चंडीगढ़: मछली पालन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' को मंजूरी दी गई है. इस योजना को मंजूरी देने के पीछे मछली पालन की दिशा में 9% की सालाना वृद्धि दर के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 तक मछली पालन से 22 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन कर प्राप्त करना है. साथ ही मछली पालन की दिशा में बाजार में प्रतिस्पर्धियों की संख्या में बढ़ोतरी, मछली पालन के गुणवत्तायुक्त बीज, बेहतर जलीय प्रबंधन को बढ़ावा देना आदि शामिल है.
क्या है 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' ?
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा है कि 'प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना' के तहत राज्य के मछुआरों व मत्स्य पालकों का 5 लाख रुपये का निशुल्क बीमा किया जाएगा. इसमें उनसे किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं लिया जाएगा. ये योजना मछुआरों एवं मत्स्य पालकों के परिवारों के लिए एक 'छाता' का काम करेगी तथा आत्मनिर्भर भारत बनाने में आगे मदद करेगी.
मत्स्य विभाग के निदेशक पीएस मलिक ने जानकारी दी कि हरियाणा में अब तक 1400 मछुआरों एवं मत्स्य पालकों का बीमा किया जा चुका है और करीब 17,000 का बीमा करने का लक्ष्य है. अगर किसी बीमित मछुआरे व मत्स्य पालक की कार्य करते हुए मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 5 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि अपाहिज होने पर 2.5 लाख का क्लेम मिलेगा. क्लेम की राशि में 60% केंद्र सरकार की तरफ से और 40% राज्य सरकार की तरफ से दिया जाएगा.
20 हजार करोड़ आएगी लागत
इस मत्स्य योजना का उद्देश्य नीली क्रांति के माध्यम से देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जवाबदेह विकास को सुनिश्चित करना है. योजना कुल अनुमानित लागत 20,050 करोड़ रुपये की होगी. इस योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 9,407 करोड़ रुपये की और राज्यों की हिस्सेदारी 4,880 करोड़ रुपये तथा लाभार्थियों की सरदारी 5,763 करोड़ रुपये की होगी.
गौरतलब है कि इससे पहले कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि चालू वित्त वर्ष में मत्स्य पालन के 2000 प्रोजेक्ट लगाएं तथा कम से कम 5000 युवाओं को जिला स्तर पर ट्रेनिंग दी जाए. मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री द्वारा पहले प्रदेश में मत्स्य के क्षेत्र में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने तथा गुरुग्राम में एक्वेरियम का प्रोजेक्ट लगाने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश भी दे चुके हैं. बता दें कि, कृषि मंत्री जेपी दलाल के पास मत्स्य विभाग भी है.
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