ETV Bharat / city

चंडीगढ़ बीजेपी में मेयर पद की उम्मीदवारी पर मचा घमासान, दिल्ली तक पहुंचा मामला - चंडीगढ़ बीजेपी में मेयर पद का उम्मीदवार

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर बीजेपी में घमासान मचा हुआ है. मामला इतना बढ़ चुका है कि अब केंद्रीय नेतृत्व ही इसमें कोई फैसला करेगा.

chandigarh-bjps-candidature-for-mayor
चंडीगढ़ बीजेपी में मेयर पद की उम्मीदवारी पर मचा घमासान
author img

By

Published : Jan 3, 2021, 1:35 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मेयर पद की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी में घमासान बढ़ता जा रहा है. मामला इतना बढ़ गया है कि अब ये मुद्दा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के पास पहुंच गया है. चंडीगढ़ भाजपा के नेता मेयर पद की उम्मीदवारी पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरूण सूद

मेयर पद की रेस में कई चेहरे

इस दौड़ में मौजूदा सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा, डिप्टी मेयर जगतार जग्गा, पूर्व मेयर आशा जसवाल, पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली शामिल हैं. लेकिन अब चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद भी उम्मीदवारी की रेस में शामिल हो गए हैं.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली

बीजेपी का मेयर बनना तय

इस समय सदन में 20 पार्षद हैं. जिस वजह से भाजपा उम्मीदवार का मेयर बनना तय है. अगले साल नगर निगम के चुनाव होने हैं. इसलिए निगम कार्यकाल का यह आखिरी साल है. पार्टी मेयर उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने में काफी सावधानी बरत रही है. ताकी कोई भी नेता नाराज ना हो. पार्टी लगातार सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन के संपर्क में है. चंडीगढ़ भाजपा के प्रभारी दुष्यंत गौतम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
पूर्व मेयर आशा जसवाल

गुटबाजी से बचने की कोशिश

पार्टी नामांकन करने के आखिरी दिन 4 जनवरी को ही अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी. ताकी चुनाव में किसी को बागी होने का मौका ना मिले और गुटबाजी का भी समय ना मिले. दूसरी और चुनाव को लेकर कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. कांग्रेस भी भाजपा में होने वाली गुटबाजी को लेकर सतर्क है. क्योंकि अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस उसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

पहले भी बीजेपी में हुई थी गुटबाज़ी

भाजपा में पहले भी कई बार गुटबाजी सामने आ चुकी है. साल 2017 में जब देवेश मुद्गिल को उम्मीदवार बनाया गया था. तब पूर्व मेयर आशा जसवाल नाराज हो गई थी और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चर्चा भर दिया था. जिसे बाद में रद्द करवाया गया. साल 2018 में जब राजेश कालिया को मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया था. तब सतीश कैंथ ने बागी होकर चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे. बाद में भी कांग्रेस में शामिल हो गए.

चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मेयर पद की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी में घमासान बढ़ता जा रहा है. मामला इतना बढ़ गया है कि अब ये मुद्दा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के पास पहुंच गया है. चंडीगढ़ भाजपा के नेता मेयर पद की उम्मीदवारी पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
चंडीगढ़ बीजेपी अध्यक्ष अरूण सूद

मेयर पद की रेस में कई चेहरे

इस दौड़ में मौजूदा सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा, डिप्टी मेयर जगतार जग्गा, पूर्व मेयर आशा जसवाल, पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली शामिल हैं. लेकिन अब चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष अरुण सूद भी उम्मीदवारी की रेस में शामिल हो गए हैं.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
पार्षद शक्ति प्रकाश देवशाली

बीजेपी का मेयर बनना तय

इस समय सदन में 20 पार्षद हैं. जिस वजह से भाजपा उम्मीदवार का मेयर बनना तय है. अगले साल नगर निगम के चुनाव होने हैं. इसलिए निगम कार्यकाल का यह आखिरी साल है. पार्टी मेयर उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने में काफी सावधानी बरत रही है. ताकी कोई भी नेता नाराज ना हो. पार्टी लगातार सांसद किरण खेर, पूर्व सांसद सत्यपाल जैन, पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन के संपर्क में है. चंडीगढ़ भाजपा के प्रभारी दुष्यंत गौतम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.

Chandigarh BJP's candidature for mayor
पूर्व मेयर आशा जसवाल

गुटबाजी से बचने की कोशिश

पार्टी नामांकन करने के आखिरी दिन 4 जनवरी को ही अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी. ताकी चुनाव में किसी को बागी होने का मौका ना मिले और गुटबाजी का भी समय ना मिले. दूसरी और चुनाव को लेकर कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. कांग्रेस भी भाजपा में होने वाली गुटबाजी को लेकर सतर्क है. क्योंकि अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस उसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.

पहले भी बीजेपी में हुई थी गुटबाज़ी

भाजपा में पहले भी कई बार गुटबाजी सामने आ चुकी है. साल 2017 में जब देवेश मुद्गिल को उम्मीदवार बनाया गया था. तब पूर्व मेयर आशा जसवाल नाराज हो गई थी और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चर्चा भर दिया था. जिसे बाद में रद्द करवाया गया. साल 2018 में जब राजेश कालिया को मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया था. तब सतीश कैंथ ने बागी होकर चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे. बाद में भी कांग्रेस में शामिल हो गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.