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हरियाणा में अलग से MSME निदेशालय गठित, आर्थिक गतिविधियों को मिलेगी तेजी - एमएसएमई निदेशालय हरियाणा उद्योग

हरियाणा सरकार ने उद्योग विभाग में अलग से एमएसएमई निदेशालय गठित किया है. ये फैसला प्रदेश के युवाओं को उद्यमशील बनाने और लॉकडाउन के दौरान बंद रही औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाने के लिए किया गया है.

dushyant chautala haryana MSME
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Published : May 29, 2020, 11:49 AM IST

चंडीगढ़: लॉकडाउन के दौरान हुए बंद रही औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को फिर से आगे बढ़ाने के लिए सरकार बड़े-बड़े फैसले कर रही है. इसी कड़ी में एमएसएमई उद्यमियों को सभी प्रकार के विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने व उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने उद्योग विभाग में अलग से एमएसएमई निदेशालय गठित करने का निर्णय लिया गया है.

उप मुख्यमंत्री ने युवाओं से किया आह्वान

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एमएसएमई निदेशालय गठित करने के साथ ही युवाओं से आह्वान किया है कि वे उद्यमशील बनने की ओर भी अग्रसर हों क्योंकि केन्द्र सरकार ने कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है.

ये भी पढ़ें- 'अधिकारियों को विधायकों का फोन उठान पड़ेगा, उनकी बात की अनदेखी नहीं कर सकते'

उप मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन तो बढ़ेगा ही और साथ ही देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. केन्द्र सरकार के हाल ही में घोषित किये गए आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन के चौथे चरण के बाद औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाना है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकता भी है.

केंद्र के आर्थिक पैकेज से होगा फायदा

दुष्यंत ने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद को पुन: पटरी पर लाया जा सकेगा और यह पैकेज औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई उद्योगों के लिए एक लिवरेज का काम करेगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. आगामी अगस्त माह तक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को तैयार किया जा रहा है, एमएसएमई पर भी मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है और हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है. केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएसएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी.

ये भी पढ़ें- सरकारी स्कूलों में किया जाएगा अध्यापकों का रेशनलाइजेशन, शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

चंडीगढ़: लॉकडाउन के दौरान हुए बंद रही औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को फिर से आगे बढ़ाने के लिए सरकार बड़े-बड़े फैसले कर रही है. इसी कड़ी में एमएसएमई उद्यमियों को सभी प्रकार के विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने व उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने उद्योग विभाग में अलग से एमएसएमई निदेशालय गठित करने का निर्णय लिया गया है.

उप मुख्यमंत्री ने युवाओं से किया आह्वान

हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एमएसएमई निदेशालय गठित करने के साथ ही युवाओं से आह्वान किया है कि वे उद्यमशील बनने की ओर भी अग्रसर हों क्योंकि केन्द्र सरकार ने कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है.

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उप मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन तो बढ़ेगा ही और साथ ही देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी. केन्द्र सरकार के हाल ही में घोषित किये गए आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन के चौथे चरण के बाद औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाना है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकता भी है.

केंद्र के आर्थिक पैकेज से होगा फायदा

दुष्यंत ने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद को पुन: पटरी पर लाया जा सकेगा और यह पैकेज औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई उद्योगों के लिए एक लिवरेज का काम करेगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. आगामी अगस्त माह तक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को तैयार किया जा रहा है, एमएसएमई पर भी मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है और हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है. केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएसएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी.

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