरी तरह सील रहेगा. इसके अलावा 26 और 27 नवंबर को दिल्ली बॉर्डर भी पूरी तरह सील रहेगा ताकि हरियाणा के किसान इस प्रदर्शन में शामिल ना हो पाएं. इस प्रदर्शन पर सख्ती करते हुए सरकार ने ना सिर्फ बॉर्डर सील करने के आदेश दिए हैं बल्कि अलग-अलग जिलों से किसान नेताओं को हिरासत में भी ले लिया गया है जिसके खिलाफ कई जगह प्रदर्शन भी किसानों ने किया है. सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर से सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया गया है या उन पर नजर रखी जा रही है.

ये किसान नेता हिरासत में

  • रोहतक से भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल गिरफ्तार
  • अंबाला से भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष गुलाब सिंह सुबह 4 बजे गिरफ्तार
  • सिरसा से किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारुखेड़ा 2 किसानों के साथ रात 12 बजे गिरफ्तार
  • फतेहाबाद में किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप नथवान के घर पर दबिश
  • गोहाना से सुबह 4 बजे किसान नेता गिरफ्तार
  • जींद में मुख्य किसान नेता रामफल कंडेला पर प्रशासन की नजर

कई जगह किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन

प्रदर्शन से पहले हो रही किसानों की गिरफ्तारियों पर प्रदेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुआ है. फतेहाबाद के रतिया में किसानों ने गिरफ्तारी के विरोध में सीएम और पीएम का पुतला फूंका. चरखी दादरी में किसानों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया है. इसके अलावा नारनौंद में भी किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन हुआ है. इतना ही नहीं टोहाना में भी किसानों ने गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है.

प्रशासन ऐसे कर रहा है तैयारी

25 नवंबर से 27 नवंबर तक पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर सील रहेंगे जिसको लेकर प्रशासन ने कमर कसी है. सोनीपत में अभी से चैकिंग शुरू कर दी गई है, अंबाला में पंजाब बॉर्डर को सील करने की तैयारी प्रशासन पूरी कर चुका है. इसके अलावा फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है.

गुरनाम सिंह चढूनी ने क्या कहा ?

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान हिंसा ना करें लेकिन पुलिस के रोकने पर बैरिकेडिंग तोड़कर सुनिश्चित स्थान तक पहुंचें. उन्होंने कहा कि जो किसान भी हरासत में लिए गए हैं उनके पड़ोसी उनके खेतों में काम करें ताकि उनका कम ना रुके. गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अब शंभू बॉर्डर के बजाए रास्ता बदलकर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कितने ही किसानों को गिरफ्तार कर आंदोलन को कमजोर करना चाहे लेकिन हम इस आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे.

विपक्ष सरकार पर हमलावर

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सर छोटू राम की जयंती पर रातों रात छापेमारी कर किसान नेताओं की धरपकड़ से खट्टर और मोदी सरकार ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी हैं. उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि किसानों ने आखिर क्या अपराध किया है, क्या फसल की कीमत मांगना अब इस देश में अपराध है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी किसानों की गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने क्या कहा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि किसान अपने आंदोलन को वापस ले लें, अगर ऐसा नहीं होता है तो सख्ती बरती जाएगी. इस अपील के साथ उन्होंने कहा कि 25 और 26 नवंबर को पंजाब बॉर्डर पूरी तरह सील रहगा साथ ही 26 और 27 नवंबर को दिल्ली बॉर्डर भी सील रहेगा.

पंजाब बॉर्डर कूच से एक दिन पहले सील क्यों किया ?

दरअसल हरियाणा पंजाब के शंभू बॉर्डर पर दोनों प्रदेशों के किसानों को 25 नवंबर को मिलना था फिर उसके बाद 26 नवंबर को दिल्ली कूच की तैयारी थी लेकिन सरकार ने आंदोलन को नाकाम करने के लिए पंजाब बॉर्डर 25 नवंबर से ही सील कर दिया है जबकि दिल्ली बॉर्डर 26 नवंबर को सील किया जाएगा. इसका मतलब है कि सरकार कम से कम किसानों को आंदोलन में शिरकत करने देना चाहती है.

Last Updated : Nov 25, 2020, 12:27 PM IST
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