चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया. इसके साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विदेश यात्रा से लौटने वाले लोगों को कम से कम 2 सप्ताह अलग-अलग रहने की अपील की है.
इधर कोरोना वायरस के भय का मुनाफाखोरों ने लाभ उठाना शुरू कर दिया है तो वहीं नकली हैंड सैनिटाइजर बनाने वाले सक्रिय हो गए हैं. हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. अनिल विज ने बताया कि प्रदेश भर में ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए अभियान छेड़ दिया गया है. शिक्षा संस्थानों, नर्सिंग होम और अस्पतालों में ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है.
उन्होंने बताया कि हरियाणा महामारी कोविड 2020 नियम भी जारी किए हैं. सभी जिलों के मजिस्ट्रेट, सिविल सर्जन एवं अन्य अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में संक्रमण से बचाने के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों को कहा गया है कि संदिग्ध मरीजों के संपर्क में ना आए.
ये भी पढ़ेंः- राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किए दो उम्मीदवार, कांग्रेस में खींचतान जारी
हरियाणा के खाद्य और औषधि प्रशासन की एक टीम ने गुरुग्राम जिले के मानेसर में स्प्रिट आधारित हैंड सैनिटाइजर बनाने वाली फैक्ट्री को पकड़ा है. औषधि और सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत इस फैक्ट्री का कोई लाइसेंस भी नहीं था.
विज ने बताया कि महामारी घोषित करने से सरकार को संदिग्ध लोगों को अलग-थलग निगरानी में रखने का अधिकार मिल जाता है. हाल ही में इटली से आए 83 लोगों ने आइसोलेशन वार्ड में जाने से इनकार कर दिया था. महामारी घोषित किए जाने के बाद ऐसे लोगों को निगरानी में रहने के लिए आइसोलेशन वार्ड में रहने को मजबूर किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि अब तक हरियाणा में 1578 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से 44 लोगों के नमूने जांच के लिए प्राप्त किए गए जिनमें से 38 नमूनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं, बाकी नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः- नूंह: पिनगवां पुलिस ने 11 जुआरियों से हजारों की नकदी और ताश के पत्ते बरामद किए