चंडीगढ़: राज्य सरकार प्रदेश में हालात सामान्य करने की दिशा में निरंतर कदम बढ़ा रही है. हालात सामान्य करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार राजस्व को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक गतिविधियों को वापस पटरी पर ला रही है. लॉकडाउन-4 के दिशा-निर्देशों में और रियायत मिलने से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और इससे प्रदेश का राजस्व भी बढ़ेगा.
सरकार को आबकारी विभाग से मिला राजस्व
सीएम मनोहर लाल ने राजस्व बढ़ोतरी के लिए आगामी कुछ दिनों को अहम बताते हुए कहा कि इस माह से प्रदेश के राजस्व में और सुधार जरूर देखने को मिलेगा. पिछले एक सप्ताह में आबकारी विभाग को 300 से 350 करोड़ रुपये के बीच का राजस्व प्राप्त हुआ. इसी तरह तहसीलों व उप-तहसीलों में शुरू की गई रजिस्ट्री प्रक्रिया के माध्यम से प्रदेश को करीब 100 करोड़ रूपये का राजस्व मिला.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सभी को काम करने की परमिशन दे दी गई है. वहीं कंटेनमेंट जोन में पड़ने वाले उद्योगों को परमिशन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होगा ताकि कर्फ्यू पास के माध्यम से कार्य किया जा सके. कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकार पूरी सावधानी के साथ उद्योगों को शुरू कर रही है. औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली जगह पर कोई कोरोना वायरस का मामला मिलता है तो सरकार वहां सैनिटाइजेशन करने के लिए अवधि भी निर्धारित करेगी ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव न हो सके.
मनरेगा के तहत 1000 करोड़ रु का रोजगार देने की योजना
प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि एक हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ मनरेगा के जरिये इस वर्ष बड़े पैमाने पर विकास कार्य करवाए जाएंगे. राज्य को आर्थिक सहायता के लिए भी केंद्र का धन्यवाद किया और कहा कि केंद्र की सहायता से राज्य को मजबूती मिलेगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 5 सालों में हर साल मनरेगा के जरिये 350 से 450 करोड़ रुपये तक के काम करवाए जाते रहे हैं लेकिन इस साल लक्ष्य है कि नए कामों को शामिल करके 1000 करोड़ का रोजगार मनरेगा के जरिये दिया जा सके. स्कूलों में निर्माण, नदियों की सफाई, वन विभाग के काम और पौधे लगाने आदि में इस वर्ष मनरेगा मजदूरों की मदद ली जाएगी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि रजिस्ट्रियों से राजस्व प्राप्त होना शुरू हुआ है और अब इसमें तेज़ी लाई जाएगी. अब पूरे हरियाणा में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रजिस्ट्री का काम हो सकेगा. साथ ही जिला उपायुक्तों को अधिकार दिया गया है कि वे अपने यहां बाज़ार और व्यावसायिक गतिविधियां शुरु करने पर योजना बनाएं और लागू करें. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ने और उद्योगों के शुरू होने से इस महीने के अंत तक संतोषजनक राजस्व आने लगेगा.
दूसरे राज्यों को बसें चलाने के लिए लिखा पत्र
हरियाणा सरकार ने लोगों की सुविधा को देखते हुए यात्रियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए विभिन्न रूटस को संचालित करने का निर्णय लिया है और इस संबंध में हरियाणा सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और यूटी चंडीगढ़ को सहमति के लिए पत्र लिखा है ताकि लोगों को आवागमन सुविधाएं प्रदान की जा सके.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के तहत अंतरराज्यीय आवागमन के लिए यात्री वाहनों और बसों को आपसी सहमति से चलाने के लिए अनुमति दी गई है. इसी के मद्देनजर, हरियाणा राज्य ने विभिन्न नियमित रूटस पर बसों को चलाने के लिए प्रस्ताव रखा है जिसके तहत विभिन्न राज्यों के लिये हरियाणा के विभिन्न शहरों से बसों को चलाया जाएगा.
इन रूट्स पर बसें शुरू करने का किया आग्रह
इसके अलावा, इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे हरियाणा के विभिन्न रूट्स पर चलाए जाने वाली बसों के अतिरिक्त हरियाणा में वे अपने अन्य रूट्स के संचालन का भी सुझाव भी शीघ्र दें. इन राज्यों के परिवहन विभाग को पत्र लिखकर उनकी सहमति के लिए कहा गया है. सीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए फरीदाबाद से अलीगढ़ व वापसी, गुरुग्राम से अलीगढ़ व वापसी, पानीपत से बरेली वाया मुरादाबाद व वापसी और गुरुग्राम से मथुरा व वापसी के रूट्स शामिल हैं.
ऐसे ही, राजस्थान के लिए गुरुग्राम से जयपुर और वापसी, राजस्थान के लिए हिसार से अजमेर और वापसी, पंजाब राज्य के लिए करनाल से अमृतसर और वापसी, हिमाचल प्रदेश के लिए अंबाला-पंचकूला-शिमला व वापसी, उत्तराखंड राज्य के अंबाला-यमुनानगर-देहरादून और वापसी, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए गुरुग्राम से चंडीगढ़ व वापसी, दिल्ली के लिए पंचकूला से दिल्ली और वापसी तथा मध्य प्रदेश राज्य के लिए ग्वालियर व वापसी के रूटों का प्रस्ताव है.
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