ETV Bharat / city

बीजेपी सरकार तेल का रेट बढ़ाकर जनता का तेल निकाल रही है- भूपेंद्र सिंह हुड्डा - भूपेंद्र सिंह हुड्डा बीजेपी

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार तेल का रेट बढ़ाकर जनता का तेल निकालने का काम कर रही है.

Bhupendra Singh Hooda targets BJP on rising prices of petrol and diesel
बीजेपी सरकार तेल का रेट बढ़ाकर जनता का तेल निकाल रही है- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
author img

By

Published : Jun 25, 2020, 5:10 PM IST

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 19 दिनों से लगातार बढ़ रहे तेल के दामों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने का काम किया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम सबसे ज्यादा आम आदमी और किसान पर भारी पड़ रहे हैं. क्योंकि खेती का ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है. सिंचाई से लेकर ट्रांसपोर्ट तक में सबसे ज्यादा डीजल का इस्तेमाल होता है.

लेकिन मौजूदा सरकार ने डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल में मुकाबला चल रहा है कि पहले 100 का आंकड़ा कौन छूएगा. तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है. अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, और उत्पादन महंगा हो जाएगा. जिसके चलते हर चीज़ के दाम बढ़ेंगे.

सरकार तेल के दाम बढ़ाकर जनता का तेल निकालने में लगी हुई है.उन्होंने कहा कि महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाए महंगाई की मार मारने में लगी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों से कई गुणा टैक्स वसूल रही है और कर्ज भी कई गुणा ले चुकी है. इसके बावजूद भी गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार और कारोबारी किसी भी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नहीं दे पा रही है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमारे कार्यकाल में तेल सबसे सस्ता था. क्योंकि उस पर टैक्स कम थे. अगर हरियाणा की बात की जाए तो हमारे कार्यकाल में दूसरे राज्यों के लोग भी यहां से तेल डलवाना पसंद करते थे. बॉर्डर के हर पेट्रोल पंप पर लिखा होता था कि ये हरियाणा का पहला और आखिरी पेट्रोल पंप है. ताकि लोगों को पता चल जाए कि यहां सस्ता तेल मिलेगा. क्योंकि हमारे कार्यकाल में तेल पर वैट 9 प्रतिशत था. जो बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है.

हरियाणा में भी पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने वाले हैं. महज 19 दिन में पेट्रोल के दाम 8.66 रुपये और डीजल के दाम 10.62 रुपये बढ़ चुके हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने 5 मई को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को कम करके अगस्त 2004 के स्तर पर लाया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि 2004 की तरह आज भी कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. अगस्त 2004 में पेट्रोल 36.81 डीजल 24.16 रुपये प्रति लीटर और एलपीजी सिलेंडर 261.60 रुपये का था. लेकिन आज पेट्रोल-डीज़ल करीब 80 रुपये और सिलेंडर करीब 600 रुपये में बेचा जा रहा है. कांग्रेस कार्यकाल में ये इतना रेट तब भी नहीं था जब मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी. तब भी पेट्रोल 71 रुपये और डीजल 55 रुपये प्रति लीटर था.

ये भी पढ़िए: कोरोना के बाद आम लोगों पर महंगाई की मार, पेट्रोल-डीजल के दाम में रिकॉर्ड वृद्धि

लेकिन आज कच्चे तेल की क़ीमतें आधी से भी कम हो चुकी हैं. इसके बावजूद तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. हुड्डा ने तेल की बढ़ाई गई दरों का पुरजोर विरोध करते हुए मांग की कि प्रदेश सरकार दुगुना वैट और केंद्र सरकार द्वारा थोपे हुए टैक्स को कम करे. ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का फायदा आम जनता को मिल सके.

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 19 दिनों से लगातार बढ़ रहे तेल के दामों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने का काम किया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम सबसे ज्यादा आम आदमी और किसान पर भारी पड़ रहे हैं. क्योंकि खेती का ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है. सिंचाई से लेकर ट्रांसपोर्ट तक में सबसे ज्यादा डीजल का इस्तेमाल होता है.

लेकिन मौजूदा सरकार ने डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल में मुकाबला चल रहा है कि पहले 100 का आंकड़ा कौन छूएगा. तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है. अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, और उत्पादन महंगा हो जाएगा. जिसके चलते हर चीज़ के दाम बढ़ेंगे.

सरकार तेल के दाम बढ़ाकर जनता का तेल निकालने में लगी हुई है.उन्होंने कहा कि महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाए महंगाई की मार मारने में लगी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों से कई गुणा टैक्स वसूल रही है और कर्ज भी कई गुणा ले चुकी है. इसके बावजूद भी गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार और कारोबारी किसी भी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नहीं दे पा रही है.

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमारे कार्यकाल में तेल सबसे सस्ता था. क्योंकि उस पर टैक्स कम थे. अगर हरियाणा की बात की जाए तो हमारे कार्यकाल में दूसरे राज्यों के लोग भी यहां से तेल डलवाना पसंद करते थे. बॉर्डर के हर पेट्रोल पंप पर लिखा होता था कि ये हरियाणा का पहला और आखिरी पेट्रोल पंप है. ताकि लोगों को पता चल जाए कि यहां सस्ता तेल मिलेगा. क्योंकि हमारे कार्यकाल में तेल पर वैट 9 प्रतिशत था. जो बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है.

हरियाणा में भी पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने वाले हैं. महज 19 दिन में पेट्रोल के दाम 8.66 रुपये और डीजल के दाम 10.62 रुपये बढ़ चुके हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने 5 मई को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को कम करके अगस्त 2004 के स्तर पर लाया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि 2004 की तरह आज भी कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के करीब है. अगस्त 2004 में पेट्रोल 36.81 डीजल 24.16 रुपये प्रति लीटर और एलपीजी सिलेंडर 261.60 रुपये का था. लेकिन आज पेट्रोल-डीज़ल करीब 80 रुपये और सिलेंडर करीब 600 रुपये में बेचा जा रहा है. कांग्रेस कार्यकाल में ये इतना रेट तब भी नहीं था जब मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी. तब भी पेट्रोल 71 रुपये और डीजल 55 रुपये प्रति लीटर था.

ये भी पढ़िए: कोरोना के बाद आम लोगों पर महंगाई की मार, पेट्रोल-डीजल के दाम में रिकॉर्ड वृद्धि

लेकिन आज कच्चे तेल की क़ीमतें आधी से भी कम हो चुकी हैं. इसके बावजूद तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. हुड्डा ने तेल की बढ़ाई गई दरों का पुरजोर विरोध करते हुए मांग की कि प्रदेश सरकार दुगुना वैट और केंद्र सरकार द्वारा थोपे हुए टैक्स को कम करे. ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का फायदा आम जनता को मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.