पलवल: लंबी खींचतान और जद्दोजहद के बाद आखिरकार कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. खेमेबाजी से जूझ रही कांग्रेस के लिए नया नाम पर मुहर लगाना मुश्किल हो रहा था. हरियाणा कांग्रेस के कई बड़ने नेताओं के नाम सामने आ रहे थे. लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने नये अध्यक्ष के लिए ऐसे नाम पर मुहर लगाई जो दो दिन पहले तक कहीं रेस में नहीं था. माना जा रहा है कि भूपेंद्र हुड्डा ने उदय का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया था.
उदय भान पलवल जिले की होडल विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके हैं. उदय भान को हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेहद करीबी माना जाता है. उदयभान पूर्व में कृषक भारतीय कोऑपरेटिव (कृभको) के चेयरमैन और होडल-हसनपुर दोनों विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उदय भान उस गया लाल के बेटे हैं जिनकी वजह से हरियाणा में 'आया राम, गया राम' का मुहावरा मशहूर हुआ था. 1970 के दशक में आया राम गया राम का मुहावरा दल बदल के पर्याय के रूप में बेहद चर्चा में रहा. ये मुहावरा 1967 में उस वक्त मशहूर हुआ जब हरियाणा की हसनपुर (सुरक्षित) विधानसभा से निर्दलीय विधायक गया लाल ने एक ही दिन में तीन बार पार्टी बदली.
उदय भान का राजनीतिक परिवार से नाता रहा है. उदय भान का जन्म 2 नवंबर 1955 को पलवल के होडल में हुआ था. उदय भान की पत्नी का नाम शकुंतला देवी. उनके चार बच्चे हैं. उदय भान ने अपनी स्कूली शिक्षा होटल से ही पूरी की है. जिसके बाद उन्होंने ब्रिज मंडल कॉलेज होडल से 1974 में स्नातक पूरा किया. पहली बार उदय भान 1987 में लोकदल के टिकट से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. 1987 से लेकर 1991 तक वो हसनपुर विधानसभा से विधायक रहे. इसके साथ ही दिसंबर 1989 से लेकर मई 1993 तक उदय भान कृभको के चेयरमैन भी रहे.
साल 2000 में उन्होंने हसनपुर विधानसभा से एक बार फिर से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2000 से लेकर 2005 तक वो विधायक रहे. 2005 में उन्होंने एक बार फिर से इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर होडल विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर लड़े. इस चुनाव में चौथी बार भी उन्होंने जीत हासिल की.
इसके बाद 2014 से लेकर 2019 तक वह हरियाणा विधानसभा के मेंबर रहे. 2019 इसमें उन्होंने एक बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन इस बार बीजेपी की लहर में उनको हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी के उम्मीदवार जगदीश नायक के हाथों उन्हें शिकस्त खानी पड़ी.
उदय भान दलित समुदाय से आते हैं. हरियाणा में दलित समुदाय का बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस आलाकमान ने वोट बैंक के चलते भी उनके नाम पर मुहर लगाई. इससे पहले हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी कुमारी सैलजा और अशोक तंवर भी दलित समुदाय से अध्यक्ष बनाये गये थे. दलित वोट बैंक को अपनी तरफ आकर्षित करने में उदय भान कितने सफल होंगे यह तो चुनाव आने पर पता चलेगा लेकिन जिस तरह से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उदय भान के नाम को हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आगे किया उसे हरियाणा की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म जरूर हो गया है.
हरियाणा में कुमारी शैलजा के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद ही हरियाणा की राजनीति की निगाहें प्रदेश अध्यक्ष पद की तरफ देख रही थी. दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई का सोनिया गांधी और राहुल गांधी से दो बार की मुलाकातों से हरियाणा की राजनीति में कई मतलब निकलने शुरू हो गए थे. इसी बीच उदय भान का नाम आने से सभी अटकलों पर विराम लग गया.
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