चंडीगढ़: इस वेबीनार में डेल यजाकी इंडिया डेनिस्को इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जॉनसन मथेय इंडिया, ज्योति अपेरल्स, हिंद टर्मिनल्स यूएई, एसेंडस फर्स्ट स्पेस, रिलायंस और कोको कोला इंडिया जैसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भाग लिया तथा इसमें भाग लेने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया.
इस दौरान सरकार की उन विशेष नीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई जो विनिर्माण इकाइयों के तत्काल स्थानांतरण के लिए हरियाणा को एक व्यवहार्य गंतव्य बनाएगी. उद्योगपतियों द्वारा दिए गए विभिन्न सुझावों में 80 इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल करना, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स घटकों के विनिर्माण उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए इन वस्तुओं को भारत सरकार की आईटी एवं एसडीएम नीति में शामिल करना और राज्य में क्रैकर्स पार्क विकसित किया जाना शामिल है.
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भूमि की खरीद में शामिल लागत पर उद्योग की चिंता को समझते हुए हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के चेयरमैन एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने आश्वासन दिया कि राज्य की पट्टे पर भूमि लेने कि एक पत्र प्रदर्शक नीति लाने की योजना है जिसके अनुसार निवेशक पट्टे पर ली गई जमीन पर काम करेंगे और कुछ समय बाद यह जमीन कुछ शर्तों के साथ एक फ्री होल्ड परिसंपत्ति में परिवर्तित हो जाएगी.
हरियाणा में कारोबार की लागत में कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस पहल को निवेशकों से जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. इस वेबीनार में उद्योग जगत से शामिल हुए प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों के साथ और भी चर्चा की गई और एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने सबका इस मौके पर धन्यवाद किया. यह वेबीनार 7 और 8 मई को भी चलेगा जिससे इस कठिन समय में उभरने और देश में औद्योगिक पावर हाउस के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
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