चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने शराब घोटाले की जांच के लिए गठित उच्चस्तरीय स्पेशल इंक्वायरी टीम (SET) का कार्यकाल दो महीने के लिए और बढ़ा दिया है. इंक्वायरी टीम का कार्यकाल रविवार 31 मई को समाप्त होना था. इसके साथ ही वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी अकील मोहम्मद को स्पेशल इंक्वायरी टीम का सदस्य बनाया गया है.
आईपीएस अकील मोहम्मद नए सदस्य
एडीजीपी सुभाष यादव के सेवानिवृत होने के बाद उन्हें इस टीम का सदस्य बनाया गया है. प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने इसकी घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि एसईटी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और इसी कारण सरकार ने इसका कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही एडीजीपी और गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर अकील मोहम्मद को एसईटी का नया सदस्य बनाया गया है.
जांच टीम को मिलेगा बल
आईपीएस अकील मोहम्मद को रिटायर हुए एडीजीपी सुभाष यादव के स्थान पर इस जांच टीम का सदस्य बनाया गया है. हाल ही में लॉकडाउन के दौरान पूरे प्रदेश में हुई शराब तस्करी के केसों की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने स्पेशल इंक्वारी टीम का गठन किया था. ये जांच दल पुलिस विभाग में आबकारी विभाग द्वारा पकड़ी गई शराब के साथ-साथ शराब कारोबारियों के रिकॉर्ड का भी मिलान करेगा.
ये है शराब घोटाला मामला
बता दें कि सोनीपत के खरखौदा में पुलिस द्वारा सील गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों की शराब गायब हो गई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं.
ये था मुख्य आरोपी
इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है. गृह मंत्री अनिल विज इस मामले में दो थाना प्रभारियों समेत पांच पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज किया था. वहीं शराब तस्कर भूपेंद्र और अन्य पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था. मुख्य आरोपी भूपेंद्र दहिया से पूछताछ जारी है.
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ये है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश हैं कि जब्त की हुई शराब को तीन महीने के समय के बाद नष्ट करना होता है, लेकिन यह शराब नष्ट करने के बजाय लॉकडाउन के दौरान हरियाणा, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली तक सप्लाई की गई थी.