ETV Bharat / city

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कैसे हुआ 'खेला', रणजीत चौटाला ने बताई पर्दे के पीछे की पूरी कहानी

हरियाणा राज्यसभा चुनाव (Haryana Rajya Sabha Election 2022) में जीत की पूरी संख्या होने के बावजूद कांग्रेस हार गई. नंबर में पीछे होते हुए भी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा चुनाव जीत गये. अजय माकन की हार की कहानी बीजेपी ने बड़ी चालाकी से लिखी. बलराज कुंडू का मदतान ना करना, कुलदीप बिश्नोई का कांग्रेस के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करना. ये सब अचानक नहीं हुआ. इसके लिए बीजेपी ने पूरी रणनीति बनाकर कांग्रेस के खिलाफ 'खेला' कर दिया. बीजेपी ने कैसे जीती राज्यसभा की हारी हुई बाजी. इसकी पूरी कहानी बिजली मंत्री रणजीत सिंह (Ranjit Singh Chautala) चौटाला ने बताई.

power minister Ranjit Singh Chautala
power minister Ranjit Singh Chautala
author img

By

Published : Jun 11, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 10:56 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए. इस चुनाव में एक सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार तो दूसरी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा जीत (Kartikeya Sharma reached Rajya Sabha) गए. कार्तिकेय शर्मा की जीत कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. खासकर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए. कांग्रेस के पास पूरा संख्या बल था. उसके बाजूद कांग्रेस को पटखनी मिली. कांग्रेस को हराने में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की बड़ी भूमिका थी. रणजीत चौटाला ही वो नेता हैं जो कार्तिकेय शर्मा को सबसे पहले लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे नामांकर कराने. माना जा रहा है कि कुलदीब बिश्नोई को मनाने से लेकर निर्दलीय बलराज कुंडू के वोटिंग से गायब रहने तक की कहानी में रणजीत चौटाला की अहम भूमिका है.

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में ये उलटफेर कैसे हुआ इसकी जानकारी नतीजे आने के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने दी. रणजीत चौटाला ने कहा कि अभय चौटाला, बलराज कुंडू और कुलदीप बिश्नोई तीनों बीजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा की जीत के लिए जरूरी थे. तीन में एक भी अगर गायब रहता तो ये हमारा बाजी पलट जाती. मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले ये आत्मविश्वास था कि हम ये चुनाव जीत जायेंगे.

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कैसे हुआ 'खेला', रणजीत चौटाला ने बताई पर्दे के पीछे की पूरी कहानी

कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी ने कैसे मनाया- रणजीत चौटाला बोले मैंने कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) से बात की. मैं उनके घर गया. उसे बताया गया कि कांग्रेस में तुम्हारा भविष्य नहीं हो सकता. जब इतनी पावरफुल सैलजा को हटा दिया गया तो तुम्हें कौन बनायेगा. कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के साथ पुराने बुरे अनुभव की वजह से सहज नहीं थे. मैने उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात कराई और वो मान गये. पहली लाइन में ही कुलदीप ने कहा कि मैं आपको वोट करुंगा.

क्या कुलदीप बीजेपी में शामिल होंगे- रणजीत चौटाला ने कहा किसी पार्टी में शामिल होना कुलदीप बिश्नोई का अपना फैसला है. लेकिन जिस तरह के हालात बन रहे हैं मुझे लगता है उन्हें बीजेपी में आना चाहिए. उन्हें अगर ये विश्वास दिखेगा कि बीजेपी उनसे ठीक बर्ताव कर रही है. उनको भविष्य नजर आ रहा है तो जरूर वो ठीक फैसला लेंगे. मुझे लगता है बीजेपी उन्हें ठीक सम्मान देगी भविष्य में.

बलराज कुंडू ने वोट क्यों नहीं डाला- राज्यसभा चुनाव के मतदान से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (Balraj Kundu) का गायब रहना भी बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा. अगर बलराज कुंडू अगर कांग्रेस को वोट कर देते तो अजय माकन चुनाव जीत जाते. बीजेपी ने बलराज कुंडू को कैसे मनाया इस पर रणजीत चौटाला ने कहा कि मैं उनसे मिलने गया था. रात में सीएम मनोहर लाल ले भी मिलवाया. पहले बलराज कुंडू का मन कांग्रेस की तरफ था क्योंकि वो महम सीट से विधायक हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा का उस इलाके में वोट बैंक है. लोकल वोट बैंक का उनके ऊपर दबाव था. लेकिन जब मुख्यमंत्री से उनकी बात हुई तो उन्होंने कह दिया कि मैं वोट नहीं डालूंगा लेकिन मतदान से अनुपस्थित रहूंगा. बलराज कुंडू का मतदान में हिस्सा ना लेना हमारे लिए फायदेमंद रहा.

कांग्रेस का एक वोट रद्द कैसे हुआ- इस पर रणजीत चौटाला ने कहा कि ये काम कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने ही की है. उसे ये खुन्नस थी कि वो खिलाफ वोट दे. कांग्रेस में हर काम जानबूझकर होता है. इस चुनाव में हार कांग्रेस के लिए बड़ा सेटबैक है. इससे कांग्रेस की जमीन हिल गई है. भूपेंद्र हुड्डा के कमजोर होने पर उन्होंने कहा कि हर नेता पार्टी से जुड़ा होता है. अगर पार्टी की हार होती है तो नेता के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े होते हैं.

ये भी पढ़ें-कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे- सीएम मनोहर लाल

चंडीगढ़: हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए. इस चुनाव में एक सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार तो दूसरी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा जीत (Kartikeya Sharma reached Rajya Sabha) गए. कार्तिकेय शर्मा की जीत कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. खासकर हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए. कांग्रेस के पास पूरा संख्या बल था. उसके बाजूद कांग्रेस को पटखनी मिली. कांग्रेस को हराने में बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की बड़ी भूमिका थी. रणजीत चौटाला ही वो नेता हैं जो कार्तिकेय शर्मा को सबसे पहले लेकर चंडीगढ़ पहुंचे थे नामांकर कराने. माना जा रहा है कि कुलदीब बिश्नोई को मनाने से लेकर निर्दलीय बलराज कुंडू के वोटिंग से गायब रहने तक की कहानी में रणजीत चौटाला की अहम भूमिका है.

हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में ये उलटफेर कैसे हुआ इसकी जानकारी नतीजे आने के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने दी. रणजीत चौटाला ने कहा कि अभय चौटाला, बलराज कुंडू और कुलदीप बिश्नोई तीनों बीजेपी समर्थित कार्तिकेय शर्मा की जीत के लिए जरूरी थे. तीन में एक भी अगर गायब रहता तो ये हमारा बाजी पलट जाती. मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहले ये आत्मविश्वास था कि हम ये चुनाव जीत जायेंगे.

राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कैसे हुआ 'खेला', रणजीत चौटाला ने बताई पर्दे के पीछे की पूरी कहानी

कुलदीप बिश्नोई को बीजेपी ने कैसे मनाया- रणजीत चौटाला बोले मैंने कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) से बात की. मैं उनके घर गया. उसे बताया गया कि कांग्रेस में तुम्हारा भविष्य नहीं हो सकता. जब इतनी पावरफुल सैलजा को हटा दिया गया तो तुम्हें कौन बनायेगा. कुलदीप बिश्नोई बीजेपी के साथ पुराने बुरे अनुभव की वजह से सहज नहीं थे. मैने उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात कराई और वो मान गये. पहली लाइन में ही कुलदीप ने कहा कि मैं आपको वोट करुंगा.

क्या कुलदीप बीजेपी में शामिल होंगे- रणजीत चौटाला ने कहा किसी पार्टी में शामिल होना कुलदीप बिश्नोई का अपना फैसला है. लेकिन जिस तरह के हालात बन रहे हैं मुझे लगता है उन्हें बीजेपी में आना चाहिए. उन्हें अगर ये विश्वास दिखेगा कि बीजेपी उनसे ठीक बर्ताव कर रही है. उनको भविष्य नजर आ रहा है तो जरूर वो ठीक फैसला लेंगे. मुझे लगता है बीजेपी उन्हें ठीक सम्मान देगी भविष्य में.

बलराज कुंडू ने वोट क्यों नहीं डाला- राज्यसभा चुनाव के मतदान से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू (Balraj Kundu) का गायब रहना भी बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा. अगर बलराज कुंडू अगर कांग्रेस को वोट कर देते तो अजय माकन चुनाव जीत जाते. बीजेपी ने बलराज कुंडू को कैसे मनाया इस पर रणजीत चौटाला ने कहा कि मैं उनसे मिलने गया था. रात में सीएम मनोहर लाल ले भी मिलवाया. पहले बलराज कुंडू का मन कांग्रेस की तरफ था क्योंकि वो महम सीट से विधायक हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा का उस इलाके में वोट बैंक है. लोकल वोट बैंक का उनके ऊपर दबाव था. लेकिन जब मुख्यमंत्री से उनकी बात हुई तो उन्होंने कह दिया कि मैं वोट नहीं डालूंगा लेकिन मतदान से अनुपस्थित रहूंगा. बलराज कुंडू का मतदान में हिस्सा ना लेना हमारे लिए फायदेमंद रहा.

कांग्रेस का एक वोट रद्द कैसे हुआ- इस पर रणजीत चौटाला ने कहा कि ये काम कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने ही की है. उसे ये खुन्नस थी कि वो खिलाफ वोट दे. कांग्रेस में हर काम जानबूझकर होता है. इस चुनाव में हार कांग्रेस के लिए बड़ा सेटबैक है. इससे कांग्रेस की जमीन हिल गई है. भूपेंद्र हुड्डा के कमजोर होने पर उन्होंने कहा कि हर नेता पार्टी से जुड़ा होता है. अगर पार्टी की हार होती है तो नेता के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े होते हैं.

ये भी पढ़ें-कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे- सीएम मनोहर लाल

Last Updated : Jun 11, 2022, 10:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.