चंडीगढ़: पीटीआई टीचर्स के आश्रितों को मिलने वाली आर्थिक सहायता सरकार की ओर से बंद कर दी गई है. जिन पीटीआई शिक्षकों की मौत हो चुकी है, उनके आश्रितों को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता को शिक्षा विभाग ने बंद कर दिया है. मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के आदेश जारी किए हैं. शिक्षा विभाग के इस फैसले से इन पीटीआई के आश्रितों में आक्रोश है.
शिक्षा विभाग के इस फैसले पर सर्व कर्मचारी संघ ने हैरानी जताते हुए कहा कि खर्चा कम करने का यह तरीका सही नहीं है. कई बार अधिकारियों की वजह से सरकार बदनाम हो जाती है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल को व्हाट्सएप कर पूरे मामले की जांच करवाने और वित्तीय सहायता फिर से बहाल करवानी चाहिए.
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश शेट्टी ने बताया कि उनके उनके द्वारा इस फैसले की ओर ध्यान देने को लेकर मुख्यमंत्री को व मुख्य सचिव को पत्र लिखे गए हैं. उन्होंने बताया कि मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अवसरों को पत्र भेजकर मासिक वेतन सहायता बंद करने के आदेश दिए थे.
आदेश मिलने के बाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों ने खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिख मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इन आदेशों के बाद 2010- 11 से 2019 के बीच मौत का शिकार हुए 39 पीटीआई के आश्रितों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
पीटीआई शिक्षकों के आश्रितों की वित्तीय सहायता बंद किए जाने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों के चलते पीटीआई शिक्षकों के आश्रितों के सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई.
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