चंडीगढ: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले 9 बैंक यूनियनों ने सोमवार से दो दिन की बैंक हड़ताल का आह्वान किया है. यूनियन ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में ये हड़ताल बुलाई है. यूनियन के अधिकारियों द्वारा ये कहा गया है कि इस हड़ताल में 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक संजीव कुमार ने कहा कि सरकार सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सौंपने जा रही है. सरकार का ये कदम देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ गरीबों के साथ भी खिलवाड़ करने जैसा होगा क्योंकि गरीब लोग सरकारी बैंकों से ही अपने खाते चलाते हैं.
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सरकारी बैंकों में जीरो बैलेंस पर भी खातों को चलाया जा सकता है, लेकिन प्राइवेट बैंकों में मिनिमम बैलेंस बनाए रखना पड़ता है. जिसे बनाया रखना गरीबों की बस की बात नहीं. सरकारी बैंकों की वजह से ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली थी. उन्हें निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा तो ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि जिन पूंजीपतियों की वजह से कई बैंक डूब चुके हैं. उनकी वजह से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. बहुत से लोगों की जीवन भर की पूंजी चली गई है. अब सरकार उन्हीं पूंजीपतियों को सरकारी बैंक सौंपने की तैयारी कर रही है, जो सरासर गलत है. अब जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
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