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हरियाणा में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को मिली राज्यपाल की मंजूरी

हरियाणा में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन (Amendment in Land Acquisition Act 2021) को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मंजूरी दे दी है. जिसे अब राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है. हालांकि कांग्रेस (Congress) पार्टी इस बिल को मंजूरी नहीं देने की मांग कर रही थी.

Governor of Haryana approved for amendment in land acquisition law in Haryana
हरियाणा में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को मिली राज्यपाल की मंजूरी
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Published : Sep 12, 2021, 1:45 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatraya) ने भूमि अधिग्रहण कानून 2021 में संशोधन (Amendment in
Land Acquisition Act 2021) को अपनी मंजूरी दे दी है. प्रदेश सरकार ने 2013 में बने केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में इस विधेयक के जरिए अहम संशोधन किए हैं. विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह किया था. इससे पहले हरियाणा विधानसभा में भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार के बिल पास हुए थे.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatraya) ने विपक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए संशोधन विधेयक को मंजूरी देकर उसे राष्ट्रपति (President of India) के पास भेज दिया है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही विधेयक हरियाणा में संशोधित कानून का रूप ले लेगा, इसके बाद सरकार इसे गजट अधिसूचना जारी कर प्रदेश में लागू करेगी.

भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के विरोध में कांग्रेस: हरियाणा विधानसभा में पास भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार, हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 को लेकर अब राष्ट्रपति पर नजरें टिक गई हैं. इस विधेयक के सदन में पास होने के बाद से ही कांग्रेस विरोध करती आ रही है. नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने राजभवन मार्च कर इसे वापस विधानसभा को पुनर्विचार के लिए भेजने की मांग राज्यपाल से की थी.

कानून लागू होने पर क्या होगा?: कानून के लागू होने से हरियाणा में सरकारी, पीपीपी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण बेरोकटोक हो सकेगा. सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेल, मेट्रो, हाउसिंग, गरीबों को प्लॉट आवंटन, पुनर्वास, इंडस्ट्रियल कोरिडोर परियोजनाओं व प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति के लिए बेरोकटोक किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर सकेगी.

संशोधन विधेयक के मुताबिक, जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति लेने का काम डीसी करेंगे. अधिग्रहण के बाद सरकार किसी भी समय जमीन पर कब्जा कर सकती है. 48 घंटे पहले नोटिस देने की बाध्यता नहीं होगी. पुरातत्व स्थलों व वन भूमि को अधिग्रहण के दौरान सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाएगा. सरकार जिन किसानों से 200 एकड़ से कम जमीन खरीदेगी, उन्हें कुल कीमत के अलावा 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी.

ये भी पढ़ें- आज हरियाणा में किसान महासम्मेलन, संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता होंगे शामिल

चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatraya) ने भूमि अधिग्रहण कानून 2021 में संशोधन (Amendment in
Land Acquisition Act 2021) को अपनी मंजूरी दे दी है. प्रदेश सरकार ने 2013 में बने केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून में इस विधेयक के जरिए अहम संशोधन किए हैं. विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह किया था. इससे पहले हरियाणा विधानसभा में भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार के बिल पास हुए थे.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatraya) ने विपक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए संशोधन विधेयक को मंजूरी देकर उसे राष्ट्रपति (President of India) के पास भेज दिया है. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही विधेयक हरियाणा में संशोधित कानून का रूप ले लेगा, इसके बाद सरकार इसे गजट अधिसूचना जारी कर प्रदेश में लागू करेगी.

भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के विरोध में कांग्रेस: हरियाणा विधानसभा में पास भूमि अर्जन, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार, हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 को लेकर अब राष्ट्रपति पर नजरें टिक गई हैं. इस विधेयक के सदन में पास होने के बाद से ही कांग्रेस विरोध करती आ रही है. नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने राजभवन मार्च कर इसे वापस विधानसभा को पुनर्विचार के लिए भेजने की मांग राज्यपाल से की थी.

कानून लागू होने पर क्या होगा?: कानून के लागू होने से हरियाणा में सरकारी, पीपीपी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण बेरोकटोक हो सकेगा. सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेल, मेट्रो, हाउसिंग, गरीबों को प्लॉट आवंटन, पुनर्वास, इंडस्ट्रियल कोरिडोर परियोजनाओं व प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति के लिए बेरोकटोक किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर सकेगी.

संशोधन विधेयक के मुताबिक, जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति लेने का काम डीसी करेंगे. अधिग्रहण के बाद सरकार किसी भी समय जमीन पर कब्जा कर सकती है. 48 घंटे पहले नोटिस देने की बाध्यता नहीं होगी. पुरातत्व स्थलों व वन भूमि को अधिग्रहण के दौरान सुरक्षित एवं संरक्षित रखा जाएगा. सरकार जिन किसानों से 200 एकड़ से कम जमीन खरीदेगी, उन्हें कुल कीमत के अलावा 50 फीसदी अतिरिक्त राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी.

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