चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में बागवानी आधारित उद्योगों तथा कोल्ड आपूर्ति श्रंखला को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक इकाईयों को बिजली दरों में सब्सिडी देने का बड़ा निर्णय लिया है.
इस फैसले से लाभान्वित होने वाले किसान, लघु कृषक व्यापार संघ हरियाणा से सूचिबद्ध कृषक उत्पादक संघ, कॉपरेटिव समितियां और अन्य बागवानी संबंधित लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म इकाईयां को लगभग आधे रेट पर बिजली उपलब्ध होगी.
बिजली दरों में सब्सिडी मिलेगी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में बताया कि अभी औद्योगिक इकाईयों पर एच.टी एवं एल.टी श्रेणी के अंतर्गत 8.00 रुपये से 8.35 रुपये प्रति यूनिट की दर लागू थी जो इस निर्णय के बाद 2.50 रुपये और 4.50 रुपये प्रति यूनिट रह जाएगी.
1 अप्रैल 2020 से लागू होगा निर्णय
बिजली दरों के इस अंतर को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणाली (डी.बी.टी) के माध्यम से बागवानी विभाग द्वारा इन इकाईयों को अनुदान के तौर पर ये राशि दी जाएगी. इससे बागवानी विभाग पर लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तिय भार पड़ेगा. ये निर्णय नए वित्त वर्ष 1 अप्रैल 2020 से लागू होगा.
उन्होंने बताया कि बागवानी संबंधित जिन इकाईयों पर बिजली दर 2.50 रुपये प्रति यूनिट रह जाएगी, इनमें पैक हाऊस और इसके अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों जैसे राईपनिंग, प्रिकूलिंग, कोल्ड रूम, गडिंग लाइन इत्यादि, मशरूम हाईटेंक एवं मशरूम कम्पोस्ट इकाई, शहद प्रसंस्करण इकाई, टिशू कल्चर लैब और दूध से संबंधित बल्क मिल्क चैंबर इकाईयां शामिल हैं.
इसी प्रकार, जिन इकाईयों पर बिजली दर 4.50 रुपए प्रति यूनिट रह जाएगी, इनमें कोल्ड स्टोर, सी.ए स्टोर शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि बागवानी आधारित उद्योगों तथा कोल्ड आपूर्ति श्रंखला पर पहले व्यवसायिक उद्योगों के सामान बिजली की दरें लागू थीं, लेकिन किसानों और उद्यमियों के अनुरोध पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ये बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले के लिए जेपी दलाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले से न केवल बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
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