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IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमेटी पर उठाए सवाल

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Published : Jan 17, 2020, 3:33 PM IST

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक बार फिर पत्र भेजकर सरकार की तरफ से आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को ग्रेड ए सर्टिफिकेट दिए जाने के मामले में गठित 3 सदस्य कमेटी पर सवाल खड़े किए हैं.

IAS ashok khemka letter to cm
IAS ashok khemka letter to cm

चंडीगढ़: आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे को ए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए जाने का मामला फिर गरमा गया है. इस मामले में जांच कमेटी गठित होने के साथ ही खेमका ने कमेटी में शामिल अधिकारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है.

कमेटी में प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स आनंद मोहन शरण, स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर भूपेंद्र सिंह और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के प्रतिनिधि को रखा है. 3 सदस्यीय कमेटी के गठन पर खेमका ने सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है.

IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमटी पर उठाए सवाल.

खेमका ने कहा कि जिन अधिकारियों से उनके कार्यों के लिए जवाब तलब किया जाना था. उन्हीं अधिकारियों को जांच कमेटी में शामिल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को मुख्यमंत्री को यह मामला गंभीरता के साथ समझाना चाहिए था लेकिन जांच कमेटी के गठन से लगता है कि ऐसा नहीं किया गया. खेमका ने कहा इसलिए मुझे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को समझाने का मौका दिया जाए. खेमका ने कहा कि जांच किसी भी अपराध को व्हाइट वाश करने के लिए नहीं होनी चाहिए.

IAS ashok khemka letter to cm
पत्र.

ये था मामला
अशोक खेमका ने स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहते हुए खेल विभाग में निदेशक आईएएस जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को ग्रेड ए सर्टिफिकेट जारी होने पर सवाल उठाया था. खेमका का आरोप है कि जगदीप सिंह ने खेल निदेशक पद के दौरान अपने पुत्र विश्वजीत को ग्रेड ए का सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जो कि नियमानुसार ठीक नहीं था.

ये भी पढ़ें:- गोपाल कांडा का BJP को समर्थन, गीतिका शर्मा के परिवार ने जताई आपत्ति

उस सर्टिफिकेट के आधार पर विश्वजीत ने खेल कोटे से एचसीएस की नियुक्ति पा ली. उन्होंने कई तरह के सवाल उठाते हुए कहा कि 12 जून 2018 को सर्टिफिकेट जारी हुआ और एचपीएससी ने उसी तारीख को सर्टिफिकेट चेक कर सही मान लिया. 2019 में विश्वजीत ने एचएस परीक्षा में इस प्रमाण पत्र का उपयोग किया जिसके चलते खेल कोटे के तहत उन्हें 19 दिसंबर को आए एचसीएस परिणाम में नियुक्ति मिल गई.

खेमका ने विश्वजीत के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा कि विश्वजीत सिंह ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल पुरुष जूनियर स्पर्धा में 16 रैंक हासिल किया. यह पदक टीम गेम पर नहीं दिया गया था बल्कि व्यक्तिगत स्पर्धा में 3 निशानेबाजों के व्यक्तिगत अंकों को एकत्रित करके प्राप्त टीम स्कोर पर आधारित था.

भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 निशानेबाजों में व्यक्तिगत स्पर्धा में तीसरा, 15 और 16 स्थान पाया. ऐसे में पदक ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की शर्तों में फिट नहीं बैठता. अशोक खेमका ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रधान सचिव रहते हुए जगदीप सिंह पर अपने पुत्र को लाभ देने का आरोप लगाया था और उन्होंने एचपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर इस मामले में जगदीप सिंह पर पद के दुरुपयोग के चलते भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाने की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- शराब बंदी के लिए इस जिले के गांवों से आई सबसे ज्यादा एप्लीकेशन

अशोक खेमका की तरफ से उठाए गए सवाल पर 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी. फिलहाल अशोक खेमका की तरफ से जांच कमेटी को लेकर उठाए गए सवाल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद अब देखना यह होगा कि सरकार की तरफ से इस मामले को किस तरह से देखा जाता है? क्या अशोक खेमका की तरफ से उठाए गए सवालों के बाद इसमें कमेटी फिर से गठित की जाती है या यही कमेटी जांच करेगी. अगर खेमका के पत्र के बाद भी कमेटी बदली नहीं जाती है तो आने वाले समय में अशोक खेमका का रुख क्या रहेगा ये भी देखना होगा.

चंडीगढ़: आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे को ए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए जाने का मामला फिर गरमा गया है. इस मामले में जांच कमेटी गठित होने के साथ ही खेमका ने कमेटी में शामिल अधिकारियों पर सवाल खड़ा कर दिया है.

कमेटी में प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स आनंद मोहन शरण, स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर भूपेंद्र सिंह और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के प्रतिनिधि को रखा है. 3 सदस्यीय कमेटी के गठन पर खेमका ने सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है.

IAS अशोक खेमका ने फिर लिखा सीएम को पत्र, जांच कमटी पर उठाए सवाल.

खेमका ने कहा कि जिन अधिकारियों से उनके कार्यों के लिए जवाब तलब किया जाना था. उन्हीं अधिकारियों को जांच कमेटी में शामिल कर दिया गया है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को मुख्यमंत्री को यह मामला गंभीरता के साथ समझाना चाहिए था लेकिन जांच कमेटी के गठन से लगता है कि ऐसा नहीं किया गया. खेमका ने कहा इसलिए मुझे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को समझाने का मौका दिया जाए. खेमका ने कहा कि जांच किसी भी अपराध को व्हाइट वाश करने के लिए नहीं होनी चाहिए.

IAS ashok khemka letter to cm
पत्र.

ये था मामला
अशोक खेमका ने स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहते हुए खेल विभाग में निदेशक आईएएस जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को ग्रेड ए सर्टिफिकेट जारी होने पर सवाल उठाया था. खेमका का आरोप है कि जगदीप सिंह ने खेल निदेशक पद के दौरान अपने पुत्र विश्वजीत को ग्रेड ए का सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जो कि नियमानुसार ठीक नहीं था.

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उस सर्टिफिकेट के आधार पर विश्वजीत ने खेल कोटे से एचसीएस की नियुक्ति पा ली. उन्होंने कई तरह के सवाल उठाते हुए कहा कि 12 जून 2018 को सर्टिफिकेट जारी हुआ और एचपीएससी ने उसी तारीख को सर्टिफिकेट चेक कर सही मान लिया. 2019 में विश्वजीत ने एचएस परीक्षा में इस प्रमाण पत्र का उपयोग किया जिसके चलते खेल कोटे के तहत उन्हें 19 दिसंबर को आए एचसीएस परिणाम में नियुक्ति मिल गई.

खेमका ने विश्वजीत के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच की मांग की थी. उन्होंने कहा कि विश्वजीत सिंह ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल पुरुष जूनियर स्पर्धा में 16 रैंक हासिल किया. यह पदक टीम गेम पर नहीं दिया गया था बल्कि व्यक्तिगत स्पर्धा में 3 निशानेबाजों के व्यक्तिगत अंकों को एकत्रित करके प्राप्त टीम स्कोर पर आधारित था.

भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 निशानेबाजों में व्यक्तिगत स्पर्धा में तीसरा, 15 और 16 स्थान पाया. ऐसे में पदक ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की शर्तों में फिट नहीं बैठता. अशोक खेमका ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रधान सचिव रहते हुए जगदीप सिंह पर अपने पुत्र को लाभ देने का आरोप लगाया था और उन्होंने एचपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर इस मामले में जगदीप सिंह पर पद के दुरुपयोग के चलते भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाने की मांग की थी.

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अशोक खेमका की तरफ से उठाए गए सवाल पर 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी. फिलहाल अशोक खेमका की तरफ से जांच कमेटी को लेकर उठाए गए सवाल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद अब देखना यह होगा कि सरकार की तरफ से इस मामले को किस तरह से देखा जाता है? क्या अशोक खेमका की तरफ से उठाए गए सवालों के बाद इसमें कमेटी फिर से गठित की जाती है या यही कमेटी जांच करेगी. अगर खेमका के पत्र के बाद भी कमेटी बदली नहीं जाती है तो आने वाले समय में अशोक खेमका का रुख क्या रहेगा ये भी देखना होगा.

Intro:एंकर -
हरियाणा में अक्सर मुखर रहने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक बार फिर पत्र भेजकर सरकार की तरफ से आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को ग्रेड ए सर्टिफिकेट दिए जाने के मामले में गठित 3 सदस्य कमेटी पर सवाल खड़े किए हैं
। कमेटी में प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्पोर्ट्स एंड युथ अफेयर्स आनंद मोहन शरण , स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर भूपेंद्र सिंह ओर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के प्रतिनिधि को रखा है । 3 सदस्यीय कमेटी के गठन पर खेमका ने सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है । खेमका ने कहा जिन अधिकारियों से उनके कार्यों के लिए जवाब तलब किया जाना था उन्हीं अधिकारियों को जांच कमेटी में शामिल कर दिया गया है । मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को मुख्यमंत्री को यह मामला गंभीरता के साथ समझाना चाहिए था लेकिन जांच कमेटी के गठन से लगता है कि ऐसा नहीं किया गया । खेमका ने कहा इसलिए मुझे मुख्यमंत्री से मिलकर मामले को समझाने का मौका दिया जाए
। खेमका ने कहा जांच किसी भी अपराध को व्हाइट वाश करने के लिए नही होनी चाहिए । Body:वीओ -
आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे को ए ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए जाने का मामला फिर गर्मा गया है इस मामले में जांच कमेटी गठित होने के साथ ही खेमका ने कमेटी में शामिल अधिकारीयो सवाल खड़ा कर दिया है
। दरसहल आइएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह के खेल कोटे से एचसीएस भर्ती के प्रकरण पर अशोक खेमका की तरफ से उठाए सवाल पर 3 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी ।

ये था मामला -
अशोक खेमका ने स्पोर्ट्स एंड यूथ अफेयर्स डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्टरी रहते हुए खेल विभाग में निदेशक आईएएस जगदीप सिंह के बेटे विश्वजीत सिंह को ग्रेड ए सर्टिफिकेट जारी होने पर सवाल उठाया था ।
खेमका का आरोप है कि जगदीप सिंह ने खेल निदेशक पद के दौरान अपने पुत्र विश्वजीत को ग्रेड ए का सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जो कि नियमानुसार ठीक नहीं था । उस सर्टिफिकेट के आधार पर विश्वजीत ने खेल कोटे से एचसीएस की नियुक्ति पा ली । उन्होंने कई तरह के सवाल उठाते हुए कहा कि 12 जून 2018 को सर्टिफिकेट जारी हुआ और एचपीएससी ने उसी तारीख को सर्टिफिकेट चेक कर सही मान लिया । 2019 में विश्व जीतने एचएस परीक्षा में इस प्रमाण पत्र का उपयोग किया जिसके चलते खेल कोटे के तहत उन्हें 19 दिसंबर को आए एचसीएस परिणाम में उन्हें नियुक्ति मिल गई

खेमका ने विश्वजीत के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच की मांग की थी उन्होंने कहा कि विश्वजीत सिंह ने 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल पुरुष जूनियर स्पर्धा में 16 रैंक हासिल किया यह पदक टीम गेम पर नहीं दिया गया था बल्कि व्यक्तिगत स्पर्धा में 3 निशानेबाजों के व्यक्तिगत अंकों को एकत्रित करके प्राप्त टीम स्कोर पर आधारित था भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 3 निशानेबाजों में व्यक्तिगत स्पर्धा में तीसरा 15 और 16 स्थान पाया ऐसे में पदक ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की शर्तों में फिट नहीं बैठता । अशोक खेमका ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रधान सचिव रहते हुए जगदीप सिंह पर अपने पुत्र को लाभ देने का आरोप लगाया था और उन्होंने एचपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर इस मामले में जगदीप सिंह पर पद के दुरुपयोग के चलते भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करवाने की मांग की थी ।Conclusion:वीओ -
फिलहाल अशोक खेमका की तरफ से जांच कमेटी के को लेकर उठाए गए सवाल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद अब देखना यह होगा कि सरकार की तरफ से इस मामले को किस तरह से देखा जाता है ? क्या अशोक खेमका की तरफ से उठाए गए सवालों के बाद इसमें कमेटी फिर से गठित की जाती है या यही कमेटी जांच करेगी । अगर खेमका के पत्र के बाद भी कमेटी बदली नहीं जाती है तो आने वाले समय में अशोक खेमका का रुख क्या रहेगा ये भी देखना होगा ।
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