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हरियाणा बनेगा डाटा सेंटर उद्योग का हब, कैबिनेट ने दी राज्य डाटा सेंटर नीति को मंजूरी - हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति 2022

हरियाणा सरकार प्रदेश को डेटा सेंटर उद्योग का हब बनाने के मकसद से हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति 2022 (haryana data center policy) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत प्रदेश में स्थापित होने वाले डाटा सेंटर को कई तरह रियायत और सहूलियत दी जायेगी.

Haryana State Data Center Policy 2022
Haryana State Data Center Policy 2022
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Published : Jun 27, 2022, 8:43 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डेटा सेंटर उद्योग स्थल के रूप में विकसित करने और वैश्विक डेटा सेंटर हब बनाने के लिए हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति 2022 (Haryana State Data Center Policy 2022 ) को मंजूरी प्रदान की गई. सरकार का मानना है कि हरियाणा का मजबूत आईटी ईको सिस्टम, अत्यधिक मांग आधार, बिजली की अच्छी उपलब्धता और उत्तर भारत में स्थानीय लाभ यहां डेटा सेंटर उद्योग के विकास के लिए सुवधिाजनक हैं. इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण प्रदान करके आकर्षित करना है. सरकार हरियाणा में 115-120 नए डाटा सेंटर की स्थापना करने की कोशिश में जुटी है.

इन डाटा सेंटरों के स्थापित होने से 7 हजार 500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. हरियाणा में स्थापित 1 मेगावाट और उससे अधिक बिजली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सेंटर इस नई नीति के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा. हरियाणा डाटा सेंटर नीति के फायदे की बात करें तो ए और बी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी. सी व डी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 75 प्रतिशत होगी. हरियाणा के डिस्कॉम द्वारा बिजली खपत के बिल में 3 साल की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी के 25 प्रतिशत की आदयगी की जायेगी. वहीं डेटा सेंटर की स्थापना के लिए बिक्री/पट्टा विलेखों पर भुगतान किए गए स्टाम्प शुल्क का शत प्रतिशत अदायगी होगी.

इसके अलावा 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क से शत प्रतिशत की छूट मिलेगी. 10 वर्षों की अवधि के लिए 48 हजार रुपये प्रति वर्ष रोजगार सृजन हेतु डेटा सेंटर सब्सिडी के लिए पात्र होंगे. राज्य में संचालित डाटा केंद्रों के लिए संपत्ति कर औद्योगिक दरों के बराबर होगा. हरियाणा सरकार डेटा सेंटर से संबंधित बुनियादी ढांचे को हरियाणा बिल्डिंग कोड के तहत एक अलग इकाई के रूप में शामिल करेगी. जो एफएआर में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी.

निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्लॉट क्षेत्र के 60 प्रतिशत की दर से दी जाएगी. एफएआर 5 तक होगा, खिड़कियों और पार्किंग क्षेत्र की आवश्यकता केवल वास्तविक जरूरतों के अनुसार होगी. बिजली जनरेटर/डीजी सेटों को जी+4 स्तरों तक स्थापित करने की अनुमति होगी. एक मीटर वाई फेसिंग के साथ 3.6 मीटर ऊंचाई की चारदीवारी की भी अनुमति होगी. हरियाणा सरकार डेटा सेंटर्स को एक अलग अवसंरचना उद्योग घोषित करेगी. डेटा केंद्रों को ऊर्जा सघन उद्योग घोषित किया जायेगा.

डाटा सेंटर के निर्माण से संबंधित सभी अनुमोदन जैसे भवन योजना अनुमोदन, अस्थायी बिजली कनेक्शन, अग्निशमन योजना, स्थापना की सहमति इत्यादि डेटा केंद्रों को आवेदन की प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर दिए जाएंगे. व्यवसाय के वास्तविक प्रारंभ के लिए आवश्यक अनुमोदन जैसे - स्थायी बिजली कनेक्शन, ऑक्यूपेशन प्रमाण पत्र और संचालन की सहमति आवेदन की प्राप्ति के 15 कार्य दिवसों के भीतर डेटा केंद्रों को दी जाएगी.

ये भी पढ़ें-Haryana Cabinet Meeting: अग्निवीरों के लिए पॉलिसी बनाने के निर्देश, व्रद्धा पेंशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया खत्म

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डेटा सेंटर उद्योग स्थल के रूप में विकसित करने और वैश्विक डेटा सेंटर हब बनाने के लिए हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति 2022 (Haryana State Data Center Policy 2022 ) को मंजूरी प्रदान की गई. सरकार का मानना है कि हरियाणा का मजबूत आईटी ईको सिस्टम, अत्यधिक मांग आधार, बिजली की अच्छी उपलब्धता और उत्तर भारत में स्थानीय लाभ यहां डेटा सेंटर उद्योग के विकास के लिए सुवधिाजनक हैं. इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण प्रदान करके आकर्षित करना है. सरकार हरियाणा में 115-120 नए डाटा सेंटर की स्थापना करने की कोशिश में जुटी है.

इन डाटा सेंटरों के स्थापित होने से 7 हजार 500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. हरियाणा में स्थापित 1 मेगावाट और उससे अधिक बिजली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सेंटर इस नई नीति के तहत विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा. हरियाणा डाटा सेंटर नीति के फायदे की बात करें तो ए और बी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी. सी व डी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 75 प्रतिशत होगी. हरियाणा के डिस्कॉम द्वारा बिजली खपत के बिल में 3 साल की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी के 25 प्रतिशत की आदयगी की जायेगी. वहीं डेटा सेंटर की स्थापना के लिए बिक्री/पट्टा विलेखों पर भुगतान किए गए स्टाम्प शुल्क का शत प्रतिशत अदायगी होगी.

इसके अलावा 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क से शत प्रतिशत की छूट मिलेगी. 10 वर्षों की अवधि के लिए 48 हजार रुपये प्रति वर्ष रोजगार सृजन हेतु डेटा सेंटर सब्सिडी के लिए पात्र होंगे. राज्य में संचालित डाटा केंद्रों के लिए संपत्ति कर औद्योगिक दरों के बराबर होगा. हरियाणा सरकार डेटा सेंटर से संबंधित बुनियादी ढांचे को हरियाणा बिल्डिंग कोड के तहत एक अलग इकाई के रूप में शामिल करेगी. जो एफएआर में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी.

निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्लॉट क्षेत्र के 60 प्रतिशत की दर से दी जाएगी. एफएआर 5 तक होगा, खिड़कियों और पार्किंग क्षेत्र की आवश्यकता केवल वास्तविक जरूरतों के अनुसार होगी. बिजली जनरेटर/डीजी सेटों को जी+4 स्तरों तक स्थापित करने की अनुमति होगी. एक मीटर वाई फेसिंग के साथ 3.6 मीटर ऊंचाई की चारदीवारी की भी अनुमति होगी. हरियाणा सरकार डेटा सेंटर्स को एक अलग अवसंरचना उद्योग घोषित करेगी. डेटा केंद्रों को ऊर्जा सघन उद्योग घोषित किया जायेगा.

डाटा सेंटर के निर्माण से संबंधित सभी अनुमोदन जैसे भवन योजना अनुमोदन, अस्थायी बिजली कनेक्शन, अग्निशमन योजना, स्थापना की सहमति इत्यादि डेटा केंद्रों को आवेदन की प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर दिए जाएंगे. व्यवसाय के वास्तविक प्रारंभ के लिए आवश्यक अनुमोदन जैसे - स्थायी बिजली कनेक्शन, ऑक्यूपेशन प्रमाण पत्र और संचालन की सहमति आवेदन की प्राप्ति के 15 कार्य दिवसों के भीतर डेटा केंद्रों को दी जाएगी.

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