ETV Bharat / city

जानिए IAS रानी नागर ने क्यों दिया था इस्तीफा और क्या है उनकी नारजगी की वजह ?

author img

By

Published : May 8, 2020, 8:14 AM IST

Updated : May 8, 2020, 8:42 AM IST

हरियाणा सरकार ने आईएएस रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रानी का आईएएस कैडर उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में बदलने की सिफारिश भी केंद्र सरकार से की है.

rani nagar
rani nagar

चंडीगढ़: हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने चार दिन पहले हरियाणा की मुख्य सचिव को इस्तीफ़ा भेजा था. रानी नागर सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट डिपार्टमेंट में एडिशनल डायरेक्टर‌ पद पर थीं. उन्होंने गवर्नमेंट ड्यूटी के दौरान पर्सनल सुरक्षा को कारण बताकर इस्तीफा दिया था. जिसे हरियाणा सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया है. लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिए आईएएस अधिकारी अपनी जान को खतरा बता रही थी.

वहीं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी सांझा की है. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया है कि मैं आप सब से एक ख़ुशी का समाचार सांझा कर रहा हूँ कि हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफ़ा माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नामंज़ूर कर दिया है. इस्तीफ़ा नामंज़ूर करने के लिए मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं.

gurjar
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी सांझा की है

रानी ने फिर लगाए गंभीर आरोप

रानी ने गुरुवार को ही ट्विटर पर यूटी गेस्ट हाउस में 13 दिसंबर 2019 को लंच में परोसी गई लोहे की पिन व शिकायत की फोटो भी डाली है. रानी ने लिखा है कि यूटी गेस्ट हाउस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाना मना था. रुपये देकर यूटी गेस्ट हाउस से जो खाना खरीदती थी, उसे लोहे के पिन डालकर दिया जाता था.

  • मैं रूपये देकर यू टी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लाक्डाउन व कर्फ़्यू में यू टी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहिन रीमा नागर को

    — Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- ग्रीन जोन महेंद्रगढ़ में कोरोना की दस्तक, 31 नए मामलों के साथ एक्टिव केस हुए 358

लॉकडाउन व कर्फ्यू में यूटी गेस्ट हाउस को जनता के लिए बंद कर दिया गया, लेकिन उन्हें और बहन रीमा नागर को वहीं रखा. कर्फ्यू में हमें खाना भी नहीं मिला. दोनों ने बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया. इसके अतिरिक्त यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 का दरवाजा कर्फ़्यू में किसी ने बाहर से चाबी लगा कर खोल लिया था और उस समय मैं रानी नागर व मेरी बहन रीमा नागर यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 के अन्दर ही थे.

  • यू टी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया। कर्फ़्यू व लाक्डाउन में हमें खाना भी नहीं मिला। मैं और मेरी बहिन रीमा नागर ने कर्फ़्यू व लाक्डाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ अादि से अपना गुज़ारा चलाया। यदि आप मेरा इस्तीफ़ा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी।🙏

    — Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की रहने वाली आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी. इस्तीफा सौंपने के बाद विपक्षी पार्टी के नेता भी सरकार पर निशाना साध रहे थे. बीते सोमवार को रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया था. अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर उन्होंने इसकी जानकारी दी थी.

ये लिखा था फेसबुक पोस्ट में

"मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाजियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं और मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ़ से अपने पैतृक शहर ग़ाजियाबाद वापस जा रहे हैं. हम आपके आशीर्वाद और साथ के आभारी रहेंगे."

कौन हैं आईएएस रानी नागर?

रानी नागर उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद की रहने वाली हैं. रानी नागर 2014 बैच हरियाणा कैडर की आईएएस अफसर हैं. रानी नागर दिसंबर 2019 से अपनी बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 में रह रही हैं. रानी नागर गुर्जर समाज से आईएएस बनने वली पहली लड़की हैं. उनके गांव में उन्हें बेहद सम्मानित व्यक्ति के तौर पर देखा जाता है.

पहले भी सुर्खियों में रही हैं रानी नागर

रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. मामला सीएम खट्टर तक पहुंचा था. गुलाटी ने आरोपों को नकारते हुए सरकार को भी जवाब दे दिया था. इसके अलावा रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकी हैं. वहीं, उन्होंने डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था और डीजीपी को शिकायत दी थी.

ये भी पढ़ें- किसानों को नहीं होने देंगे कोई समस्या, खाते में जल्द आ जाएंगे फसल के पैसे- जेपी दलाल

चंडीगढ़: हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने चार दिन पहले हरियाणा की मुख्य सचिव को इस्तीफ़ा भेजा था. रानी नागर सोशल जस्टिस एंड एंपावरमेंट डिपार्टमेंट में एडिशनल डायरेक्टर‌ पद पर थीं. उन्होंने गवर्नमेंट ड्यूटी के दौरान पर्सनल सुरक्षा को कारण बताकर इस्तीफा दिया था. जिसे हरियाणा सरकार द्वारा नामंजूर कर दिया गया है. लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिए आईएएस अधिकारी अपनी जान को खतरा बता रही थी.

वहीं केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी सांझा की है. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया है कि मैं आप सब से एक ख़ुशी का समाचार सांझा कर रहा हूँ कि हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफ़ा माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नामंज़ूर कर दिया है. इस्तीफ़ा नामंज़ूर करने के लिए मैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दिल की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं.

gurjar
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी सांझा की है

रानी ने फिर लगाए गंभीर आरोप

रानी ने गुरुवार को ही ट्विटर पर यूटी गेस्ट हाउस में 13 दिसंबर 2019 को लंच में परोसी गई लोहे की पिन व शिकायत की फोटो भी डाली है. रानी ने लिखा है कि यूटी गेस्ट हाउस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाना मना था. रुपये देकर यूटी गेस्ट हाउस से जो खाना खरीदती थी, उसे लोहे के पिन डालकर दिया जाता था.

  • मैं रूपये देकर यू टी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लाक्डाउन व कर्फ़्यू में यू टी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहिन रीमा नागर को

    — Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- ग्रीन जोन महेंद्रगढ़ में कोरोना की दस्तक, 31 नए मामलों के साथ एक्टिव केस हुए 358

लॉकडाउन व कर्फ्यू में यूटी गेस्ट हाउस को जनता के लिए बंद कर दिया गया, लेकिन उन्हें और बहन रीमा नागर को वहीं रखा. कर्फ्यू में हमें खाना भी नहीं मिला. दोनों ने बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया. इसके अतिरिक्त यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 का दरवाजा कर्फ़्यू में किसी ने बाहर से चाबी लगा कर खोल लिया था और उस समय मैं रानी नागर व मेरी बहन रीमा नागर यू टी गेस्ट हाऊस के मेरे कमरा नम्बर 311 के अन्दर ही थे.

  • यू टी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया। कर्फ़्यू व लाक्डाउन में हमें खाना भी नहीं मिला। मैं और मेरी बहिन रीमा नागर ने कर्फ़्यू व लाक्डाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ अादि से अपना गुज़ारा चलाया। यदि आप मेरा इस्तीफ़ा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी।🙏

    — Ias Rani Nagar (@ias_raninagar) May 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की रहने वाली आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी. इस्तीफा सौंपने के बाद विपक्षी पार्टी के नेता भी सरकार पर निशाना साध रहे थे. बीते सोमवार को रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया था. अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर उन्होंने इसकी जानकारी दी थी.

ये लिखा था फेसबुक पोस्ट में

"मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाजियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने आज दिनांक 04 मई 2020 को आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं और मेरी बहन रीमा नागर माननीय सरकार से अनुमति लेकर चंडीगढ़ से अपने पैतृक शहर ग़ाजियाबाद वापस जा रहे हैं. हम आपके आशीर्वाद और साथ के आभारी रहेंगे."

कौन हैं आईएएस रानी नागर?

रानी नागर उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद की रहने वाली हैं. रानी नागर 2014 बैच हरियाणा कैडर की आईएएस अफसर हैं. रानी नागर दिसंबर 2019 से अपनी बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 में रह रही हैं. रानी नागर गुर्जर समाज से आईएएस बनने वली पहली लड़की हैं. उनके गांव में उन्हें बेहद सम्मानित व्यक्ति के तौर पर देखा जाता है.

पहले भी सुर्खियों में रही हैं रानी नागर

रानी नागर ने जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. मामला सीएम खट्टर तक पहुंचा था. गुलाटी ने आरोपों को नकारते हुए सरकार को भी जवाब दे दिया था. इसके अलावा रानी नागर एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकी हैं. वहीं, उन्होंने डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था और डीजीपी को शिकायत दी थी.

ये भी पढ़ें- किसानों को नहीं होने देंगे कोई समस्या, खाते में जल्द आ जाएंगे फसल के पैसे- जेपी दलाल

Last Updated : May 8, 2020, 8:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.