चंडीगढ़: पाकिस्तानी सीमा से सटे पंजाब के रास्ते हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और राजस्थान तक इसका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इन सभी राज्यों के लिए नशा तस्करी की समस्या बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी अपना ऐक्शन प्लान तैयार किया है. पंजाब सीमा से लगने वाले हरियाणा में भी ड्रग्स की तस्करी बेखौफ जारी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राज्स्थान तक नशे का अवैध कारोबार फैला हुआ है. कई बार हरियाणा में नशा तस्करी का अंतरराष्ट्रीय रैकेट भी पकड़ा जा चुका है.
नशे की चपेट में हरियाणा के जिले- देश के करीब 270 नशा प्रभावित जिलों में से हरियाणा के भी 10 जिले शामिल हैं. हरियाणा में सबसे ज्यादा नशा प्रभावित जिलों (drugs affected districts in Haryana) में सिरसा, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, अंबाला, नूंह, कुरुक्षेत्र सोनीपत और पानीपत शामिल हैं. इनमें सिरसा, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, नूंह, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत व सोनीपत जिले पूरी तरह से नशे की चपेट में आ चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक केवल सिरसा जिले में ही 20 फीसदी लोग नशे की चपेट में हैं. यहां इस साल मई महीने में नशे की ओवरडोज से करीब 7 लोगों की मौत हो गई थी. सिरसा में पिछले 8 साल के दौरान सवा लाख से ज्यादा लोग नशा मुक्ति के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे हैं.
हरियाणा में बरामद नशीले पदार्थ- हरियाणा पुलिस ने साल 2021 में कुल 19.03 टन मादक पदार्थ की बरामदगी की थी. मादक पदार्थों की यह बरामदगी जनवरी से नवंबर माह तक की गई (Haryana Drugs Recovered In 2021) थी. 2021 के पहले 11 महीनों के दौरान हेरोइन, चरस, सुल्फा, स्मैक, अफीम, चूरा व डोडा पोस्त, गांजा सहित 19036 किलोग्राम मादक पदार्थ की बरामदगी की गई. आरोपियों से 271 किलोग्राम अफीम, 140 किलोग्राम से अधिक चरस और सुल्फा, 6931 किलोग्राम चूरा और डोडा पोस्त, 8 किलो 218 ग्राम स्मैक, 11666 किलोग्राम गांजा और 16 किलो 882 ग्राम हेरोइन बरामद की गई.
नशे के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ हरियाणा सरकार ने नशा प्रभावित जिलों के युवाओं को नशे के मकड़जाल से बाहर निकालने के लिए और नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है. चंडीगढ़ में नारकोटिक्स ब्यूरो के सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की. बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि आने वाले दिनों में नशे के कारोबार पर कैसे लगाम लगाई जाए.
नशे से निपटने के लिए टोल फ्री नंबर- नशे के कारोबार में लगे लोगों की पहचान के लिए सरकार कई मुहिम चला रही है. इसके लिए हरियाणा सरकार ने टोल फ्री नंबर 9050891508 जारी किया है. जिस पर आम लोग नशे और इससे जुड़े लोगों के बारे में सूचना दे सकते हैं. सरकार धाकड़ नाम से भी नशे के खिलाफ कार्यक्रम चला रही है. धाकड़ के जरिए नशे से निपटने के लिए ग्राम स्तर पर भी समितियां बनाई गई हैं. इसके अलावा कॉलेज के छात्रों की टीम बनाकर इसकी सूचना देने की शुरुआत की गई है. हरियाणा सरकार ने नशा तस्करी में शामिल लोगों की संपत्ति भी जब्त करने का फैसला भी लिया है.
एंटी ड्रग सेंटर की स्थापना- हरियाणा सरकार ने 2018 में ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया था. करनाल जिले के मधुबन में इसका मुख्यालय है. उत्तर भारत के सात राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, नई दिल्ली व जम्मू-कश्मीर ने साथ मिलकर पंचकूला में एंटी ड्रग सेंटर स्थापित (Anti Drug Center in Panchkula) किया गया है. जिसके जरिए नशा विरोधी मुहिम को ये सभी राज्य एक साथ मिलकर अंजाम दे रहे हैं और सभी जरूरी सूचनाएं आपस में शेयर करते हैं.
हरियाणा में दूसरे राज्यों ड्रग्स की खेप आ रही हैं. हरियाणा ने नशे के खिलाफ कई कारगर कदम उठाए हैं. हर महीने एनडीपीसी एक्ट में 200 से अधिक मुकदमे दर्ज किये गये हैं. 2021 में 2661 आरोपी गिरफ्तार किए गये. जून 2022 तक 253 ड्रग तस्करों से करीब 32 करोड़ की काली कमाई जब्त की गई. प्रदेश में 142 नशा मुक्ति केंद्र खोले गए. साथ ही हर जिले के सिविल अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोलने का लक्ष्य है. मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह से निपटने के लिए पंचकूला में एंटी ड्रग सचिवालय (Anti Drug Secretariat in Panchkula) की स्थापना की गई है. इसके जरिए उत्तरी भारत के 8 राज्य सूचनाएं आपस में साझा करते हैं. हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना के साथ युवाओं की क्षमता का सकारात्मक प्रयोग करने के लिए खेलों को बढ़ावा दिया गया.