चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल के इकलौते विधायक अभय चौटाला ने राज्यसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. अभय चौटाला ने ऐलान किया है कि वो जेजेपी-बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट करेंगे. राज्यसभा चुनाव को लेकर गुरुवार का इनेलो संसदीय समिति की बैठक हुई जिसमें ये फैसला लिया गया.
अभय चौटाला ने कहा कि हमने पार्टी की PAC की बैठक में चर्चा की है. मैंने सारा फैसला पार्टी के सारे नेताओं पर छोड़ दिया. मेरे सामने असमंजस की स्थिति है. कांग्रेस को देवीलाल जी ने भी छोड़ दिया था. क्योंकि देवीलाल ने कहा था अंग्रेज तो चले गए लेकिन कांग्रेस के रूप में काले अंग्रेज आ गए. भूपेंद्र हुड्डा ने ही मुकदमा दर्ज करवाया था जिसके बाद ओम प्रकाश चौटाला को जेल हुई.
जब भूपेंद्र हुड्डा का बेटा चुनाव लड़ रहा था तब फोन करके मुझसे वोट मांगा था. इस बार तो उसने वोट ही नहीं मांगा. मैं किसी कीमत पर कांग्रेस को वोट नहीं दूंगा. मेरे सामने नागनाथ और सांपनाथ वाली स्थिति है. एक तरफ कांग्रेस है एक तरफ बीजेपी. इसलिए मैं बीजेपी को भी वोट नहीं दूंगा. अभय चौटाला, इनेलो विधायक
हरियाणा विधानसभा का गणित- राज्यसभा चुनाव में संख्या बल और समर्थन की बात की जाये तो वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 40 विधायक हैं. जबकि सरकार में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक. कांग्रेस पार्टी के 31 विधायक हैं. एक इंडियन नेशनल लोकदल (इनोलो) और एक हरियाणा लोकहित पार्टी का विधायक है. इनके अलावा कुल सात विधायक निर्दलीय हैं. कार्तिकेय शर्मा को जननायक जनता पार्टी ने नामांकन के साथ ही समर्थन का ऐलान कर दिया था. जेजेपी के सहारे ही कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए पर्चा भी भरा है. बीजेपी भी कार्तिकेय शर्मा को अपना समर्थन दे रही है. सात निर्दलीय विधायकों में से 6 अभी सरकार के साथ हैं. इन सभी निर्दलीयों को सरकार ने अलग-अलग आयोगों का चेयरमैन बनाया हुआ है. यानि 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कार्तकेय शर्मा को मिलना लगभग तय है.
हरियाणा राज्यसभा चुनाव का समीकरण- अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो जेजेपी के 10 विधायक. निर्दलीय 6 विधायक. एक विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा भी बीजेपी को समर्थन करते हैं. इस हिसाब से कार्तिकेय शर्मा के पास कुल 17 विधायकों (10+6+1) का समर्थन हो जाता है. वही फर्स्ट प्रिफरेंस मे बीजेपी के 31 विधायक अपनी पार्टी के उम्मीदवार को वोट करते हैं. उसके बाद बीजेपी के 9 विधायक कार्तिकेय शर्मा को वोट करेंगे. इसके बाद कार्तिकेय के पास समर्थन का आंकड़ा 26 (10 जेजेपी+ 9 बीजेपी + 6 निर्दलीय + एक गोपाला कांडा) हो जाता है. इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला ने भी अब कार्तिकेय शर्मा को समर्थन का ऐलान कर दिया है. इस तरह से कार्तिकेय के पास 27 विधायक हो जाते हैं. जबकि दूसरी सीट पर चुनाव जीतने के लिए कम से कम 30 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.
निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है. अगर बलराज कुंडू भी निर्दलीय कार्तिकेय को वोट करते हैं तब भी उनके पास 28 विधायक का समर्थन ही हो रहा है. यानि कांग्रेस के वोट के बिना उनकी जीत संभव नहीं लगती. इसके बाद या तो कांग्रेस को दो विधायक कार्तिकेय को वोट करें या फिर उनके तीन वोट खारिज हो जायें तब उनकी जीत पक्की हो जायेगी.
कांग्रेस की जीत पर कलह भारी- इधर इस समय कांग्रेस पार्टी के कुल 31 विधायक विधानसभा में हैं. ऐसे में आंकड़ों के हिसाब से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत निश्चित लग रही है. लेकिन आसान नहीं हैं. क्योंकि आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई नाराज बताये जा रहे हैं. बाकी कांग्रेस विधायकों के साथ कुलदीप बिश्नोई छत्तीसगढ़ भी नहीं गये थे. अभी तक उन्होंने कहा है कि वो अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर वोट करेंगे. राजनीतिक जानकार इसका मतलय यही निकाल रहे हैं कि कुलदीब बिश्नोई अजय माकन को वोट नहीं करेंगे. इसी अंतर कलह की वजह से कांग्रेस डरी हुई है. पार्टी को कहीं ना कहीं अपने विधायकों के क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है.