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अलविदा 2020: वो साल जब कोरोना के कारण चरमरा गई हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाएं

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Published : Dec 20, 2020, 10:01 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:45 PM IST

साल 2020 को दुनिया कोरोना महामारी की वजह से हमेशा याद रखेगी. ये वो साल रहा, जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा और लोगों को इससे बचने के लिए घरों में कैद रहना पड़ा. लेकिन आज हालात काफी हद तक काबू में हैं. आइये देखते हैं कि इस साल हरियाणा में कोरोना के कैसे हालात रहे.

corona virus in haryana
कोरोना काल में कैसा रहा हरियाणा के लिए साल 2020

चंडीगढ़: दुनिया में वक्त-वक्त पर महामारी ने इंसान को परेशान किया है. साल 2020 भी ऐसा ही साल बनकर विश्व के सामने आया. जहां एक वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया. आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे मुल्क भारत भी इसकी जद में आ गया. हालात यहां तक बिगड़ गए कि देश में करीब दो महीने तक लॉकडाउन लगाना पड़ गया.

कोरोना काल में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते साल 2020 में हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई. कोरोना काल में लगभग सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह से बंद करनी पड़ी. इस दौरान सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखा गया. अस्पतालों में तमाम ऑपरेशन और गैर जरूरी सर्जरी को टाल दिया गया. कई अस्पतालों को स्पेशल कोविड केयर सेंटर घोषित किया गया.

साल 2020 में कोरोना के चलते हरियाणा में चरमरा गई स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ा विश्वास

कोरोना काल में पहली बार समझ में आया कि अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं देश के लिए कितने अहम हैं. साल 2020 में देश का विश्वास कोरोना वॉरियर्स पर भी बढ़ा. कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स पर भरोसा करना भी सिखा गया...पुलिस सड़कों पर और डॉक्टर्स अस्पताल में कोरोना के खिलाफ कवच बनकर हमारी सुरक्षा करते रहे...इस दौरान कॉरोना वॉरियर्स हमारे लिए कई-कई दिन अपने घर-परिवार से दूर रहे....तो कई ऐसे भी कोरोना वॉरियर्स थे, जिन्होंने हमारे लिए अपना जीवन तक लोक भलाई के लिए दांव पर लगा दिया...

हरियाणा में कोरोना का कहर

देश में कोरोना के केस बढ़े तो हरियाणा भी पीछे नहीं रहा. दिल्ली के साथ लगते इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही ये पूरे प्रदेश में फैल गया है. आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में अब तक कोरोना के 39 लाख से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं. जिसमें से 36 लाख से ज्यादा सैंपल नेगेटिव पाए गए. जबकि अब तक करीब 2 लाख 49 हजार से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव पाए गए.

अच्छी बात ये है कि जिस तेज़ी से हरियाणा में कोरोना के केस बढ़े. उससे ज्यादा तेज़ी से हरियाणा के लोगों ने कोरोना को मात भी दी. आंकड़ों के मुताबिक अब तक प्रदेश में दो लाख 35 हजार से ज्यादा लोग कोरोना महामारी को हरा चुके हैं. जबकि इस वक्त हरियाणा में सिर्फ 11 हजार के करीब एक्टिव केस हैं.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: कोरोना से जंग की कहानी, सुनिए खुद डॉक्टर और उसके परिवार की जुबानी

तेज़ी से ठीक हो रहे कोरोना मरीज

हरियाणा का रिकवरी रेट इस वक्त 96.50 फीसदी के पार पहुंच चुका है. जो देश में टॉप के पांच राज्यों में आता है. वहीं अगर कोरोना से मरने वालों की बात करें तो प्रदेश में अब तक 2676 लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.

हरियाणा की कोरोना से जंग

देश के तमाम राज्यों की तुलना में हरियाणा की स्थिति काफी बेहतर है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैदी के साथ हरियाणा में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेजों को कम से कम 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने और कोविड अस्पताल बनाने का निर्देश दिया है.

सरकारी या निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित पॉजिटिव मरीज के इलाज पर होने वाले खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. कोरोना संक्रमण के सैम्पल टेस्ट के लिए पूरे राज्य में करीब 10 लैब तय किए हैं. आम आदमी कोरोना की ज्यादा से ज्यादा जांच करवा पाए, इसके लिए कोरोना टेस्ट को बेहद सस्ता किया गया.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में मिले 590 नए कोरोना संक्रमित, रिकवरी रेट हुआ 96.50 प्रतिशत

चंडीगढ़: दुनिया में वक्त-वक्त पर महामारी ने इंसान को परेशान किया है. साल 2020 भी ऐसा ही साल बनकर विश्व के सामने आया. जहां एक वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया. आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे मुल्क भारत भी इसकी जद में आ गया. हालात यहां तक बिगड़ गए कि देश में करीब दो महीने तक लॉकडाउन लगाना पड़ गया.

कोरोना काल में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते साल 2020 में हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई. कोरोना काल में लगभग सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह से बंद करनी पड़ी. इस दौरान सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखा गया. अस्पतालों में तमाम ऑपरेशन और गैर जरूरी सर्जरी को टाल दिया गया. कई अस्पतालों को स्पेशल कोविड केयर सेंटर घोषित किया गया.

साल 2020 में कोरोना के चलते हरियाणा में चरमरा गई स्वास्थ्य सेवाएं

कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ा विश्वास

कोरोना काल में पहली बार समझ में आया कि अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं देश के लिए कितने अहम हैं. साल 2020 में देश का विश्वास कोरोना वॉरियर्स पर भी बढ़ा. कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स पर भरोसा करना भी सिखा गया...पुलिस सड़कों पर और डॉक्टर्स अस्पताल में कोरोना के खिलाफ कवच बनकर हमारी सुरक्षा करते रहे...इस दौरान कॉरोना वॉरियर्स हमारे लिए कई-कई दिन अपने घर-परिवार से दूर रहे....तो कई ऐसे भी कोरोना वॉरियर्स थे, जिन्होंने हमारे लिए अपना जीवन तक लोक भलाई के लिए दांव पर लगा दिया...

हरियाणा में कोरोना का कहर

देश में कोरोना के केस बढ़े तो हरियाणा भी पीछे नहीं रहा. दिल्ली के साथ लगते इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही ये पूरे प्रदेश में फैल गया है. आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में अब तक कोरोना के 39 लाख से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं. जिसमें से 36 लाख से ज्यादा सैंपल नेगेटिव पाए गए. जबकि अब तक करीब 2 लाख 49 हजार से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव पाए गए.

अच्छी बात ये है कि जिस तेज़ी से हरियाणा में कोरोना के केस बढ़े. उससे ज्यादा तेज़ी से हरियाणा के लोगों ने कोरोना को मात भी दी. आंकड़ों के मुताबिक अब तक प्रदेश में दो लाख 35 हजार से ज्यादा लोग कोरोना महामारी को हरा चुके हैं. जबकि इस वक्त हरियाणा में सिर्फ 11 हजार के करीब एक्टिव केस हैं.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: कोरोना से जंग की कहानी, सुनिए खुद डॉक्टर और उसके परिवार की जुबानी

तेज़ी से ठीक हो रहे कोरोना मरीज

हरियाणा का रिकवरी रेट इस वक्त 96.50 फीसदी के पार पहुंच चुका है. जो देश में टॉप के पांच राज्यों में आता है. वहीं अगर कोरोना से मरने वालों की बात करें तो प्रदेश में अब तक 2676 लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.

हरियाणा की कोरोना से जंग

देश के तमाम राज्यों की तुलना में हरियाणा की स्थिति काफी बेहतर है. इसके बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैदी के साथ हरियाणा में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है. हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेजों को कम से कम 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने और कोविड अस्पताल बनाने का निर्देश दिया है.

सरकारी या निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित पॉजिटिव मरीज के इलाज पर होने वाले खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. कोरोना संक्रमण के सैम्पल टेस्ट के लिए पूरे राज्य में करीब 10 लैब तय किए हैं. आम आदमी कोरोना की ज्यादा से ज्यादा जांच करवा पाए, इसके लिए कोरोना टेस्ट को बेहद सस्ता किया गया.

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Last Updated : Dec 31, 2020, 8:45 PM IST
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