चंडीगढ़ः हरियाणा में कोरियन रैपिड किट से हो रहे कोरोना टेस्ट पर भी रोक लगा दी गई है. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरियाई रैपिड किट से अभी तक जितने भी कोरोना टेस्ट किए गए हैं उन्हें वेरिफाई करें.
दरअसल सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिल रही है कि कोरियाई रैपिड किट से जितने टेस्ट किए गए हैं उनके रिजल्ट संतोषजनक नहीं आये हैं. जिसके लिए हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड किट बनाने वाली कोरियाई कंपनी से भी संपर्क साधा है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस किट से कई पॉजिटिव मरीजों का टेस्ट करने पर भी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद इस पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है. इसमें कोरियाई कंपनी से इस किट के इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी भी मांगी गई है ताकि ये साफ हो सके कि स्वास्थ्यकर्मी इस किट का इस्तेमाल सही से कर रहे हैं या नहीं.
ICMR ने दी थी हरी झंडी
दरअसल ICMR ने चाइनीज रैपिड टेस्ट किट के साथ-साथ सभी रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी. लेकिन बाद में हरियाणा को कोरियन रैपिड टेस्ट किट से कोरोना टेस्ट करने की अनुमति मिल गई थी जिसके बाद हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने इस किट का इस्तेमाल शुरू किया था.
कोरियन कंपनी ने दी थी 25000 किट
कोरियाई कंपनी ने हरियाणा को पहली किश्त के तौर पर 25000 टेस्ट किट उपलब्ध कराई थी और कुल मिलाकर हरियाणा को इस कंपनी से लगऊग 1 लाख किट खरीदनी थीं.
किस जिले को मिली थी कितनी किट ?
दक्षिण कोरियाई कंपनी ने पहली खेप में हरियाणा को 25000 टेस्ट किट उपलब्ध कराई थी. जिसे हरियाणा ने दिलों में जरूरत के हिसाब से बांटा था. उस वक्त कोरोना हॉटस्पॉट नूंह, पलवल, गुरुग्राम और फरीदाबाद को 1500-1500 किट दी गई थीं. पंचकूला को 2000 किट उपलब्ध कराई गई थीं. अंबाला, रोहतक और सोनीपत को 1-1 हजार किट दी गई थी. इसके अलावा राज्य में सभी मेडिकल कॉलेजों को 500 रैपिड किट आवंटित की गई थीं.
साथ ही सिविल सर्जनों को ये निर्देश जारी किये गए थे कि इनमें से 7 प्रतिशत किट फील्ड में काम करने वाले और संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए इस्तेमाल करें. 14 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों पर, 7 प्रतिशत पुलिस कर्मियों पर, 7 प्रतिशत स्ट्रीट वेंडर, मीडियाकर्मी, अखबार विक्रेताओं और जिला प्रशासन के लिए इस्तेमाल करें.
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